6.5.11

इस यश को सहने की शक्ति देना प्रभू


 सम्मान  के यश को दुगना करने की रीत निभाई जबलपुर के स्नेहीजनों नें  किस किस का आभार कहूं कैसे कहूं स्तब्ध हूं. जी कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दीवारें पोतने का काम करते हैं, उन पुताई करने वालों का भी आभारी हूं उनसे न तो मुझे गुरेज़ है न ही उनके लिये मेरे मन में कोई नकारात्मक भाव शुभचिंतकों का आभारी हू.........!!

10 टिप्‍पणियां:

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

मेरी अशेष बधाईयाँ स्वीकारें .
- विजय तिवारी " किसलय "

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बधाई.

Darshan Lal Baweja ने कहा…

बधाईयाँ स्वीकारें

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बधाई ...शुभकामनायें

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत बहुत बधाई आपको .....

अनूप शुक्ल ने कहा…

वाह! बधाई हो !

दीपक 'मशाल' ने कहा…

Badhai Girish ji..

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

बल्ले बल्ले

Archana Chaoji ने कहा…

बधाई...

Dr Varsha Singh ने कहा…

एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई......

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...