23.6.08

अन्तरजाल पर सुखद अनुभूतियाँ

रंजू ranju जी ने अमृता प्रीतम की याद में पोस्ट प्रकाशित कर जहाँ अभिभूत किया है । वहीं दूसरी ओर मुद्दत हुई है यार को मेहमां किये हुए पोस्ट भी असरदार है लेकिन मीत साहब कलकत्ता वालों के इस ब्लॉग किस से कहें ? पे पहुंचा तो दंग रह गया।
किस से कहें ? ब्लॉग खजाना है अन्तर जाल पे लुटा रहे हैं अपने मीत जी इनकी जितनी तारीफ़ करुँ कम है ।
MANAS BHARADWAJ --THE LAST POEM IS THE LAST DESIRE ब्लॉग है मानस भारद्वाज का जो इंजीनियरिंग की पढाई में व्यस्त होकर भी पोस्ट करतें हैं एक कविता लगभग रोज़ ....!

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया पोस्टों का जिक्र है. रंजू जी को साधुवाद.

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत बहुत शुक्रिया इस पोस्ट को यहाँ जगह देने के लिए ..मुझे एक सेकंड लगा कि यह मेरे जैसा और किसने लिखा :)
बाकी इस में लिखी पोस्ट भी पढ़ी अच्छी लगी तहे दिल से आपका फ़िर से शुक्रिया ..समीर जी आपका भी शुक्रिया :)

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

रंजू जी
मुझे एक सेकंड लगा कि यह मेरे जैसा और किसने लिखा ....?
ये ही तो मजे की बात है पोजिटिव ब्लागिंग में
समीर जी को शुक्रिया और आप का आभार

Wow.....New

आखिरी काफ़िर: हिंदुकुश के कलश

"आखिरी काफ़िर : हिंदूकुश के कलश" The last infidel. : Kalash of Hindukush"" ऐतिहासिक सत्य है कि हिंदूकुश प...