जो चाहो तो आज से शुरू कर सकते हो एक
विश्वासी जीवन
मत जियो ऐसा
आभासी जीवन जो
तकसीम कर देता है
पहले दिलों को
फ़िर नक्शों को
फ़िर
फ़िर क्या............?
यहीं से ख़त्म होती है सुकून भरी ज़िंदगीयाँ !
"जिंदगियाँ"
वो जो आभास और अब्बास के बीच फर्क नहीं करतीं
वो जो
रेशमा सी रौशन मुस्कराहट बिखेरती हैं
हाँ जी
हाँ जी
वो जो
टाँगे पर स्टेशन से घर तक
ले कर आतीं है
"रमजान-चचा"
ने नाम से
तो कहीं इकबाल की पहचान
से पहचानी जातीं हैं ।
ले कर आतीं है
"रमजान-चचा"
ने नाम से
तो कहीं इकबाल की पहचान
से पहचानी जातीं हैं ।
खालिक के सूट के बगैर
कोई दूल्हा "दूल्हा" नहीं बनता
इदरीस के घर की
"तुक्क -तुक्क,तॉय-तॉय"
आवाज़ के बिना मुहल्ले में भोर
नहीं सुहाती थीं ।
कोई दूल्हा "दूल्हा" नहीं बनता
इदरीस के घर की
"तुक्क -तुक्क,तॉय-तॉय"
आवाज़ के बिना मुहल्ले में भोर
नहीं सुहाती थीं ।
इनके विशवास कम न हों
सत्य का आभास बेदम न हो
मीत इस ईद में भी ईद का
उछाह कम न हो
सत्य का आभास बेदम न हो
मीत इस ईद में भी ईद का
उछाह कम न हो
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4 टिप्पणियां:
ईद मुबारक!!
नवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनाऐं.
सलम वकेकुम मिया
कैसे है
आपको भी इद मुबारक
आपको भी ईद मुबारक!!! ओर सभी पढने वालो को भी ईद मुबारक.
धन्यवाद
Dada
Allaah sabhee ko nekee or aman ka sandesh de
ID MUBAARAK
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