14.5.11

एक आंदोलन जो जी न सका

अजन्मा आंदोलन 
अबोध विचारों के
के बीच के आकर्षण से
गर्भस्त हुआ
गर्भ में ही 
मारा गया 
हां ऐसा होना तय था 
आंदोलन का भ्रूण
विग्रह और स्वापेक्षी आग्रह के   
निषेचन का परिणाम हो
तब अक्सर ऐसा ही होता है..!!
यक़ीन आया
हर कोई गांधी सा 
न सुभाष सा, न ही अन्ना सा 
प्रेरक कैसे हो सकता है
 रंगे सियारों की 
अधीनता मत स्वीकारो 
अपनी अपनी रीढ़ में शक्ति भरो
अपना संकल्प खुद करो
उठो जागो
अभी भी कुछ नहीं हुआ है
उतार फ़ैंको 
कवच 
आओ साथ मेरे 
बिना किसी को अनदेखा कर
हम करतें हैं
एक नई शुरुआत
पहले अपने झुण्ड में 
जहां रंगे-सियार न हों








12.5.11

CRICKET FANTASY Now THE CRICKET POST


                                चिन्मय बिल्लोरे  यानी मेरे भतीजे हाल ने अपना एक ब्लाग बनाया है. मेरी बेटी श्रृद्धा ने घर  में ऐलान  है कि अब गुरु यानी चिन्मय बिल्लोरे जी अब नेट से चिपके रहेंगे,काम काज़ में बाधा होगी ये पक्का है. श्रद्धा की बातों में दम था हम देख रहे  है कि गुरु जी दिन भर इस गुंताड़े में लगे रहते हैं कि आज़ की पोस्ट कि  आज़ किस विषय पर लिखा जावे. गुरु के ब्लाग का नाम भी उसने बदल लिया जी उसने  अपने ब्लाग का नाम CRICKET FANTASY  से THE CRICKET POST कर दिया है. उसने अब तक पांच पोस्ट लिख दी हैं .पंद्रह बरस का गुरु जान गया है है कि फ़ेसबुक और ट्वीटर का मतलब क्या है ? 

MONDAY, APRIL 25, 2011

Post 001 : VARUN AARON

WEDNESDAY, APRIL 27, 2011

INDIA'S NEW COACH DUNCAN FLETCHER........ DO YOU AGREEE WITH THE BCCI'S DECISON?????????

THURSDAY, MAY 05, 2011

FUNNY VIDEOS OF CRICKET 

MONDAY, MAY 09, 2011

The Mongoose bat

TUESDAY, MAY 10, 2011

HELL FOR LEATHER!

 उसके बारे में लिखी एक पोस्ट आपको याद होगा या नहीं मुझे नहीं मालूम .. मैं अपने भतीजे चिन्मय से खूब मज़ाक करता हूं. अब वो खुद बहुत बातूने खुश दिल बन गया है.. उसके ज़वाब और ज्ञान का  मैं  कायल  हो  गया  हूं.. जब बहुत छोटा था चिन्मय तब उसके  के साथ मैंने भी एक  शरारत की थी उसे याद करके खूब हंसता है.  देखिये एक पुरानी पोस्ट जिसपर मैने ये संस्मरण दर्ज़ किया है. 


SATURDAY, FEBRUARY 9,2008

गुरु का सायकल-लायसेंस ....!!

मेरा भतीजा गुरु जिसे स्कूल में चिन्मय के नाम से सब जानतें है जब चार बरस का था ...सायकल खरीदने के लिए रोज़ फरमाइश करता था । हम नहीं चाहते थे कि चार साल की छोटी उम्र में दो-पहिया सायकल खरीदी जाए...!
मना भी करना गुरु को दु:खी करना ही था ।सो हमने उसे बहलाने के लिए उसे बताया कि "सरकार ने सायकल के लिए लायसेंस का प्रावधान किया है...!"
जिसे बनाने में तीन चार महीने लगते हें। बच्चे भी कितने भोले होते हें हमने भोलेपन का फायदा उठाना चाहा और लायसेंस बनाने का वादा कर दिया सोचा था गुरु भूल जाएगा इस बात को किन्तु रोज़ गुरु की मांग को देखते हुए मैंने अपने मित्र  के साथ मिल कर एक लायसेंस बनाया ।
उस दिन लायसेंस पाकर खूब खुश हुआ था गुरु । हाथ मे लायसेंस और सायकल के सपने । अब   गुरु 12 साल का है बड़ी सायकल चलाता है उसके पास लायसेंस सुरक्षित है। खूब हंसता है जब लायसेंस देखता है ।
इस ब्लोंग पर चस्पा लायसेंस आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ गुरु मेरे साथ बैठा ब्लोंग बनता देख रहा है। 
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श्रीमति अर्चना चावजी अस्वस्थ्य

 मेरे मन की,कदम, ब्लाग्स की स्वामिनी एवम मिसफ़िट की सह लेखिका पाडकास्टर अर्चना चावजी का स्वास्थ्य खराब है.. किंतु अब वे धीरे धीरे स्वस्थ्य हो रहीं हैं उनके शीघ्र स्वस्थ्य होकर  ब्लाग में सक्रीय होने की मंगल कामनाएं 

10.5.11

दोस्तो एक आंदोलन करो

दोस्तो
एक आंदोलन करो
बहुत ज़रूरी है आंदोलन करो
करो या मरो
दोस्तो
इस बात के लिये आंदोलन करो
कि मुझे लोग ताक़तवर मानें
मेरी औक़ात को पहचाने
तुम ने क्या कहा ..?
बीहड़ों का शेर कभी आंदोलन नहीं करता
हां कहा तो सही
पर ये भी तो सही है
गीदड़ भी षड़यंत्र से रच लेते हैं
बताओ कितने नाहर उनकी चाल से बच लेतें हैं..?
आंदोलन करो न
आंदोलन के लिये हामी भरो न !!
बता दो
कि तुम भी एक हुज़ूम
की ताक़त रखते हो..!
लड़ो विरोध करो
व्यवस्था का
क्या कहा- “उसे सुधारना.है.?
नामाकूल
वो सुधरी तो तुम किस काम के होगे
चलो
उठाओ झण्डे
तुम लाल उठा लो
ए बाबू तुम पीला
अरे तू कहां जा रहा है
दुरंगा छोड़ कर..
ऐन वक्त पर मेरा हाथ छोड़ कर
अरे मूरख
हल्ला बोल हल्ला..!
अरे
वैसे ही जैसे धौनी घुमाता है जब बल्ला
तू मचाता है हल्ला !!
चल उठा
जाति के नाम पर
धर्म के नाम पर
वर्ग के नाम पर
डायरेक्ट
इन डायरेक्ट के नाम पर
हो जा लामबंद
सरकारी बाबूओं सा..?
जिसका दांव जब लगे
तब उसके भाग जगे
चलो
आग लगाओ
तोड़ो 
फ़ोड़ो
शहर गांव जलाओ
मित्र को अमित्र
चित्र को विचित्र
बनाओ न 
आओ 
रेज़ा रेज़ा कर दो
सम्बंध
तार तार कर दो अनुबंध
तुम जो
ये न कर सके तो
शायद महान न बन पाओगे
क्या कहा..?
हां, 
सच कहा
"दूसरों को अपमानित किये बिना 
सम्मान कहां पाओगे  ?"





8.5.11

बाबूजी ने इक्यासी वर्ष में प्रवेश किया


बाबूजी की ने उम्र के अस्सी बरस पूरे किये. कल से थी गहमा गहमी , खूब मज़ा किया रिटायर्ड बच्चों  ने जी हर माह किसी न किसी बुज़ुर्ग का हेप्पी वाला बर्थ-डे होता है. जिसे आज मैंने लाइव किया पर ज़ल्दबाज़ी में   

बाबूजी 
साउंड आन नहीं हो पाया था. फिर भी आप बैमबज़र पर  देख सकते हैं. अगर आपके परिवार में ऐसा कोई अवसर आए तो नाचीज़ हाज़िर है. बच्चों और बुजुर्गों की खुशी से बढकर शायद पूजा भी नहीं है  शायद आप में से कोई असहमत हो सकता है फिर भी आप से विचार को शेयर कर रहा हूँ .मेरी आप सभी के बाबूजी के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं ....   मेरे बाबूजी के साथ आप सभी के बाबूजीयों  के शतायु होने की मंगल कामना  

6.5.11

इस यश को सहने की शक्ति देना प्रभू


 सम्मान  के यश को दुगना करने की रीत निभाई जबलपुर के स्नेहीजनों नें  किस किस का आभार कहूं कैसे कहूं स्तब्ध हूं. जी कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दीवारें पोतने का काम करते हैं, उन पुताई करने वालों का भी आभारी हूं उनसे न तो मुझे गुरेज़ है न ही उनके लिये मेरे मन में कोई नकारात्मक भाव शुभचिंतकों का आभारी हू.........!!

ओबामा जी क्यों कहा ?

                       दीपक चौरसिया इस देश के महान तम मनो विज्ञानी हैं उनके बराबर इस देश में महान तत्वदर्शी भी कोई जी चाहता है कि  मैं उनके चरण छूकर प्रणाम ...करें .. स्टार न्यूज़ भी देखिये कितना महान है कि इस कार्यक्रम के लिये खुद का और देश का कितना समय देता है.  मुझ जैसे अल्प-ज्ञानीयों  को लादेन के मारे जाने के बाद  वक्तव्य-वीर के  बयान  से भी कुछ लेना देना नहीं  पर आज अचानक टीवी पर चल रहे एक कार्यक्रम को  देख  कर  मजा  आ  गया कि बताओ भला मैं महान विद्वानो की खोज में नाहक लगा हूं अपने दीपक से महान हैं कोई बताओ वो रातमुझे अच्छी तरह से याद है  जब एक मीडिया कर्मी ने जो  स्व०हरिवंश राय बच्चन के निधन की कवरेज़ जनता को दिखाने आए थे तब उनने पूछा था "कैसा महसूस कर रहें हैं परिजन..?"- भला इस सवाल से क्या उत्तर चाह रहे थे ये महाशय शायद ... इन महाशय के परिवार में सभी अमर-रस छक के आए हों गोया.   वक़ील साब यानी  राम जेठ मलानी जैसों  का गुस्सा कभी कभी  फ़ूट ही जाता है  .खैर   दीपक चौरसिया जी आपने यू एस प्रशासन  से इस बात की पता साची करता सवाल क्यूं नही पेश किया :-"आज़ उनके राष्ट्रपति नें ओसामा के अंत को भुनाने की कोशिश क्यों नहीं की...? "अगर दाउद को पाक़िस्तान में घुस कर भारतीय कमांडो मार आते तो  मालूम है क्या होता..? दिग्गी राज़ा जैसे कई लोग यहां तक कि जो कुछ भी नहीं जानते दाउद के बारे में वे भी छाती ठोंक-ठोंक के चीखते मानो खुद निपटा के आए हैं . बहरहाल आप महान हो भैया हम आपके ज्ञान का लोहा मानते हैं. 

3.5.11

"पाडकास्टर से वेबकास्टर तक की जात्रा : बारास्ता परिकल्पना/ नुक्कड़ सम्मान समारोह


वेबकास्टिंग का दौर आना और मुझे इस पेटे  सम्मान मिलना  मेरे लिये बस एक अनजाने में खेले गये खेल से मिली जीत का सा मामला है. मुझे नहीं मालूम था कि खटीमा के आयोजन से कोई करिश्मा होगा. होगया तो बात इस हद तक पहुंच जाएगी कि - निगाहें मुझे देखेंगी. ये अलग बात है कि  पुराने काम पाडकास्टिंग को बहुत बड़ा स्थान मिला ब्लाग जगत के दिल में... किंतु मन बार बार यही कहता रहा कि मैं हिंदी के भले के लिये  टेक्स्ट आधारित ब्लागिंग को ही अपनाऊं. कारण था कि - आडियो ब्लागिंग यानी पाडकास्ट, को सेकण्डरी कर दिया पर दिमाग ने सीधे अंगुलियों से कहा .."तलाशो अब लाइव हो जाने का रास्ता..! रास्ता है मिलेगा भी !!  " बस्स... इत्ती सी बात इस खोजा-तपासी के बीच एक न्योता भेज दिया अर्चना चावजी को कि वे मधुर आवाज़ में मिसफ़िट को सजाती रहें... हुआ भी यही.. उनके एहसानों को कैसे भुलाऊं कि पाडकास्टर से वेबकास्टर तक का सफ़र वे न होतीं तो पूरा करना सम्भव न था. आदरणीया अर्चना जी को आभार कह कर उनका कद छोटा न करूंगा. बहरहाल दिल्ली में श्री  निशंक जी के हाथौं मिला सम्मान हिंदी ब्लागिंग के प्रति मन की उकताहट को कम कर गया. बीच में एक खीज एक ऊब सी ऊग आई थी पर अब सब ठीक है कि मुझे कुछ नया इस लिये करना है ताकि "न्यू मीडिया" को परिपक्कवता मिलती रहे. ऐसा सभी सोच रहे हैं.हां वे सभी  जिनके काम का मूल्यांकन किया  परिकल्पना ने, नुक्कड़ ने, और हिंदी साहित्य निकेतन ने. कुछ भी हो भला हिंदी ब्लागिंग का ही तो होना है.व्यक्तिश:आभार कहूं तो अविनाश वाचस्पति, श्री गिरिजाशरण जी अग्रवाल ,डा० मीना अग्रवाल ,पद्म सिंह, श्री पवन चन्दन केवल राम जी , का स्नेहिल सहयोग कैसे भूलूं..?
सिलसिले वार रपट पेश करूंगा जो मेरा नज़रिया होगा.  


क्रमश: 


29.4.11

दिल्ली ब्लागर्स मीट : प्रेस कान्फ़्रेंस लाइव जबलपुर एवम इंदौर से

गिरीश बिल्लोरे मुकुल द्वारा जबलपुर से सुनने के लिये चटका लगाएं
                                  "लाइव" पर

____________________________________________
अर्चना चावजी इंदौर से  



            

दिल्ली पहुंच कर अन्ना ने चूलें सरकार की हिला दीं थीं ब्लागर ब्लागरा भी ..


                                                           हां तो भाईयो और ब्लागर भग्नियो जो ( मानें ) दिल्ली पहुंच कर अन्ना ने चूलें सरकार की हिला दीं थीं ब्लागर ब्लागरा क्या करेंगे.. जी सम्मेलन की घोषणा होते ही कितने सीनों पे नागिन फ़िलम छाप धुन पै  सांप लोट रए हैं सबरे ब्लागरन को पता है.पर जे जान लो भैया रवींद्र परताप जी  और अगरवाल साब  ने पूरे देस और बिदेस से ज़हर निकालने वाले सपेरे बुलाय लिये. जिनका काम है  ज़हर से  "ज़हर-रोधी" बनाना . सांप भैये  आप तो जिसकी आस्तीन में रहते हो रहो सीनों पे न लोटो वरना ज़हर से हाथ धो लोगे.   खास खबर ये है कि अविनाश  जी और पता नहीं कौन कौन  दिल्ली चलो का हल्ला महीनों से नुक्कड़ पे आके मचाए पड़े थे उधर भाई रवीन्द्र प्रभात की किताबें लिखने की   मौन  साधना अलग जारी थी. बस्स इस आह्वान का असर दिखा अंदर की बात तो जे है भैया कि अन्ना हज़ारे तक दिल्ली आ गये और बस हिला दीं चूलें सरकार की ऐसा माना जा रहा है... और खास खबर ये है कि लारा मेमसाब पर इस आह्वान का असर कुछ ज़ियादा ही हुआ उनने कसम खाई कि 29 अप्रैल 2011 से पूरे देश में ब्लागर्स के वास्ते  आह्वान करेंगीं   नारा देंगी  "दिल्ली चलो "समीर बाबू कनाड़ा से सोच रए हैं के   दिल्ली में बस जाने को जी चाहता है. हजूर बस एक बार चुनाव लड़ लिये होते तब्ब तो पक्का था कि आप दिल्ली में इच्च होते..सुना है कुछ लोग जो सम्मेलन को फ़ेस न कर पाए वे  फ़ेस बुक में...पद्मावलि (पद्मावति नहीं) बारे  पद्म भैया सुनिये हमारे राशी फ़ल में जात्रा के लिये मनाही है पर हम आयेंगे ज़रूर आएंगे पक्के में आएंगे  . संगीता  ताई से तोड़ निकलवाएंगे पक्के में. जी और तो और हम वेबकास्टिंग करेंगे ललित भाई  के अलावा सवा लाख पे भारी श्री बी एस पाबला  श्री संजीव तिवारी  से  मिलना भी होगा और देखिये हम लोग ऐसे दिखेंगे
वेबकास्टिंग के लिये किस ब्लाग पे चटका लगाना है..?

जी डा०विजय तिवारी किसलय के बताए अनुसार मुझे बताया "वेबकास्टिंग जिसकी चर्चा देश विदेश की पत्र पत्रिकाओं में भी की गई है.  इतना ही नहीं उक्त कार्यक्रम का लाइव प्रसारण http://www.nukkadh.comhttp://sanskaardhani.blogspot.comतथा http://editers.blogspot.com/ , http://hindisahityasangam.blogspot.com/ पर  दिनांक 30 अप्रैल 2011 .को शाम तीन बजे से उपलब्ध होगा. 
 "

इस पर एक रपट देखिये भाई पियूस पाण्डे साब की कतरन भास्कर की
दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय संस्करण में आज दिनांक २९.०४.२०११ को प्रकाशित पीयूष पांडे का विस्तृत विवेचन हिंदी ब्लॉग सम्मलेन के बहाने 
नुक्कड़ से साभार 








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