साभार : शब्दों का सफ़र से |
"शरद कोकास" ----एक सराहनीय और मिलाजुला प्रयास.......शरद कोकास एक जिद्दी व्यक्ति का नाम है.जी हाँ वह शरद कोकास एक जिद्दी जो की कविता कोष में इस तरह से शामिल है
- गुनगुनी धूप में बैठकर / शरद कोकास (कविता-संग्रह)
- पुरातत्ववेत्ता / शरद कोकास (लम्बी कविता)
- बीता हुआ दिन / शरद कोकास
- प्रकृति के दफ़्तर में / शरद कोकास
- कोयल चुप है / शरद कोकास
- अर्थी सजाने वाले / शरद कोकास
- बदबू / शरद कोकास
- हैलमेट / शरद कोकास
- इज़्ज़तदार / शरद कोकास
- झील से प्यार करते हुए–1 / शरद कोकास
- झील से प्यार करते हुए–2 / शरद कोकास
- बच्चा अपने सपनों में राक्षस नहीं होता / शरद कोकास
- ईश्वर यहीं कहीं प्रवेश करता है / शरद कोकास
- / शरद कोकास
- / शरद कोकास
- शरद कोकास यानी जबलपुर आने का तीन बरस से वादा करके न आ आए .... सोचा था की सुनेंगे उनको पर वे इस बार भी न आये जबलपुर
- खैर अर्चना जी ने उनके सफल प्रयास का पोड कास्ट बना दिया मुझे बहुत उम्दा लगा
- आभार अर्चना जी
7 टिप्पणियां:
एक एक करके सुनते हैं...आभार.
सुनते हैं शरद जी को शुभकामनायें।
बिना सुने रह कहां पायेंगे..
शानदार कविताएं हैं...
गिरीश भैया .... हम सब समझते हैं ...। उड़ा लो मजाक ..आपका हक़ बनता है । खैर जल्दी ही यानि 15 दिनो बाद जबलपुर पहुंच रहे हैं अब आपकी शिकायत दूर हो जायेगी । शेष बातें फोन पर करते हैं कल ।
और अर्चना जी के लिये क्या कहें .. उनका स्नेह अद्भुत है । इस नवरात्र पर कविताओं पर जो मेहनत उन्होंने की है वह सराहनीय है । मैंने उन्हे लिखा है कि आभार के लिये शब्द नहीं हैं मेरे पास । यह आप सभी पाठकों और मित्रों का प्रेम है ।
समीर जी,निर्मला जी,भारतीय भाई-अब तक सुन चुके होंगे...शुक्रिया.
डॉ. शरद-- सच में शानदार..
आदरणीय शरद जी- शब्द तो मेरे पास भी नहीं हैं,...ये सम्मिलित प्रयास है,मुझे एक मौका दिया आपने...एक कोशिश मैनें भी की है --
यह सभी पाठकों,मित्रों के साथ ही श्रोताओं का प्रेम है...आभार...
mithi awaaz santulit swar aur behtareen rachnayen
एक टिप्पणी भेजें