मुंबई में आतंकवादी हरकत के परिपेक्ष्य में ज़ारी ' भारत की सुरक्षा के सूत्रों के मुताबिक इस ब्लॉग में जो भी कुछ लिखा गया है वो कोई व्यक्तिगत लाभ के उद्येश्य से उसके बाद आम आदमी की भी मीडिया से कुछ अपेक्षा रही है जिसे ब्लॉगर पहले ही व्यक्त कर चुका है कला संस्कृति सद्भावना की भाषा पाकिस्तान को जितने बार समझाई गयी उतनी तो इन चैनल्स की उम्र नहीं है जिनने एस एम एस के धंधे के नाम पे कला का बाज़ार सज़ा रखा है। सभी देश भक्तो कृपया पाकिस्तान की सरकार और उस देश के जन नायकों को यह समझाना ज़रूरी है की आतंकवाद की वज़ह से पाकिस्तान को कितनी रुसवाई भोगनी पड़ सकती है। शिव-सेना से पहले ब्लॉगर इस मसले पर कह चुकें हैं की राष्ट्र हित में पकिस्तान की उपेक्षा की जाए । ऐसी मांग कोई नाजायज़ नहीं है न ही इसे नाजायज ठहराया जाए ।
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