बुद्ध मुस्कुराए थे उस दिन याद है न ?
जी ऐसी ही मृदुल मुस्कान रही होगी बुद्ध की अटल जी बोले होंगे- कमाल कर दिया आपने जवाब में कलाम साहब ने ये कहा होगा :- श्रीमान बुद्ध की मुस्कान देखिये बुद्ध मुस्कुराए थे उस दिन 11 मई 1998 को दशकों से बस्ते में बंधा संकल्प अचानक आकार ले लेगा इसका इल्म न था किसी को भी न ही यहां तक कि विश्व के "दादा" को भी नहीं. पोखरण में ये भारत का 18 मई 1974 के 24 बरस बाद दूसरा परीक्षण था. फ़िर 13 मई 1998 को पांचवां परीक्षण होते ही भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बन चुका था. उस दिन यानी 11 मई 1998 को बुद्ध-पूर्णिमा थी. एक बार बुद्ध के दर्शन को विश्व ने चकित हो स्वीकारा था . चकित तो उस बुद्ध पूर्णिमा पर भी था जब भारत ने पोखरण में परीक्षण किया. कलाम साहब के चेहरे का ओज अटल जी में आत्म विश्वास देखते ही बन रहा था. भारत का एक एक नागरिक जो इस बात को समझता था इतना खुश था गोया उसे कोई खजाना मिल गया हो. खुश हों भी क्यों न भारत का भाल उजारते इन आईकान्स ने जो भी किया था उस दिन उससे विश्व में भारत नये रूप में उभरने वाला जो था. हुआ भी यही आप देख रहें हैं. जी वो दिन कि