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शुक्रवार, मई 06, 2011

ओबामा जी क्यों कहा ?

                       दीपक चौरसिया इस देश के महान तम मनो विज्ञानी हैं उनके बराबर इस देश में महान तत्वदर्शी भी कोई जी चाहता है कि  मैं उनके चरण छूकर प्रणाम ...करें .. स्टार न्यूज़ भी देखिये कितना महान है कि इस कार्यक्रम के लिये खुद का और देश का कितना समय देता है.  मुझ जैसे अल्प-ज्ञानीयों  को लादेन के मारे जाने के बाद  वक्तव्य-वीर के  बयान  से भी कुछ लेना देना नहीं  पर आज अचानक टीवी पर चल रहे एक कार्यक्रम को  देख  कर  मजा  आ  गया कि बताओ भला मैं महान विद्वानो की खोज में नाहक लगा हूं अपने दीपक से महान हैं कोई बताओ वो रातमुझे अच्छी तरह से याद है  जब एक मीडिया कर्मी ने जो  स्व०हरिवंश राय बच्चन के निधन की कवरेज़ जनता को दिखाने आए थे तब उनने पूछा था "कैसा महसूस कर रहें हैं परिजन..?"- भला इस सवाल से क्या उत्तर चाह रहे थे ये महाशय शायद ... इन महाशय के परिवार में सभी अमर-रस छक के आए हों गोया.   वक़ील साब यानी  राम जेठ मलानी जैसों  का गुस्सा कभी कभी  फ़ूट ही जाता है  .खैर   दीपक चौरसिया जी आपने यू एस प्रशासन  से इस बात की पता साची करता सवाल क्यूं नही पेश किया :-"आज़ उनके राष्ट्रपति नें ओसामा के अंत को भुनाने की कोशिश क्यों नहीं की...? "अगर दाउद को पाक़िस्तान में घुस कर भारतीय कमांडो मार आते तो  मालूम है क्या होता..? दिग्गी राज़ा जैसे कई लोग यहां तक कि जो कुछ भी नहीं जानते दाउद के बारे में वे भी छाती ठोंक-ठोंक के चीखते मानो खुद निपटा के आए हैं . बहरहाल आप महान हो भैया हम आपके ज्ञान का लोहा मानते हैं. 

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