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ताऊ के हांके से ब्लॉगर जागे

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गुरू ताऊ रामपुरिया  उर्फ़ ताऊ हरियाणवी उर्फ़ होलसेल ब्लॉग प्रमोटर उर्फ़  हरियाणवी ठिलुआ संघ के मुक्कदम्म उर्फ़ ब्लॉग-पटवारी के ऐलान पर ब्लागर्स जागे परन्तु ललित शर्मा पानी की टंकी पे ऐसे जमे कि एक लाइन भी न लिक्खे ... कुछ लिंक जे रहे आप टिपिया दो  शेष शुभ  # हिन्दी _ ब्लॉगिंग आपका शुभाकांक्षी गिरीश बिल्लोरे मुकुल मेरी रूहानी यात्रा ... ब्लॉग से फेसबुक शैलजा पाठक ब्लॉग बुलेटिन प र रश्मि प्रभा...  - 4 घंटे पहले रूहानी यात्रा जगह जगह विश्राम लेती रही , उसीमें अचानक एक दोराहा दिखा कई ब्लॉग सूने , कई चलायमान लेकिन लिंक दोराहे पर ... राह बदलने की कितनी आलोचना करें ! अब है , तो है और दोराहा यानी फेसबुक सुबह से रात तक चलता है , नशा कहो या रास्ता सब यहाँ मिल जाते हैं , जो ब्लॉग पर हैं वे भी , जो यहीं हैं वे भी - मित्रता करो , और पढ़ते जाओ कुछ नगीने यहाँ से उठाती हूँ , क्या पता आप मित्र न हों , तो मित्र हो जाएँ *शैलजा पाठक * ----------------- *तुम जादूगरनी थी क्या* एक छोटे बच्चे की हथेली में तेल से अम्मा एक गोल बनाती कहती इ लो लड्डू भैया दूसरी हथेली बढ़ा देता अब दूसरी में पेडा भैया

यह (जीएसटी) किसी एक सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि हम सबके प्रयासों का परिणाम है: प्रधान सेवक

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# हिन्दी_ब्लॉगिंग 29 और 30 जुलाई   2015 की मध्यरात्रि याकूब मेनन को बचाने न्याय पालिका की सर्वोच्च इकाई को बैठना पड़ा था. श्री प्रशांत भूषण साहब की अगुआई में वकीलों के समूह ने राष्ट्रद्रोह के आरोपी याकूब मेनन  को बचाने की भरसक कोशिश भी की थी.   कार्यपालिका व्यवस्थापिका और प्रेस सभी देर रात तक देश के लिए ही कार्य करते हैं . यही खूबसूरती है इस देश की इसी क्रम में आज भारत ने आज एकीकृत टेक्स व्यवस्था को सहज स्वीकारा है. मध्यरात्री तक कामकाज प्रजातंत्र के सभी स्तम्भ करतें हैं कुछ कामकाज अदालतें खुलवा कर कराने की कोशिश की जातीं हैं तो GST पर कोहराम क्यों ..?  इस सवाल ने मेरे दिमाग में हलचल पैदा अवश्य कर दी थी किन्तु सियासी मसला न मानकर मैंने अर्थशास्त्र के विद्यार्थी के रूप में इस बदलाव को समझने की कोशिशें की हैं उस बदलाव के दृश्य का साक्षात्कार करना मेरी भारतीय नागरिक के तौर पर आत्मिक-ज़वाबदारी भी थी. अत: मैं  टीवी चैनलों पर जी एस टी के संसद के केन्द्रीय कक्ष से  सीधे प्रसारण को देखता रहा . सुधि पाठको 14 वर्ष से जिस जी एस टी की प्रतीक्षा सम्पूर्ण भारत को थी उसके लिए बनी कौंसिल ने