पाकिस्तान में सकारात्मक विचारक भी हैं
हमसाये मुल्क पाकिस्तान में भारत की तरक्की से सबक लेने की सलाह देने वालों की कमी नहीं हैं . भारत की तरक्की की वज़ह के बारे में पाकिस्तानी विचारकों की सोच बेहद सकारात्मक है कुछ विद्वान् भारतीय सनातनियों के योग्यता के इतने कायल हैं कि वे मानतें हैं कि अगर भारत ने आज जो मुकाम हासिल किया है वो भारतीयों को विरासत में हासिल पठन-पाठन की अभिरुची से ही हासिल हैं . वे भारतीय शिक्षा प्रणाली को मुग़ल काल से ही बेहतर मानते हैं . क्लासरा और इनकी तरह के पाकिस्तानी विचारक एवं विश्लेषक जब तुलनात्मक विश्लेष्ण करतें हैं तो उनका नज़रिया पाकिस्तानी सरकार को विकास के एजेंडे को प्राथमिकता देने की सलाह होता है. रऊफ क्लासरा एक ऐसे ही विश्लेषक पत्रकार हैं जो अपने एपिसोडस में बड़े अदब से न केवल हाकिम-ओ-हुक्मरानों को समझातें है बल्कि पाकिस्तानी आवाम को भी बाकायदा नसीहतें देना नहीं भूलते . वास्तव में अब वैश्विक समग्र विकास के दौर में हर देश को धर्म पंथ विचारधारा क्षेत्रवाद आदि से इतर केवल मानवतावादी विश्व की स्थापना के लिए काम करना ही होगा . जहां से जो बेहतर मिले उसे स्वीकारने में कोई संको