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बुधवार, अगस्त 26, 2020

*धर्मयुद्ध : क्रूसेड्स, ज़ेहाद, महाभारत एवम लंका-विजय..!*

बाबूजी ने बताया था कि उनकी टेक्स्ट बुक में *एथेंस के सत्यार्थी* शीर्षक से एक पाठ था । उनके अनुसार एथेंस के सत्यार्थी तिमिर से प्रकाश की कल्पना करते हुए ज्योतिर्मय होना चाहते थे । जबकि सनातनी दर्शन में हम प्रकाश से महाप्रकाश में विलीन हो जाना चाहते हैं ! 
अब्राहम धर्मों के लोग कहते हैं - अल्लाह सबका है हर चीज पर उसका अधिकार है ! 
हम कहतें हैं - सबमें ब्रह्म है । परस्पर विरोधी विचार होने के बावज़ूद दौनों ही विचार युद्ध से विमुख करते हैं । 
ईसा मसीह कभी हिंसा पर भरोसा नहीं करते थे । तो फिर 
फिर क्रूसेट क्यों हुए थे ?
अथवा फिर ज़ेहाद क्यों होते हैं ?
इसके अलावा सनातन आर्यावर्त्य के धर्मयुद्ध लंका-विजय एवम महाभारत हैं आइये सबसे पहले जानते हैं कि- 
*धर्मयुद्ध क्या है ?* 
क्रुसेड्स एवम ज़ेहाद से भिन्न हैं आर्यावर्त्य के धर्मयुद्ध । 
रामायण और महाभारत पढ़कर भी अगर हम यह नहीं जान सके की सनातन में धर्म युद्ध क्यों हुए थे अथवा धर्मयुद्ध क्या हैं ? तो इस परिभाषा को जानिए ....
*"धर्मयुद्ध का अर्थ न्याय के समर्थन में किये गए युद्ध । जो भूमि सत्ता एवम कमज़ोर लोगों को धमकाने के लिए न किए गए हों ।*
💐💐💐💐
ईसा ने युध्द का समर्थन नहीं किया, क्योंकि ऐसा नहीं चाहते थे कि हिंसा के आधार पर ईसाई विचारधारा चले ! परन्तु सन 1000 के बाद एक फ्रांसीसी नागरिक स्टेफा के मन में ऐसे विचार ने जन्म लिया जो यरूशलम पर हक़ साबित करने से संबंधित था । उसने लोगों को प्रेरित किया । 
यहूदियों और मुस्लिमों के विरुद्ध उनके (करुनानिधान ईसा ) के अनुयाईयों ने युद्ध में सक्रियता दिखाई । क्योंकि वे चाहते थे, कि -"युद्ध के जरिए यरूशलम पर से इस्लामिक मतावलंबियों से कब्जा वापस प्राप्त किया जाए"
उन्होंने नौ बार यह कोशिश की, कि वह यरूशलम की पवित्र धरती को अपने अधिकार में प्राप्त कर लें । पहला धर्म युद्ध अर्थात क्रुसेड 1095 के लगभग शुरू होकर 4-5 साल तक चला और येरुशलम पर ईसाइयों ने भौतिक कब्जा भी हासिल कर लिया । शेष क्रुसेड्स लगभग 250 साल से 300 अर्थात 12वीं सदी के अंत तक चले ।
दूसरा युद्ध पवित्र येरुशलम पर कब्ज़ा पाने ज़ेहाद के रूप में हुआ । साफ है कि जब मुस्लिम आक्रमण करते थे तो ज़ेहाद होता था जब ईसाई लोग आक्रमण करते थे तो उसे क्रूसेड कहते थे । मुद्दा केवल येरुशलम की पवित्र भूमि पर अधिकार लेना मात्र था । 
यरूशलम को लेकर तीनों अब्राहिम धर्मों की स्थिति आज भी यथावत है । पर सभ्यता के विकास के साथ साथ युद्ध बहुत दिनों से सुनाई नहीं दे रहे हैं परंतु वैमनस्यता कहीं ना कहीं लोगों के हृदय में पल जरूर रही है और नज़र भी आ जाती है। क्रूसेड-ज़िहाद के दौर में कहा जाता है कि लाखों लोग मारे गए । यहूदी ईसाई मुस्लिम इनकी संख्या इतनी थी के आज तक कोरोनावायरस की वजह से इतनी अप्रत्याशित मौत नहीं हुई है । मरने वालों आम जनता की संख्या अधिक थी । 
यह दोनों प्रकार के धर्मयुद्ध यानी ज़ेहाद और क्रूसेड एक साथ हुए अर्थात आपसी वार-प्रतिवार थे । 
*सनातन व्यवस्था के अंतर्गत भी दो धर्मयुद्ध हुए हैं*
सनातन व्यवस्था में भी दो धर्मयुद्धों का स्मारक विवरण दर्ज है । 
*एक - लंका विजय*
*दो - महाभारत*
एक:- लंका विजय पर मैंने पूर्व में अपने एक लेख में स्पष्ट कर दिया है कि एक ब्राह्मण राजा को भगवान राम ने क्यों मारा ? 
इसका कारण यह है कि रावण एक ऐसा राजा था जिसने- आर्यावर्त्य की भूमि के लिए तो कभी युद्ध बिल्कुल कभी नहीं किया । ऐसा कोई भी प्रसंग हम-आपको देखने सुनने में नहीं मिला होगा जब रावण ने भारत में आकर किसी राजधानी या बड़े नगर को खत्म किया हो और उधर अपना ध्वज फहराया हो !
राम ने रावण को इसलिए मारा क्योंकि वह- जंगलों में साधनारत लोगों अर्थात ऋषियों मुनियों को अपहरण कर अपने देश में ले जाता था । और उनसे सिर्फ अपने देश के लिए कार्य कराता था । अर्थात वह बौद्धिक सम्पदाओं का अपहर्ता एवं विनाशक था । 
राम ने रावण के साथ युद्ध किया और उसे पराजित कर उचित उत्तराधिकारी को राज्य सौंप दिया । राज्य सौंप कर वे लंका से वापस आ गए । यह वास्तविक धर्म युद्ध था । इस युद्ध के ज़रिए राम ने विश्व को अवगत कराया कि- *"किसी राज्य की बौद्धिक संपदा पर बलात कब्ज़ा कर लेना बड़ा अपराध है ।"*
रक्ष-संस्कृति का समूल विनाश कर राम ने न केवल सीता को मुक्त कराया वरन उन समस्त ऋषियों मुनियों एवम विद्वानों को मुक्त कराया जो रावण के गुलाम थे । 
*(नोट- कोई विद्वान पाठक अगर यह मानते हैं कि रावण ने आर्यावर्त पर एक इंच भी भूमि अधिकार में ली हो तो कृपया संदर्भ सहित बताने की कृपा कीजिए । )*
दो:- पांडवों ने कौरवों के साथ जो कि धर्मयुद्ध था । जिसमें कृष्ण ही नायक थे पर परोक्ष रूप से । यह युद्ध 5 गांवों के लिए था । कौरवों की अंतिम मांग यही थी न । अगर दुर्योधन और उसके पिता धृतराष्ट्र इस बिंदु पर न्याय पूर्ण निर्णय ले लेते तो महाभारत नहीं होता । यह धर्मयुद्ध एक सबक भी है उन बलिष्ठ लोगों के लिए जो पैतृक संपत्ति के अधिकार से अपने अन्य कमज़ोर भाईयों (अब बहनों को भी) को वंचित रखते हैं । सिविल अदालतों में ये युद्ध आज भी जीवित नज़र आ जाते हैं । कभी भी जानते या अनजाने में किसी कमज़ोर सहोदरों के साथ अन्याय करते ही धर्मयुद्ध की संभावना बलवती रहती है । यदि कमज़ोर सहोदर या सहोदरी प्रतिकार न भी करे तो जान लीजिए वह व्यक्ति जो शोषण करता है कृष्ण के शाप का शिकार अवश्य ही होता है । ऐसे प्रकरण हम-आप अक्सर भौतिक जीवन में देखा करते हैं । 
महाभारत के बाद कृष्ण भी द्वारका वासी हुए। वे युद्ध नहीं चाहते थे । चाहते तो वे हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठ जाते पर वे एक ग़लत नीति के विरोध के लिए पांडवों के साथ थे । वे जानते थे कि उनकी भूमिका कहां तक सीमित है । वे अपनी भूमिका निभा कर मुक्त हो गए । 
सनातन व्यवस्था में आर्यावर्त्य में सम्पन्न युद्ध ही धर्मयुद्ध कहे जा सकते हैं । 
शेष अर्थात वर्तमान कलयुग के क्रुसेड्स एवम ज़ेहाद को लेखक के रूप में निर्भीक होकर धर्मयुद्ध नहीं. मानता . ऐसे युद्ध केवल भूमि अतिक्रमण की वजह से उत्प्रेरित विस्तार वादी युद्ध मात्र हैं । 
युद्ध मत करो.. युद्ध को धर्मयुद्ध का मुलम्मा मत चढ़ाओ । युद्ध मानवता का दुश्मन है । युद्ध के लिए उकसाया न जावे । 
इन दिनों मीडिया युद्ध के लिए तुरही वादक के रूप में तैनात रहता है । रोज़ शाम को टेलीविजन पर युद्धोन्माद भरी बहस चलतीं हैं । अब तो टीवी चैनलों को देखना बन्द कर दिया । आप अनचाहे ही योद्धाओं सरीखे बन जाते हैं । विश्व में केवल यही सब चल रहा है । रोको इस अभियान को ।
एक विचाधारा भोले भाले लोगों के खिलाफ षड्यंत्र कर उनको भड़काती है नक्सलवादी बनाती है । अक्सर देखा कि कुछ लोग एक समूह में विद्वेष पैदा करते हैं उसे दो भागों में बांटते हैं फिर उनमें वैमनस्यता के बीज बोते हैं। यही कारण है कि भारत में कई आयातित विचारक सफल हो रहे हैं । जैसे ही यह विचारधारा सत्ता के शीर्ष पर बैठाती है तो जनाधिकार समाप्त होने लगते हैं । चीन इसका सर्व सुलभ उदाहरण है । 

*आज के दौर में क्षद्मयुद्ध से कैसे बचें...?*
हम घर में बच्चों के सामने बैठकर रिश्तेदारों अडोस पड़ोस के वाशिंदों की निंदा करते हैं । क्योंकि हम युद्धोन्मादी हैं । वैचारिक मतभेद को भी शत्रुता का पर्याय बना देते हैं । 
*अपनी बात स्वीकार्य न होने पर निर्लज्ज, धूर्त, कायर, जैसे अपशब्दों का प्रयोग तक कर देतें हैं । सत्ता कभी किसी के पाशबन्धन में नहीं रहती । सत्ता केवल ईश्वर की ही होती है उसके यशगान में समय लगाना ही आज के दौर में विसंगतियों से धर्मयुद्ध करो अर्थात तपस्यारत हो जाओ ।*
*तपस्या* ऊर्जा (एनर्जी ) एवम प्रकाश का सात्विक स्वरूप है । तपस्यारत योगी केवल सन्यासी हो ऐसा नहीं है । वो गृहस्थ भी होता है । सनातन परंपरा का यही उदघोष है । सनातन दर्शन भी यही कहता है कि आत्म मंथन करो खुद में व्याप्त अहंकार से लड़ो दूसरे से लड़ने में क्या मिलेगा ? जब मुझमें ईर्ष्या, रागद्वेष, उपेक्षा, वासना, हिंसा, अहंकार, पद लालसा , जैसे शत्रु मौज़ूद हैं तो तपस्या नामक धर्मयुद्ध का सहारा लेना चाहिए । मेरे तपते ही ये सभी शत्रु सब सहज रूप खत्म हो सकते हैं । 
*सुप्रभात नर्मदे हर*

शनिवार, जनवरी 28, 2012

युवक का सिर काटा और लेकर पहुंच गई थाने

Deshbandhuजबलपुर !  जिला मुख्यालय से करीब 45 किलो मीटर दूर मझौली के एक गांव में एक महिला ने अपनी आबरू बचाने के लिए एक युवक की सिर को कुल्हाड़ी से काट धड़ से अलग कर दिया और सिर को बोरी में भरकर बहोरीबंद थाने पहुंचे गई। बोरी में मानव मुण्ड देख पुलिस कर्मी सकते में आ गए। बहोरीबंद पुलिस ने तत्काल महिला और सिर को लेकर मझौली थाने पहुंचे क्योंकि मामला मझौली थाना क्षेत्र का था। महिला का पति पहले से ही जेल में बंद है। उधर इस घटना के बाद से गांव में सनसनी व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मझौली के आमोदा गांव में श्रीराम सेन अपनी पत्नी बच्चों के साथ रहता था। कुछ दिन पहले श्रीराम सेन  चोरी के एक मामले में पकड़ा गया और पुलिस ने उसे दमोह जेल भेज दिया। पति के जेल जाने के बाद  राजकुमारी सेन 35 वर्ष गांव में ही मेहनत मजदूरी करके घर चलाने लगी। बताया गया है कि ग्राम अमोदा के करीब पीडब्लूडी का कोई निर्माण कार्य चल रहा है। राजकुमारी यहां मजदूरी कर रही थी। कुछ दिनों से गांव का ही रहने वाला श्यामलाल यादव 38 वर्ष राजकुमारी को परेशान कर रहा था। यह बात कई लोगों को पता थी। आज दोपहर 3 बजे श्यामलाल यादव ने राजकुमारी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया तो राजकुमारी अपनी आबरू बचाने के लिए कुछ दूर भागी इस दौरान उसे सड़क किनारे पड़ी एक कुल्हाड़ी मिल गई। बताते है राजकुमारी ने कुल्हाडी उठाई और उसे पकड़ने आ रहे श्याम लाल पर हमला कर दिया पहले ही हमले में श्यालाल लड़खड़ा गया और मौका मिलते ही राजकुमारी ने श्यामलाल के ऊपर कई वार कर दिए। इससे श्याम लाल की मौत हो गई। उसके बादे राजकुमारी ने उसके गले पर हमला करके सिर को धड़ से अलग कर दिया और एक बोरी में सिर लेकर बहोरीबंद थाने पहुंच गई। बोरी के अंदर मानव सिर देख पुलिस कर्मी घबरा गए और महिला सहित नर मुण्ड को लेकर मझौली थाने पहुंचे। यहां राजकुमारी सेन ने अपने बयान में बताया कि श्यामलाल यादव उसके पति के जेल जाने के बाद उसके साथ 3 बार दुष्कर्म कर चुका था। आज फिर श्यामलाल ने उसके साथ दुष्कर्ष की कोशिश की तो उसने कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या करने के बाद उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। राजकुमारी से रक्त रंजित कुल्हाड़ी, सिर और खून से सनी साड़ी आदि पुलिस ने बरामद कर ली है।

गुरुवार, जनवरी 26, 2012

मामाजी के दिलो दिमाग पे छा गई झांकी : मामीजी की चेहरे पर उत्साह के भाव थे गणतंत्र दिवस समारोह में : बेटी-बचाओ अभियान केंद्रित झांकी अव्वल


श्री युत के सी जैन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को सम्मानित करते हुए मामाजी 
जबलपुर मे महिला बाल विकास विभाग की झांकी प्रथम स्थान
पर रही. झांकी की  परिकल्पना:-गिरीश बिल्लोरे,मनीष शर्मा
मनीष सेठ, एवम जी.एस. लौवंशी ने की थी  निर्माण सहायक
श्री धीरज शाह  

जिले में शान-सम्मान और गरिमा से मनाया गया गणतंत्र दिवस
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर में फहराया राष्ट्र ध्वज
सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मुख्यमंत्री ने सराहा
मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं के साथ फोटो खिंचवाई
आकर्षण का केन्द्र रही झाँकियां
गौरवशाली 63वां गणतंत्र दिवस जबलपुर जिले में उत्साहउमंगशानसम्मान और गरिमा के साथसमारोहपूर्वक मनाया गया   जिला मुख्यालय पर यहां पंरविशंकर शुक्ल स्टेडियम मैदान में आयोजितमुख्य समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को शाल-श्रीफल भेंटकर मुख्यमंत्री नेसम्मानित किया   समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा मनोहारी एवं आकर्षक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमप्रस्तुत किये गये  मुख्यमंत्री ने शांति और अमन के प्रतीक रंगीन गुब्बारे आकाश की ओर छोड़े   पूरास्टेडियम थोड़े समय के लिए रंगीन गुब्बारेमय और आकर्षक हो गया 
गणतंत्र दिवस पर पंड़ित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह में प्रदेश के मुखियामुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रात: 9 बजे ध्वजारोहण किया   इसके उपरांत कलेक्टर गुलशन बामराऔर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के साथ जिप्सी में सवार होकर संयुक्त परेड का निरीक्षण किया   परेड मेंशामिल जवानों ने मधुर धुन के साथ हर्ष फायर किये और राष्ट्रपति के जयकारे लगाये 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 63वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेश वासियों का अभिवादन किया और बधाईदी   उन्होंने भारत माता की जाय के नारों के साथ संदेश वाचन प्रारंभ किया   उन्होंने कहा आज का दिनउन मूल्यों और प्रतिज्ञाओं के प्रति स्वयं को पुनसमर्पित करने का दिन है जिनके आधार पर स्वराज कीस्थापना हुई  मुख्यमंत्री ने कहा सरकार की कार्यशैली और विकास की हमारी अवधारणा समाज औरसरकार की सहभागिता पर आधारित है   इसीलिए प्रदेश का शासन-प्रशासन आम आदमी की खुशहालीऔर प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है   मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश की विकास यात्रा में समाज केसभी वर्गों को शामिल किया है                                               
गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा समाज के कमजोरऔर वंचित वर्गों के लोगों को उनके कल्याण और विकास की योजनाओं का बेहतर लाभ उपलब्ध कराने केलिए समग्र सुरक्षा कार्यक्रम
लागू किया जायेगा   उन्होंने कहा स्पर्श अभियान में प्रदेश में साढ़े आठ लाख नि:शक्त चिन्हित किये गये हैं  इनमें 7 लाख 15 हजार को प्रमाण पत्र देने के साथ एक लाख से ज्यादा कृत्रिम अंग भी उपलब्ध करायेगये 
मुख्यमंत्री ने कहा जबलपुर में चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापना के बाद अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कृषिअनुसंधान केन्द्र भी स्थापित होने जा रहा है  उन्होंने कहा राज्य सरकार खेती और किसानों की बेहतरी केलिए कार्य कर रही है 
मुख्य समारोह में आयोजित परेड का नेतृत्व रक्षित निरीक्षक मनोज वर्मा कर रहे थे   शानदार परेड कास्टेडियम में मौजूद लोगों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया   परेड में विशेष सशस्त्र बलयातायातजिलापुलिस बलमहिला पुलिस बलहोमगार्डएन.सी.सीजिसमें बालिका एवं बालक शामिल थे तथा स्काउटगाइड और बैंड दल 6वीं वाहिनी ने भाग लिया 
मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम:
            मुख्य समारोह में गुरूनानक विद्यालय मढ़ातालमॉडल स्कूल एवं हितकारिणी विद्यालयगोरखपुरमहारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालयशासकीय ब्यौहारबाग उच्चतरमाध्यमिक विद्यालय एवं एल.एनयादव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और चौधरी मदर केयर विद्यालय केछात्र-छात्राओं ने आकर्षक एवं मनोहारी क्रमशराईपंथीगरबाभांगड़ा और वंदेमातरम् पर आधारितनृत्य प्रस्तुत किये 

जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित झांकियां:

            मुख्य समारोह में महिला बाल विकासशहरी विकास अभिकरणकृषिनगर निगमजबलपुरविकास प्राधिकरणजिला पंचायतस्वास्थ्यलोक सेवा गारंटीशिक्षा केन्द्रश्रम, 108 एम्बुलेंस,पी.एच.., जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रवनउद्यानकेन्द्रीय जेलगन कैरिज फेक्टरी आदि अन्यविभागों ने मनोरम झांकियां प्रस्तुत की 
बेटी बचाओ को मिला प्रथम स्थान:
            जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित झांकियों में महिला बाल विकास विभाग की बेटीबचाओ पर आधारित झांकी को प्रथम स्थानजिला पंचायत की समग्र स्वच्छता को द्वितीय और कृषिविभाग की झांकी को तीसरा स्थन मिला 
                                  
            गतवर्ष टेंमर नदी में डूबने से 6 लोगों की प्राण रक्षा करने पर बरगी के बसीर खान और गोविंदसिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया  उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस के जवानों तथाअधिकारियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया   प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्र-छात्राओं कोबेहतर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शन के लिए शील्ड और प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये                                                                 परेड में प्रथम जिला पुलिस बल:
            मुख्य समारोह में परेड में ग्रुप  में प्रथम स्थान जिला पुलिस बल (पुरूषकोग्रुप बी में प्रथमस्थान होमगार्ड महिला और ग्रुप सी में प्रथम स्काउट गाइड गल्र्स को मिला 
संचालनकत्र्ता सम्मानित:
            मुख्य समारोह में विगत कई वर्षों से कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रदीप दुबे को प्रशस्ति पत्रदेकर मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया   कार्यक्रम में सह संचालन संदीपा स्थापक पचौरी ने किया 
मुख्यमंत्री ने सांस्कृति समूहों के बीच पहुंचकर ग्रुप फोटो करवाया:
            मुख्यमंत्री इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचे और उनकेसाथ फोटो खिचवाई   मुख्यमंत्री ने मंच से कार्यक्रम के अंत में कहा हो रही वर्षा को देखते हुए मैंनेसांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं करवाने के निर्देश कलेक्टर को दिये थे परन्तु मेरी बेटियों के आग्रह को मैंनेस्वीकार किया   आप सभी ने बहुत अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत किये गुरूजनों और छात्र-छात्राओं सभी कोबधाई   उन्होंने मंच से यह भी घोषणा की कल जबलपुर में स्कूल-कालेज में अवकाश रखा जायेगा 
ये रहे मौजूद:
            मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंहमहापौर प्रभात साहूविधायकसर्वश्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बूशरद जैनश्रीमती प्रतिभा सिंह एवं श्रीमती लॉरेन बीलोबोजिला पंचायतअध्यक्ष भारत सिंह यादवकुक्कुट पालन निगम के उपाध्यक्ष एस.केमुद्दीन,  जबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल शर्मानगर भाजपा अध्यक्ष डॉविनोद मिश्राभाजपा ग्रामीण अध्यक्ष आशीष दुबे,विनोद गोंटियासंभागायुक्त रवीन्द्र पस्तोरआई.जीव्हीमधुकुमारकलेक्टरपुलिस अधीक्षकस्वतंत्रतासेनानी स्थानीय जनप्रतिनिधिगणमान्य नागरिकअधिकारी-कर्मचारी आदि मौजूद थे 

गुरुवार, दिसंबर 23, 2010

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