बमबुलियाँ: लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बमबुलियाँ: लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

10.10.08

बुन्देली समवेत लोकगीत:बमबुलियाँ:


पढ़ें लिखों को है राज
बिटिया....$......हो बाँच रे
पुस्तक बाँच रे.......
बिन पढ़े आवै लाज बिटिया बाँच रे
हो.....पुस्तक बाँच रे.......!!
[01]
दुर्गावती के देस की बिटियाँ....
पांछू रहे काय आज
बिटिया........बाँच ......रे......पुस्तक बाँच ........!
[02]
जग उजियारो भयो.... सकारे
मन खौं घेरत जे अंधियारे
का करे अनपढ़ आज रे
बाँच ......रे....बिटिया ..पुस्तक बाँच ........!
[03]
बेटा पढ़ खैं बन है राजा
बिटियन को घर काज रे.....
कैसे आगे देस जो जै है
पान्छू भओ समाज रे.....
कक्का सच्ची बात करत हैं
दोउ पढ़ हैं अब साथ रे .............!!

गिरीश बिल्लोरे मुकुल
969/-2,गेट नंबर-04 जबलपुर .प्र.
MAIL : girishbillore@gmail.com
इस विषय पर आलेखhttp://billoresblog.blogspot.com/2008/10/blog-post_8836.html, पर उपलब्ध कराया जा रहा है

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...