संचालनालय महिला सशक्तिकरण भोपाल से आए अधिकारी श्री हरीश खरे जी के परामर्श पर संभागीय बालभवन संचालक ने संगीत की विशेष साप्ताहिक क्लास राज कुमारी बाल निकेतन में प्रातः 11 बजे से संचालित करने की तैयारियां पूर्ण कर लीं है. । बालनिकेतन के 46 बच्चों को प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है । संस्थान के अध्यक्ष एवं सचिव ने इस हेतु आयुक्त महिला सशक्तिकरण को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि - *संस्थान में बेहद अनिवार्य सेवा देकर विभाग ने अत्यंत संवेदनशीलता का परिचय दिया है.. एकीकृत बाल संरक्षण सेवा के बेहतर क्रियान्वन केवल दिशा संभागीय बाल-भवन जबलपुर द्वारा उठाए कदम की सराहना की है ।*
संचालक बाल भवन ने बताया इस सुविधा के प्रारम्भ होने से जहां एक ओर विशेष श्रेणी परिवार विहीन बच्चों को प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में भागीदारी का अवसर मिलेगा, वहीं राष्ट्रीय-बालश्री एवार्ड में शामिल होने के अवसर भी बच्चों को प्राप्त हो सकेंगें. । प्रशिक्षण के लिए सुश्री शिप्रा सुल्लेरे एवं श्री सोमनाथ सोनी इस हेतु प्रभारी नियुक्त किये गए है। प्रशिक्षक के रूप में कुमारी मुस्कान सोनी भी जावेंगी. प्रयोग सफल रहा हो भविष्य में आवश्यकतानुसार चित्र-कला कराते, कम्यूनिकेशन, व्यक्तित्व-विकास कक्षाएं भी लगाईं जा सकतीं हैं.
दानदाताओं से सीधे बाल निकेतन को संगीत उपकरण दान देने का आग्रह है*
*प्रत्यूषा के बचपन का रोल निबाहेंगी बालभवन की श्रेया
खंडेलवाल*
सुधा प्रोडक्शन द्वारा बनाई जाने वाली प्रत्यूषा बैनर्जी के जीवन पर
आधारित फिल्म जिसका निर्देशन मुकेश नारायण अग्रवाल कर रहे हैं में प्रत्युषा
के बचपन का रोल करने के लिएश्रेयाखंडेलवालको
चुना है. १२ वर्षीय श्रेया बालश्री की नामिनी भी हैं तथा बालभवन में नाट्य नृत्य
एवं संवाद कविता लेखन की छात्रा हैं तथा बालभवन के नुक्कड़ नाटकों में भी
श्रेया ने कई भूमिकाएं निभाईं हैं
श्रेया ने विवेचना रंगमंडल द्वारा
मंचित नाटक “हम आपके हैं कौन?” में
जिसका निर्देशन श्री अरुण पांडे एवं श्री
संतोष राजपूत ने किया में प्रमुख भूमिका निबाही थी .
08
जून 2016 को मुंबई में हुए आडिशन में श्रेया का अंतिम रूप से
चयन कर लिया गया . श्रेया का नृत्य भी इस अनाम फिल्म में शामिल किया.
पिता श्री विकास खंडेलवाल
एवं माँ श्रीमती अर्चना अपनी बेटी उपलब्धियों का ईश्वर एवं बालभवन के साथ साथ स्माल वंडर्स स्कूल के शिक्षकों
को देते हैं
साल भर पहले अपनी सहेली
पलक गुप्ता के साथ बालभवन जबलपुर में नृत्य कक्षा में प्रवेश लेने वाली श्रेया
खंडेलवाल एवं उनकी क्लासमेट पलक गुप्ता अदभुत प्रतिभा की धनी हैं . दौनों ही वर्सटाइल कलाकार हैं . मैंने दौनों में
सामान्य से कुछ एक्स्ट्रा एनर्जी देखी. दोनों को अभिनय में हाथ आज़माने का सुझाव
दिया और पाया कि श्रेया और पलक बेहतरीन अभिनय कर सकतीं हैं . इतना ही नहीं मंच
संचालन में उनकी क्षमता एक दूसरे पर हावी है.
हिन्दी,अंग्रेज़ी, राजस्थानी
भाषाओं की जानकार श्रेया बुन्देली सीखे बिना खुद को अधूरा मानती है. कविता,
मानवीय विकास आध्यात्मिक विषयों में पर बात करने की उत्कंठा आज के
कान्वेंट ब्रांड बच्चों में कम ही देखने मिलती है. श्रेया उन कुछ बच्चों में से एक
है जो संस्कारधानी जबलपुर को यश प्रदान करेगी आभास जोशी के बाद जिन बच्चों के लिए
मुझे कुछ करने का अवसर मिला उनमे संगीत के क्षेत्र में ईशिता विश्वकर्मा, कुमारी
प्रिया सौंधिया, मास्टर नयन सोनी, चित्रकला के क्षेत्र में रोहित गुप्ता, शुभमराज अहिरवार , कुमारी तान्या बडकुल, यशी
पचौरी, अभय सौंधिया, तबला - सेजल तपा, मनु कौशल , कराते में दुर्गा-ब्रिगेड की रिंकी राय एवम
वीरनायण ब्रिगेड के लीडर मास्टर गजेंद्र डेहरिया , साहित्य में शिवा नामदेव कुमारी
सुनीता केवट, कुमारी उन्नति तिवारी , नृत्य में कुमारी समृद्धि असाटी, सहित इस वर्ष बालश्री नामिनी क्रमश: कु.मनु कौशल ,तबलाश्रेया खंडेलवाल, अभिनय प्रवीन उद्देगायन , विशेष श्रेणी नेत्र दिव्यांग, आकाश कोहलीपेंटिंग , विशेष श्रेणी, [बालग्रह], सृष्टि गुप्ता,संवाद-लेखन,अभय सौंधिया-मूर्तिकला.
कुमारी माया पटेल कविता-लेखन, विशेष-श्रेणी नेत्र
दिव्यांग कुमारी अपूर्वा गुप्ता विज्ञान-माडल सौम्य नागवंशीविज्ञान माडल विशेष श्रेणी, अस्थि दिव्यांग में असीम
संभावनाएं हैं .
बालभवन के बच्चों को यशस्वी बनाने
में मैंटर्स क्रमश: श्री मति रेनू पाण्डे, सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्री
देवेन्द्र यादव, श्री सोमनाथ सोनी, श्री इंद्र पांडे, कुमारी मनीषा
तिवारी की सेवाएं सराहनीय हैं
श्रेया सहित सभी बाल प्रतिभाओं
को मेरी अनवरत शुभकामनाएं शुभाशीष
21 जून 2016 दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हेतु सामान्य योग अभ्यासक्रम ( CYP )
प्रथम चरण
A)प्रार्थना ---
ॐसंगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसीजानताम् !
देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते !!
दूसरा चरण
B)
शिथिलीकरण अभ्यास/चालन क्रियाएं
1]
ग्रीवा चालन खडे होकर सिर को धीरे धीरे आगे और पीछे करना : प्राणायाम युक्त 1मिनट.
2]ग्रीवा चालन दाई एवं बाई ओर गर्दन झुकाना है . 1मिनट.
3]
ग्रीवा चालन दाएं एवं बाएं ओर गर्दन घुमाना है. 1मिनट.
4]
ग्रीवा चालन गर्दन को पुरा गोलाकार घुमाना है. 1मिनट.
5]
स्कंध संचालन दोनों बगल से हातों को ऊपर उठाएं और निचें लें
जाएं . 1मिनट.
6]स्कंध चक्र एवंम स्कंध चालन दोनों कोहनियों को पुरी तरह चक्राकार घुमाएं . 1मिनट.
7]
कटि चालन / कटिशक्ति विकासक कटिचक्रासन का तिसरा
अभ्यास है. 1मिनट .
8]घुटना संचालन / खुर्चिसन के जैसा करना है. 1मिनट .
तीसरा चरण
C)
खडे होकर किए जाने वाले आसन .
1]
ताडासन ( उर्धव ताडासन स्थिति)
2मिनट.
2]
वृक्षासन ( वृक्ष की स्थिति) 2मिनट .
3]
पादहस्तासन 2 मिनट.
4]
अर्धचक्रासन हा कमरपें. 2 मिनट.
5]
त्रिकोणासन.कोनासन जैसा.
2 मिनट.
चौथा चरण
D)
बैठकर काए जानेवाले आसन.
1]
भद्रासन तितली के जैसे बैठी हुई स्थिति में स्थिर होना है. 2 मिनट.
2]
वज्रासन / वीरासन 2 मिनट.
3]
अर्ध उष्ट्रासन हाथों कमर पर रखें . 2 मिनट.
4]
उष्ट्रासन ऊंट जैसी स्थिति.
2 मिनट.
5]
शशांकासन खरगोश जैसी स्थिति .
2 मिनट.
6]
उत्तानमंडुकासन उर्धव दिशा में मेढक जैसा स्थिर होना.
कोहनियों के सहारे सिर को थामा जाता है. 2 मिनट.
7]
वक्रासन/मरीच्यासन. वक्रासन का तिसरा अभ्यास है. 2 मिनट.
पाँचवाँ चरण
E)
उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन.
1]
मकरासन. सुप्तमकरासन के जैसा शिथिल हो जाना है. 1 मिनट.
2]
भुजंगासन.सरल याँ अर्धहस्त
कि स्थिति है. 1मिनट.
3]
सलभासन .द्वीपाद का अभ्यास है. 1 मिनट.
छँटवाँ चरण
F)
पीठ के बल लेटकर
किए जाने वाले आसन.
1]
सेतुबंधासन/ स्कधंरासन का स्थिति है. 2 मिनट .
2]
उत्तानपादासन 30%.2 मिनट.
3]
अर्धहलासन30%60%90%.2 मिनट.
4]
पवनमुक्तासन---
2 मिनट .
साँतवाँ चरण
G)
नैसर्गिक स्वास--प्रस्वास प्रक्रिया
पर ध्यान केंद्रित करना है. शवासन --
3 मिनट .
आँठवाँ चरण
H)
प्राणायाम
1]
कपालाभाति 2 मिनट .
2]
अनुलोम विलोम नाडी शोधन प्राणायाम 2 मिनट.
3]
शीतली प्राणायाम .जीभा से साँस भरना है. 2 मिनट.
4]
भ्रामरी प्राणायाम .
2 मिनट.
5]
ध्यान --ध्यान लगातार चिंतन--मनन की प्रणव क्रिया है. 2 मिनट.
नवाँ चरण
I)
संकल्प--योग सत्र का समापन इस संकल्प के साथ करना है.
हमें अपने मन को
हमेशा संतुलित रखना है. इसमें ही हमारा आत्मविकास समाया है,
मैं खुद के प्रति
कुटुंब के प्रति काम समाज और विस्व के प्रति
शांति--आनंद और
स्वास्थ्य के प्रचार के लिए बद्ध हूं !!
दसवाँ चरण
J)
शांति पाठ
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः। सर्वे भद्रणिपश्यन्तु मा कश्चिद्दुःख भाग
भवेत्॥
ॐशान्तिः शान्तिः
शांतिः।
Meaning
May all be happy. May all enjoy health and freedom from disease. May all have prosperity and good luck. May none suffer or fall on evil days. This mantra is for Peace invocation. It is
intended to be recited for the welfare of humanity as a whole. The reason it is
one of my favorite mantras in Hinduism is simple — the mantra is the most
selfless prayer ever. You are not asking anything for you by reciting this, but
rather the goodwill and welfare of everybody in the world is being prayed for.
In my humble opinion, it is a representation of Hinduism, a non-violent,
peaceful religion.
1934 में बिहार में जन्में दलित श्री दशरथ
मांझी एक संसाधन हीन गाँव अतरी के निवासी थे. उनके गाँव की ज़रूरतें पास के कस्बे वजीरगंज से पूरी होतीं थीं. जहां
जाने के लिए गहलोर पर्वत पार करना करना था । दशरथ मांझी की पत्नी फागुनी
एक दर्रे में गिर गईं इलाज़ के लिए जरूरी दवाएं लाने में विलम्ब की वज़ह से उनकी
पत्नी की मौत हो गई, इस घटना से दशरथ बेहद दुखी हुए और
फिर संकल्प लिया कि वह अकेले दम पर
पहाड़ के बीचों बीच से रास्ता बनाएंगें अपने गाँव अतरी को वजीरगंज कस्बे से जोड़ेंगे .1960 से वे लगातार श्रम करते रहे और उनका संकल्प
1982 में पूर्ण हुआ. 360 फ़ुट-लम्बा यानी 110 मी, 25 फ़ुट-गहरा (7.6 मी)
30 फ़ुट-चौडे (9.1 मी) रास्ते के निर्माण में उनके जीवन के महत्व-पूर्ण 22 बरस लगे. दशरथ
जी का निधन 17 अगस्त 2007 में हुआ. ऐसी महान हस्ती को नमन के साथ – ये गीत
समर्पित है .
संगमरमर को काट के निकलीं
बूंद निकली तो ठाट से निकलीं
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बंद ताबूत में थी इक “चाहत” !
एक आवाज़ काठ से निकली !!
🌺🌺
बद्दुआएं लबों पे सबके है -
नेकियां किसकी गांठ से निकली !!
🌺🌺🌺
शाम की बस से बेटी लौटी है !
मिलने सखियों से ठाट से निकली !!
🌺🌺🌺
झुर्रियों वाले चेहरे पे गज़ब की रौनक
मोहल्ले भर में ईदी, वो बाँट के निकली !!
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गीत :-
नागफनी जिनके आँगन में
उनके घर तक जाए कौन ?
घर जिनके जले मकडी के
रेशम उनसे लाए कौन !
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एक ही मेरे मन का साथी
शीतल रश्मि समर्पण करता
चाँद मेरा जो अन्तरंग है
सूरज के गुन गाए कौन..?
जिज्ञासा दब गई भूख में
पोथी पूज न पाया बचपन
चीख रहे हैं आज आंकड़े
बूढ़ी आँख पढ़ाए ...?
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हर उत्तर से प्रश्न प्रसूते
प्रश्न-प्रश्न डूबे हैं उत्तर
प्रश्न चिन्ह जीवन जो हो तो
ऐसा चिन्ह मिटाए कौन ?
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लघु रचना
डूबे सूरज को उठा लूँ तो चलूँ ।
नए उजालों को सम्हालूँ तो चलूँ ।।
रात भर चलना है घुप अँधेरों में-
इक कंदील साथ जगालूँ तो चलूँ ।।
सियासी कहे है वोट हूँ इंसान नहीं
ऐसे कथनी की होली जलादूं तो चलूँ ।।