रोज़ हालात रंजिश के बनाते क्यों हो
....?
सुलह करने मुंसिफ तलक जाते क्यों हो .?
चूमते पंखुरी चुभ जाएं हैं कांटे तुमको
ऐसे फूलों से गुलदान सजाते क्यों हो ?
मेरे किरदार में शामिल हो मुझसे ज़्यादा
तोहमतें मुझपे अक्सर लगाते क्यों हो ?
चैन से रहने दो उनको क़यामत के लिए
गड़े मुद्दों को, उखाड़ के
लाते क्यों हों ?
उसकी फितरत है आस्तीन में छिप जाने की
सरे बाज़ार, आस्तीन, चढाते क्यों हो ?