सारा ब्लाग जगत में कौतुक भरी नज़र से अविनाश वाचश्पति के ब्लागों पर क्लिक पे क्लिक मारे जा रहा था कि उडनतश्तरी के लैण्ड होने की क्या खबर है कैमरे स्टिल-फ़्लैश सब चल पड़े थे कवरेज़ को पर पता चला कि एयर-पोर्ट पर सेन्सर-शिप लागू है. रक्षा मंत्रालय के सूत बताते हैं कि सुरक्षा कारणों से देश हित में ज़रूरी था. असल में माज़ारा क्या है इस पर कोई न बोला ताऊ महाराज भी सुन्न दबा के बैठ गये , दिल्ली के अजय भाई ने भी चुप्पी ही रखी , जबलपुर के महेन भैया बवाल साब सब चुप्प यानी "गड़ा गुप्प चिड़ा चुप्प..!!" अब मेरे दिमाग में चैन कहां. तमाम भोपाली टांगे वालों ने अब मरियल घोड़ों को काला खिज़ाब लगवा लिया जबलपुर में भी खूब बिक रहा है गार्नियर भी दिल्ली में तो कनाट प्लेश की दुकान लुट गई इस चक्कर में इस वीकेण्ड हेयर कलर ब्लैक में भी मुश्किल है लोग बुढ़ापा कैसे छिपाएंगें ...दुनिया भर में खबर है उडनतश्तरी को काले घोड़े के दाएं अरे नहीं बाएं पैर की अपने आप निकली नाल चाहिये सारे घोड़े काले कर दिये बूढ़े-खूसट सईसों ने. घोड़ियां हैं कि लत्ती मार मार कर अपने पति को दुत्त्कार रहीं हैं. धन्नो ने तो भोपाल में सचिवालय के सामने धरना दे दिया कि हमारे पति बदल दिये गये हैं सरकार चुपचाप सो रही है. सी जी के ललित शर्मा ने बयान जारी करना पड़ा कि:-"कोई भी पत्नी जिस स्वरूप में पति का वरण करनी है उससे विलग छवि को स्वीकारना धर्म के विरुद्ध है घोड़ों को तलाक देने को बाध्य हैं घोड़ियां सतीत्व की रक्षार्थ न्यायोचित है." घोड़ा मालिकों की गिरफ़्तारी के आश्वासन के बाद धन्नो ने मोर्चा खुर्द-बुर्द किया.खैर अब रही बात कि कल के कार्यक्रम की तो तय शुदा वक़्त पर पूरे इत्मीनान से होगा . उडन तश्तरी के साथ जिन दो तारिकाओं का फ़ोटू छपा है इनके आने से वातावरण कैसा होगा कहना मुश्किल है अत: मध्य-प्रदेश से आफ़िसियल रिपोर्ट तक फ़िलहाल दिल्ली प्रशासन ने इस बात की मंजूरी इन्तज़ाम अली एवम ब्लाग जगत के सूचना-प्रसारण मंत्री ज़नाब अविनाश वाचश्पति को नहीं दी है.इतर जानकारी के लिये चौखट इधर है=>; {{([])}}
दिल्ली-ब्लागर्स-मीटिंग का एजेण्डा
"दिल्ली से जबलपुर तक समर जी की सत्रह घंटे की यात्रा के लिये आवश्यक सुझाव का मसौदा तैयार किया जावेगा जिसे रोहतक में अंतिम स्वीकृति मिलेगी "
डिस्क्लेमर
मित्रो:- यह आलेख केवल मनोविनोदन के लिये है
अत: आप से ठिलठिला के हंसने की गुज़ारिश है
मिसफ़िट के लिये दिल्ली में अविनाश वाचस्पति, छत्तीसगढ में ललित शर्मा के साथ गिरीश बिल्लोरे मुकुल
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- विशेष सूचना :- अभी अभी पता चला है कि वे सुंदरियां कौन हैं उनका नाम क्या है आदि-आदि इस बारे में हमारी टीम से आधिकारिक रिपोर्ट मिलते ही खुलासा कर दिया जावेगा
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24 टिप्पणियां:
भूत, विभूत,वर्तमान, निवर्तमान, भावी और प्रभावी सभी ब्लोगर्स का कनाट प्लेस में मेरी तरफ से स्वागत है(मुझे कौन सा इंतजाम करना है).
ब्लोगर्स की तरह घोड़ों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है... घोड़ी की उपेक्षा के शिकार घोड़ों को बिना नाल के दौडाने की पूरी तैयारी लग रही है ... :)
कृपया हसीनाओं का एजेंडे का खुलासा भी अवश्य और समय रहते करें :)
पद्म जी सादर अभिवादन
तब तक इस गज़ल को गुन गुनाया जा सकता है
"सरकती जाएं हैं रुख से नक़ाब आहिस्ता-आहिस्ता
निकता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता
मेरी और उनकी मोहब्बत में फ़र्क़ है इतना
इधर जल्दी जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता"
हा हा हाहा--------------बस हँसी और हँसी थमने का नाम नही ले रही .....और लेबल देखकर दुगनी(कुछ याद आ गया)....समीर लाल ....भारत प्रवास....(उड़न तशतरी....से घोडे पर सवार ..)
@तमाम भोपाली टांगे वालों ने अब मरियल घोड़ों को काला खिज़ाब लगवा लिया जबलपुर में भी खूब बिक रहा है गार्नियर भी दिल्ली में तो कनाट प्लेश की दुकान लुट गई इस चक्कर में इस वीकेण्ड हेयर कलर ब्लैक में भी मुश्किल है लोग बुढ़ापा कैसे छिपाएंगें
का गजब किए हैं दादा--दिल्ली ही लूट लिए:)
@उडन तश्तरी के साथ जिन दो तारिकाओं का फ़ोटू छपा है इनके आने से वातावरण कैसा होगा कहना मुश्किल है।
ये तारिकाएं महातारिकाएं कुछ जानी पहचानी नहीं लगती का-- बोले तो - अरे नाम तो बता देते यार, हा हा हा
जय राम जी की।
गजब !
गिरीश जी बहुत बढ़िया !!
..........बहुत बढ़िया
बेचारा घोडा ...?
Bechara Ghoda ya Bechari..............
उड़न तश्तरी का भारत की धरती पर हार्दिक स्वागत. उनके आगमन की खबर देने के लिए आपको धन्यवाद .
हा हा हा हा हा हा हा हा हा ……………………………………………
उड़नतश्तरी उतर ही गयी आखिर...
@rachana ji
डिस्क्लेमर
मित्रो:- यह आलेख केवल मनोविनोदन के लिये है
अत: आप से ठिलठिला के हंसने की गुज़ारिश है
Meree Poojy Bhaabhi Shri ka nam sahit zikr n karen achchhaa hogaa
Sadar
हा हा हा , तभी हम कहें कि गोया राजधानी का तो पूरा मौसम ही बदल गया ..तेज बारिश और ठंडी हवाओं ने स्वागत किया है..बिल्कुल दो हसीनाओं की तरह ।
ये मिलन नहीं आसान ..बस अब या तैर के जाना है या डूब के जाना है ..
:))
का हो भैया, अब इहे दिन बाकी बचे हैं , घोडियन का दर्द समझो, घोड़ों को रंगना भी ! और समीर जी को नाल कि क्या आवश्यकता. शनिचर सही है. सुन्दरीयों पर नो कमेंट्स !
सुस्त पुस्त हो मेरे दुश्मन ... चुप इसीलिए हूँ की मैं इन दिनों घोड़ियों के लिए नांल की व्यवस्था कर रहा हूँ फिर उन्हें गार्नियर लगवा कर प्रस्तुत करूँगा ... जब इनको प्रेजेंट करूँगा तो वातावरण सुगंध मय हो जाएगा... हा हा
गार्नियर लगवा कर क्या दिल्ली का दिल लूटने का इरादा है ? हा हा
haa haa pandit jee gazab kah gaye
वा वा क्या बात है
हा हा मस्त लिखे हैं
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