शिक्षक दिवस के अवसर पर आज बालाघाट में ऐतिहासिक शिक्षक सम्मान समारोह में एक हजार शिक्षकों का सम्मान किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन ने गुरुजनों की वंदना करते हुए उनकी चरण-रज माथे पर लगाकर विद्यार्थियों के सामने उदाहरण पेश किया। प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा राष्ट्रपति पदक से अलंकृत स्वर्गीय श्री श्यामबिहारी वर्मा की स्मृति में आयोजित गुरूजन सम्मान एवं चरण-पूजन समारोह के मुख्य अतिथि वित्त मंत्री राघवजी ने गुरुजनों के सम्मान समारोह को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि गुरूजनों को उनके योग्य शिष्य मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा दिया गया यह सम्मान अविस्मरणीय रहेगा। श्री राघवजी ने कहा कि योग्य शिष्य ही गुरू की महिमा एवं सम्मान को बढ़ाता है। गुरू वशिष्ठ का सम्मान राम-लक्ष्मण ने बढ़ाया था। इसी तरह गुरू सांदीपनि-श्रीकृष्ण, समर्थ गुरू रामदास-शिवाजी और गुरू चाणक्य के शिष्य चन्द्रगुप्त की कीर्ति से कौन परिचित नहीं है। मंत्री श्री राघवजी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विगत साढ़े सात वर्षों में शासन के सीमित साधनों के बावजूद गुरूजनों को भरपूर सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी सरकार गुरूजनों की समस्याओं के निराकरण में पीछे नहीं रहेगी। श्री राघवजी ने बताया कि उन्होंने भी दो वर्ष तक अध्यापन कार्य किया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूँ वह गुरूजनों द्वारा दिये गये संस्कार, ज्ञान और कृपा की बदौलत हूँ। मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि अगले वर्ष भी शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरूजनों के सम्मान में भव्य एवं गरिमामय समारोह का आयोजन किया जायेगा। प्रारंभ में मंत्री श्री बिसेन और श्रीमती रेखा बिसेन ने गुरुजनों का चरण पखार, चरण रज को माथे पर लगाकर, तिलक लगाकर, पगड़ी पहना कर, शाल, श्रीफल और मिष्ठान्न भेंट कर सम्मान किया। समारोह में गुरुजन ने मंत्री श्री बिसेन के बचपन के संस्मरण सुनाये। मंत्री श्री बिसेन ने भी स्वर्गीय पं. श्यामबिहारी वर्मा के कड़े अनुशासन तथा शिक्षा के प्रति उनके समर्पित व्यक्तित्व का स्मरण किया। उन्होंने स्वर्गीय वर्मा के पुत्र धीरेन्द्र वर्मा एवं परिजनों को सम्मानित किया। मंत्री द्वय ने समारोह की स्मारिका का भी विमोचन किया। समारोह में छिंदवाड़ा जिले के निवासी अमर शहीद अमित ठेंगे के माता-पिता का भी सम्मान हुआ। |
दुर्गेश रायकवार |
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सोमवार, सितंबर 05, 2011
योग्य शिष्य ही गुरु की सबसे बड़ी दौलत - वित्त मंत्री राघव जी, गुरुजनों के सम्मान में सदैव नतमस्तक रहूँगा - सहकारिता मंत्री श्री बिसेन
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