सम्मान के यश को दुगना करने की रीत निभाई जबलपुर के स्नेहीजनों नें किस किस का आभार कहूं कैसे कहूं स्तब्ध हूं. जी कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दीवारें पोतने का काम करते हैं, उन पुताई करने वालों का भी आभारी हूं उनसे न तो मुझे गुरेज़ है न ही उनके लिये मेरे मन में कोई नकारात्मक भाव शुभचिंतकों का आभारी हू.........!!
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10 टिप्पणियां:
मेरी अशेष बधाईयाँ स्वीकारें .
- विजय तिवारी " किसलय "
बहुत बधाई.
बधाईयाँ स्वीकारें
बधाई ...शुभकामनायें
बहुत बहुत बधाई आपको .....
वाह! बधाई हो !
Badhai Girish ji..
बल्ले बल्ले
बधाई...
एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई......
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