15.1.09
14.1.09
महाजाल सबसे तेज़ !!
एक " रिपोर्ट:"- (संक्रांति की सुबह "महाजाल " पर समाचार नुमा यह
" हलचल:" होने लगी कि इतने शब्द तो पहले से ही हिन्दी में विराजे हैं पंडित जी ने गज़ब शब्द खोज निकाला इसे अब भाषाविज्ञानी तय करेंगे कि थोक कट-पेस्टीय लेखनशब्द को शामिल किया जाए या नहीं अगर ब्लागर्स से कोई पूछेगा तो हम सब दादा के साथ हैं। उधर कबाड़ी भाई के पास पुराने रेडुए से ये सुनने मिला आत्म-विभोर हूँ ! इस बीच तिल का कटोरा दो बार मेरे सामने से से वापस जा चुका है अत: पोस्ट आधी-अधूरी छोड़ के उठ रहा हूँ बाकी एहावाल शाम के बाद पोस्ट करूंगा मुझ डर है कि संक्रांति कहीं क्रान्ति का रूप न रख लेवे। इन अन्तिम-पंक्तियों के लिखे जाने तक पाँच पुकार सुनाई पड़ चुकीं हैं मुझे । सभी को सादर मकर-संक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाए अब आगे 08:45 बजे घर लौटा तो सोचताहूँ सुबह की चर्चा को एक सुंदर मोड़ दे दूँ- सो लेपू खोला ही था कि येभाई साहब -यानीअपने दुबे जी याद आ गए जिनने ने गज़ब की बात कही ।अपन को याद आया गंगटोक जहाँ पिछले दिनों बड़े भैया होकर आए थे सो ये आलेख बांच ही लिया कि नाथुला पास --बर्फीली वादियाँ में कैसा लगता है कि मन में आया पतंग बाजी करलें किंतु एक डाकिया हाँ वही हवा का डाकिया मेरी पुरानी प्रेमिका , की याद लाया वो भी व्हाया - राजीव रंजन प्रसाद, और फ़िर अचानक हमने पतंग बाजी का मसला बीच में ही छोड़ कर [रात में पतंग उडाना असम्भव मान के ] आइने में जब देखा, तो पाया कि हम 45 के हैं और पतंग पर समय जाया करने 'कुत्ते से कुछ शिक्षा लें कि वो कैसे अमीर हुआ । नौवें सोपान पर है चिट्ठों की चर्चा जो रवीन्द्र प्रभात जी की "परिकल्पना " में है । उधर श्रीमती जी के बनाए तिल ले लड्डू खूब ज्यादा हो गए हैं तो ब्लॉग पर स्वास्थ्य चर्चा लेकर मिहिर भोज उपस्थित हैं न अब आप न तो तिल से डरिए और न ही ताड़ से । चलो अब बंद करता हूँ चर्चा बस का फ़ोन आ गया कल की ममत्व मेले वाली प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी करनी है। सो सहिकिन्तु बॉस इस आलवेज राइट अब विदा कल तक के लिए
"ममत्व मेले-09 की तैयारियां पूर्ण :मेले को मिला अंतर्राजीय स्वरुप "
*16 जनवरी-से-20 जनवरी तक चलने वाले मेले का शुभारम्भ एम एल बी ग्राउंड में *झारखण्ड,उत्तरांचल,छत्तीसगड़,उत्तर-प्रदेश,राजस्थान,महाराष्ट्र के उत्पाद भी मेले में रखे जाएंगे *प्रतिदिन होंगीं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ *महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के लिए रंगोली,मेंहदी,खेल,नृत्य प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी. |
संस्कारधानी जबलपुर में वर्ष 1992, 1999, 2006,के बाद इस वर्ष 2009 में को आयोजित होने वाले ममत्व मेले का स्वरुप विगत वर्षों से भिन्न होगा. तदाशय की जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास पदेन जिला प्रबंधक महिला वित्त विकास निगम श्री महेंद्र द्विवेदी व्दारा बताया गया कि:-मेले की तैयारियाँ पूर्ण की जा चुकीं इस हेतु कार्यदलों का गठन किया जा चुका जिन्हें बिन्दुवार कार्य निर्देश जारी किए जा चुकें हैं साथ ही साथ सभी कार्य दलों को विस्तृत मार्गदर्शन हेतु बैठक का आयोजन भी किया जा चुका झारखण्ड,उत्तरांचल,छत्तीसगड़,उत्तर-प्रदेश,राजस्थान,महाराष्ट्र के उत्पाद भी मेले में रखे जाएंगे. प्रदेश के समस्त जिलों से स्वसहायता समूहों द्वारा घरेलू उपयोग की सामग्रियां,हस्तशिल्प,मसाले, मूर्तियाँ, टेराकोटा,संगमरमर, के उत्पाद, घरेलू साजो सामान , रेशमी-कोसा साडियां, प्राकृतिक एवं वनोपज आधारित - सामग्रियां मेले का आकर्षण होंगी, जिले के ग्रामीण-क्षेत्रों की महिलाएं एवं स्व-सहायता समूह अन्य-प्रदेशों के स्वसहायता समूहों से संपर्क कर व्यवहारिक एवं उत्पादन सम्बन्धी ज्ञान प्राप्त कर सकतीं है. महिलाओं में स्वरोज़गार एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्व-रोज़गार मार्गदर्शन कक्ष "प्रेरणा-केन्द्र" स्थापित किया जा रहा है. प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु इच्छुक महिलाएं बालिकाएं मेला स्थल पर दिनांक 16 जनवरी 2009 को प्रात: 11:30 बजे से पंजीयन करा सकतीं हैं
सम्पूर्ण आयोजन को सफल बनाने 15 कार्यदलों में 25 से अधिक अधिकारी/पर्यवेक्षक/अन्य कर्मीं तैनात किए गएं हैं
गिरीश बिल्लोरे
प्रभारी अधिकारी
प्रचार प्रसार,ममत्व-मेला 09
11.1.09
10.1.09
गढ़ के दोष मेरे सर कौन मढ़ रहा कहो ?
6.1.09
बूझ लिया और जान लिया पहचान लिया भी
“ब्लागर्षियों…!!”
पहेली ...ओउर .....ओकर जबाव .. तो ठीक है हमहूँ कहे देत हैं किहम तो उस भैये को खोजत हैं जिसने पहले-पहल यानि कि सबसे
पहले मुर्गी और अंडा को मुर्गी और अंडा की संज्ञा दी है. जिसकी तर्ज़ पे "ब्रह्म की पहचान"
करने वाले महर्षियों कि तरह "ब्लॉग-ऋषिगण " इस पहले का भेद जानने की कोशिश में
लगे हैं...!!अब इस पहेली को
को सुलझाने कि कोशिश के दौर में विजेता महारथियों को मेरी और मेरे अन्य ब्लॉग-मुनियों
की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं
पहुंचे जी !
5.1.09
शतरंज के खिलाड़ी हैं हम !!
लड़का क्या करता है....?जी ब्लॉगर हैं ।तो ठीक है उसकी शादी फीमेल से नहीं ई-मेल से कर दीजिए। शतरंज के खिलाडी हिन्दी के ब्लॉगर एक आभासी हार जीत का मज़ा लेना हो तो इन ब्लॉगर (जिनमें मैं भीशामिल हूँ) की भाव-भंगिमा से बांचा जा सकता है। हर बाजी "पोस्ट" को विजेता के भाव सेलिखते हम सच अदद टिप्पणियों / आगंतुकों की प्रतीक्षा में लग जातें हैं। कम टिप्पणियों केबाबजूद हार न मानना हमारी विशेषता हैं। नाते चिट्ठों पे टिपिया के मांग लेतें हैं टिप्पणी मिल भीजातीं हैं। कुछ आपसी पीठ खुजाई में बदस्तूर लगे रहतें हैं । किंतु यहाँ क्रिया की प्रतिक्रया कासिद्धांत लागू होता है , यदि दो बार के बाद टिप्पणी रिटर्न गिफ्ट से न आए तो अपन उस ब्लॉग पेटिपियाना तो दूर उधर निगाह भी नहीं करते। गिव एंड टेक का मसला है भई !! कुछ विस्तार से बागर-चर्चा हो इस हेतु मैं अपनी तुच्छ बुद्धि से ब्लॉगर वर्गीकरण करने की सोची समझी गलती कर रहाँ हूँ .......
"A" सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर के लिए सब कुछ जायज होता है। ये लोग एक समूह में काम करतें हैं । तू मेरी खुजा मैं तेरी पीठ खुजाऊं की तर्ज़ पे हिन्दी ब्लागिंग जारी है।"B" इस सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर जहाँ बम वहाँ हम भी का पूरी निष्ठा से पालन करें हैं ।
"C" सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर बेचारे किस्म के होते हैं । जो समझ ही नहीं पाते कि "किस राह पे रुकना है किस छत को भिगोना है "
इन प्रमाण पत्रों के रंग से भी आप समझ लीजिये रेड ज़ोन से जुड़ना है -यलो या ग्रीन ज़ोन से । मेरी राय तो यात्री -या-माल गाड़ी से बन जाइए . ब्लॉग परिचालन प्रणाली का अनुपालन कीजिए मज़े से ब्लागिंग कीजिए । बिंदास होके
30.12.08
श्री राम ठाकुर दादा नहीं रहे
जबलपुर 29 दिसम्बर 2008
जबलपुर के श्रीराम ठाकुर "दादा",व्यंग्यकार लघु कथाकार श्री राम ठाकुर दादा का अल्प बीमारी के उपरांत दु:खद निधन हो गया। अपनी सत्यवादिता एवं विनोद के पर्याय एवं मित्रता के निर्वहन के लिए मशहूर दादा को कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए । उनके बारे में विस्तार से जानकारी के लिए यहाँ ,या यहाँ क्लिक कीजिए ।स्वर्गीय दादा की अन्तिम यात्रा में परिजनों के अलावा ज्ञान रंजन सहित संस्कार धानी जबलपुर के साहित्यकार,पत्रकार,विचारक, शामिल थे।
जन्म : 28 जनवरी 1946 बारंगी ,जिला : होशंगाबाद
अवसान: 28 दिसम्बर 2008 जिला:जबलपुर
शोकाकुल
जबलपुर के समस्त साहित्यकार
28.12.08
भारत पाक युध्द नहीं होगा : माधव सिंह यादव की भविष्यवाणी
जिन्हौने आभास के सैलिब्रिटी बनने का ऐलान किया था मानतें हैं कि :-"चांडाल योग राष्ट्र नहीं वरन उन लोगों के लिए मतिभ्रम का कारक होगा जो कि किसी ऊँचे पद पर आसीन हों अथवा जिनका सार्वजनिक जीवन समाज के लिए आवश्यक हो ।" इन उच्च पदस्थ एवं शोहरत धारी लोगों के जीवन में चांडाल योग उनकी वैचारिक क्षमता को प्रभावित करेगा ।
चांडाल-योग उच्च पदधारियों में मतिभ्रम का कारक है चांडाल- योग , इस योग के चलते महान हस्तियाँ कुछ ऐसे निर्णय ले लेंगी जो उनकी अपनी छवि के लिए घातक हो . एक ओर कतिपय महान हस्तियाँ विवादित बयान, अथवा कार्यों से सुर्खियों में रह सकतीं हैं . तो दूसरी ओर सेक्स-स्कैंडल भी उजागर होंगें इस बात को नकारा नहीं जा सकता. जबकि वे महान हस्तियाँ और भी अधिक यश पाएंगीं जो बिना किसी स्वार्थ और लिप्सा के उपेक्षित वर्ग के लिए काम करेंगीं . कोई भी व्यक्ति जो दीन-दुखियों की परवाह किए बगैर निजी स्वार्थ के लिए कोई कार्य करेंगें तुंरत आम जनता के सामने बेनकाब हो जाएंगें . |
मध्य-प्रदेश:-सर्वाधिक खुश हाल प्रदेश बनने की दिशा में प्रदेश को अच्छा नेतृत्व मिला है ज्योतिषाचार्य मानतें हैं कि प्रदेश का ओद्योगिक विकास सामाजिक विकास से पीछे ही होगा। साल भर सरकार और सरकारी तंत्र विकास के मानवीय बिन्दुओं पर कार्य करता नज़र आएगा। महिला-बच्चो,गरीबों के लिए प्रभावी कार्यक्रम बनेगे और लागू किए जाएंगें ।
आम जीवन संतुष्ट होगा। किंतु शीर्ष पर उथल-पुथल जारी रहेगी।
यह वर्ष फल माधव सिंह यादव के अनुसार चार माह के लिए है शेष माहों के बारे में वे शीघ्र जान कारी देंगे जो प्रकाशित की जावेगी |
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