बाबा रामदेव प्रकरण : रोको उसे वो सच बोल रहा है कुछ पुख़्ता मक़ानों की छतें खोल रहा है
वैचारिक ग़रीबी से जूझते भारत को देख भारतीय-प्रजातंत्र की स्थिति का आंकलन सारे विश्व ने कर ही लिया है.अब शेष कुछ भी नहीं है कहने को. फ़िर भी कुछ विचारों को लिखा जाना ज़रूरी है जो बाबा रामदेव के अभियान को नेस्तना बूद करने बाद देश भर की सड़कों नुक्कड़ों घरों, कहवा घरों में दिन भर चली बातों से ज़रा सा हट के हैं. मुझे याद आ रही है मित्र शेषाद्री अय्यर अक्सर अपनी महफ़िल में गाया करतें हैं:- नीरज़ दीवान के ब्लाग पर लगी तस्वीर "रोको उसे वो सच बोल रहा है कुछ पुख़्ता मक़ानों की छतें खोल रहा है !!" साभार : कीर्तीश भट्ट के ब्लाग बामुलाहिज़ा से दिल्ली ने बाबा को पुख़्ता मक़ानों की छतें खोलने से चार मई की रात रोक दिया . आंदोलन को रोकने की वज़ह भी पुलिस वाले आला हुज़ूर ने मीडिया के ज़रिये सबको बताईं . जनता को सफ़ाई देने के लिये प्रशासन के ओहदेदार आए सरकार का पक्ष रखा गया . साहब जी ने बताया कि पंडाल में तनिक भी लाठी चार्ज नहीं हुआ. साहब सही बोले बताओ हमारे एक ब्लागर भाई नीरज़ दीवान ने अपने ब्लाग की बोर्ड " की बोर्ड का सिपाही " पर लगाई इस तस्वीर को ध्यान से