21.12.16

भ्रमर दंश सहे कितने, उसको कैसे कहो, कहूंगा ?

आभार :- नितिन कुमार पामिस्ट 

  एक अकेला कँवल ताल में,  संबंधों की रास खोजता !
     रोज़ त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!

बहता दरिया  चुहलबाज़ है,
 तिनका तिनका छीन कँवल से ,
दौड़ लगा देता है अक्सर
,   पागल सा फिर त्राण  मसल के ! 
है सबका सरोज प्रिय किन्तु  
,
 उसे दर्द क्या.? कौन सोचता !!
     एक अकेला कँवल ताल में,  संबंधों की रास खोजता !

रात कुमुदनी जागेगी तब,  मैं विश्रामागार रहूँगा
भ्रमर दंश सहे कितने, उसको कैसे कहो, कहूंगा ?
कैसे पीढा व्यक्त करूंगा अभिव्यक्ति की राह खोजता !!
              जाग भोर की प्रथम किरन से, अंतिम तक मैं संत्रास भोगता !

20.12.16

जबलपुर में एक लाख से अधिक स्कूली बच्चों ने रचा इतिहास : श्री अभिमनोज

जबलपुर. ‘‘हम सब ने ये ठाना है शहर को नम्बर 1 बनाना है’’ जैसे नारों के साथ शहर के एक लाख से अधिक स्कूली बच्चों ने आज इतिहास रच दिया. शहर के 448 शासकीय और अशासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी पूरे उत्साह के साथ सड़कों पर आये और बड़ों को स्वच्छता का संदेश दिया. स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत जबलपुर को साफ सुथरा रखने और देश में जबलपुर को प्रथम स्थान दिलाने इस महाअभियान का आयोजन किया गया. कहीं हाथों में बैनर पोस्टर लेकर विद्यार्थियों ने स्व्च्छता का संदेश दिया तो कहीं छात्र छात्राओं ने आम लोगों और व्यापारियों को डस्ट बिन का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया.
स्वच्छता को लेकर पहली बार आयोजित इस व्यापक जागरूकता अभियान के दौरान महापौर डॉ श्रीमती स्वाती सदानंद गोडबोले, एमआईसी सदस्य और निगमायुक्त श्री वेदप्रकाश भी स्कूली विद्यार्थियों के बीच पहुंचे और उनका उत्साह बढ़ाया. महापौर ने कहा कि स्वच्छता को लेकर स्कूली विद्यार्थियों में आई जागरूकता समाज के लिए अच्छा संकेत है और उनके माध्यम से बड़े भी साफ सफाई के प्रति प्रेरित होंगे . स्वच्छता क्रांति का नजारा एक ही समय में शहर भर के स्कूली विद्यार्थियों द्वारा सड़कों पर आ जाने से पहली बार स्वच्छता क्रांति का एहसास हुआ. भविष्य को लेकर स्कूली बच्चोंकी चिंता और जागरूकता को देखकर बड़े भी प्रेरित हुए और उन्होंने विद्यार्थियों के हौसले और जज्बे को सराहा.
स्वच्छता को लेकर शहर में बड़ें पैमाने पर पहली बार हुए जागरूकता अभियान की सफलता पर महापौर डॉ श्रीमति स्वाती सदानंद गोडबोले और निगमायुक्त श्री वेदप्रकाश ने सहभागिता करने वाले सहयोग के लिये जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया है . महापौर ने आशा व्यक्त की है कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिये इस अभियान से समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और नागरिकों में सफाई के प्रति गंभीरता आएगी.

इस अवसर पर महापौर डॉं. श्रीमती स्वाती सदानंद गोडबोले, मेयर इन काउंसिल के सदस्य श्री मनप्रीत सिंह आनंद, श्री कमलेश अग्रवाल, श्री श्रीराम शुक्ला, श्री नवीन रिछारिया, श्री रमेश प्रजापति, श्रीमती दुर्गा देवी उपाध्याय, श्रीमती रेखा सिंह ठाकुर, श्रीमती इन्द्रजीत कौर कुंवरपाल सिंह शेरू, श्रीमती वीणा रजनीश जैन, श्रीमती ज्योति कुरील, पार्षदगण, निगमायुक्त श्री वेदप्रकाश, अपर आयुक्त श्री गजेन्द्र सिंह नागेश, श्री रोहित सिंह कौशल, उपायुक्त श्री राकेश अयाची, श्री जी.एस. बघेल, श्रीमती अंजू सिंह ठाकुर के साथ साथ सभी नगर निगम के विभागीय प्रमुख, संभागीय अधिकारी, तथा समस्त मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षकों ने भी स्कूलों के प्राचार्यो तथा प्राध्यापकों के साथ बच्चों का उत्साहवर्धन कर उनकी निगरानी की.

18.12.16

धर्मेंद्र पानी की टंकी पे चढ़े थे वो सरकारी थी : बीडीओ रामगढ़


फिल्मों को नया डायमेंशन देना शोले ने किया । शोले एक बदलाव की फिल्म कही जा सकती है ।
 अब आप ही बताएं कि पानी की टंकी के सवाल पर डायरेक्टर का माथा फिर गया था कि जिस गाँव में बिजली नहीं वहां पानी की टंकी का  का होना ? असल बात कौनों को नईं मालूम जो हमको रामगढ़ वाले बीडीओ ने सुनाई बीडीओ साब रिटायर्ड हैं ।
इन दिनों वे मानसिक रूप से कन्फ्यूज़ हैं । केजरीवाल मोदी जी पप्पू भैया अम्मा बुआ आदि वाले खबरिया विचार के बीच उनने बताया - हाँ तो गिरीश बाबू उस व्हेन आई वाज़ बीडीओ एट रामगढ़ गौरन्मेंट डिसाइडेट टू प्रोवाइड टेप वाटर एट रामगढ़   और फिर टेंडर हुआ पाइप और टंकी बनाने का टंकी बन गई पाईप का टेंडर रुक गया किसी कमीशनी रीज़न से ।
रहा बिजली का मुद्दा तो तर् खिंच रहे थे ।
खामखां बेकार पड़ी टंकी पर धर्मेंद्र को चढ़वाने का आइडिया हमारे बड़े बाबू का । सिप्पी को उसने ही उकसाया था तब वो सीन जोड़ा गया बाद में उसी ने कानूनी नोटिस भेजा अतिरिक्त किराए का ।
अब बड़े बाबू ठहरे बड़े बाबू उस दौर में सिप्पी साहेब से टंकी का किराया भी वसूला गया । खजाने में जमा है कुछ हमाई जेब में  चलिए छोड़िये बेवज़ह सिप्पी साब पे टंकी को लेके बकबका रहे हो

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17.12.16

प्राण हूँ कपड़े बदलने जा रहा हूँ !!

मृत्यु से अभिसार करने जा रहा हूँ
मैं किसी से प्यार करने जा रहा हूँ
साँसों की पूंजी खजाना सब लुटा
एक नया व्यापार करने जा रहा हूँ

कौन हूँ तुम जानते हो जिसे मैं नहीं वो ,
जिसे तुम पहचानते हो .. वो भी नहीं हूँ
न गलत हो तुम , मैं भी सही हूँ ..
चीथड़े देखे हैं तुमने , पहना मैं वही हूँ
प्राण हूँ कपड़े बदलने जा रहा हूँ !!

किसे घातक प्रहारों से मरूंगा...
तुम्हारे कहने से क्या मृत्यु - वरूंगा ?
तयशुदा साँसें जब चुकने लगेंगी-
रातरानी सा मैं झरने लगूंगा ...!
लड़खड़ाया हूँ बहुत अब सम्हलने जा रहा हूँ ..!!

गिरीश बिल्लोरे मुकुल  


11.12.16

डूबे सूरज मैं उठा लेता हूँ भोर अपनी है बता देता हूँ


डूबे सूरज मैं उठा लेता हूँ भोर अपनी है बता देता हूँ
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पूस की रातपुआलों पे बिछे बारदाने
चिलम के साथ निकल आते किस्से पुराने ..
पेड के पीछे छिपे भूत से डरा था कल्लू
रोज़ स्कूल में हम सब लगे उसको चिढाने
चीख चमरौटी की सुनके गाँव डरता था
पहन चप्पल जो निकला वही तो मरता था
हमने झम्मन को चच्चा कहा तो सब हँसने लगे
पीठ पीछे हमको ताने कसने लगे ...!!
किसी को छूने से धर्म टूटता या बचता है ...!
न जाने कौन ?  भरमजाल ऐसा रचता है ?
कितने सूरज बिन ऊगे ही डूब गए ...  
दीप कितने कुछ पल में ही रीत गए
आज़कल खोज रहा हूँ डूबते सूरज
कहीं मिल जाते हैं उनको मैं उठा लेता हूँ
कभी कुरते के पाकिट में छिपा लेता हूँ !
वक्त मिलते ही उनको मैं उगा देता हूँ
भोर सूरज की  है सबको मैं बता देता हूँ !!


10.12.16

जबलपुर के खाते में 2015 के दो बालश्री एवार्ड

जबलपुर के खाते में 2015 के दो बालश्री एवार्ड
जबलपुर बालभवन की श्रेया और अभय के साथ छिंदवाडा की फातिमा खान  ने श्रेष्ठता साबित की, बालभवन की सतत गतिविधियों की वजह से मिली सफलताएं
                 श्रेया को  थियेटर एवं अभय को मूर्तिकला का राष्ट्रीय बाल श्री अवार्ड मिला राष्ट्रीय बालश्री चयन प्रक्रिया  2015 में जबलपुर बालभवन के मास्टर अभय को मूर्तिकला के लिए राष्ट्रीय सम्मान हेतु चुना गया है। जबकि बेबी श्रेया खंडेलवाल को अभिनय के लिए राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।
       
            मास्टर अभय सोधिया के पिता श्री कैलाश सौंधिया प्राईवेट संस्थान में कार्यरत है। मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित  अभय फाइन आर्ट कालेज के प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है अभय  इस सम्मान को पाकर बेहद उत्साहित है उनका कहना है कि वे बालभवन में बिताये 6 वर्षें को अमूल्य दिन मानते हैं उनका कहना है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मूर्ति कला को आगे ले जावेगें अपनी सफलता का श्रेय बालभवन एवं अपनी गुरू श्रीमति रेनु पांडे को देते है .  साथ  मातापिता के सर्पोट के बिना यह उपलब्धि  संभव ही न थी  यह सम्मान वे अपनी माता शोभना सौंधिया को  समर्पित करते है ।“
                   बेबी श्रेया खंडेलवाल बालभवन की ऐसी बहुमुखी प्रतिभा  है  जो नृत्य गायन अभिनय एवं संभाषण कला में प्रवीण है । श्री विकास खंडेलवाल एवं श्रीमति अर्चना  खंडेलवाल की पुत्री श्रेया स्मालवंडर स्कूल में 8 वीं कक्षा की छात्रा है। कु. श्रेया अब तक विवेचना, रंगमंडल के नाटकों  तथा संभागीय बाल भवन के बॉबी नाटक में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी है ।
                   श्रेया अपनी मां अर्चना खंडेलवाल जी के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। स्मरण हो कि श्री मुकेश नारायण अग्रवाल द्वारा निर्देशित फिल्म हरपल है यहां धोखा में प्रत्यूषा बेनर्जी के बचपन का रोल निभा रहीं है । श्रेया आगे चलकर एक सफल अभिनेत्री एक अच्छी नागरिक बनना चाहती है।

                   छिंदवाडा  से बाल श्री के लिए चयनित मिराज फातिमा खान जबलपुर बालभवन द्वारा ही नामांकित की गयी प्रतिभागी है।  संभागीय बालभवन जबलपुर इस उपलब्धि के लिए संचालक जवाहर बालभवन भोपाल श्री मति तृप्ति त्रिपाठी एवं संयुक्त संचालक सुश्री सीमा शर्मा उपसंचालक श्रीमति मनीष लुम्बा ने प्रतिभागियों को बधाईयां दी है । संचालक बालभवन ने कहा कि यह उपलब्धि संभागीय बालभवन के सभी स्टाफ एवं समस्त अविभावकों की उपलब्धि है ।

झुककर सूरज उठा रहा हूँ .. मुझको झुकने की ताकत देना ......





कल रात  इशिता सीनियर और इशिता  जूनियर कलर्स के राइजिंग स्टार्स म्यूजिकल
कार्यक्रम के लिए चुनने की खबर जब वाट्सएप के ज़रिये फ्लेश की तो सबका स्नेह मिला
और आज यानी 09 दिसंबर 2016 शुक्रवार  को बालश्री 
2015 के रिज़ल्ट की खबर को प्रिया भल्ला ने आज के दिन को  बालभवन जबलपुर का *गुडफ्रायडे* बताया  समाचार अनुसार   *बाल अभिनेत्री  श्रेया खंडेलवाल* को   *थियेटर* के लिए तथा   *अभय सौंधिया* को मिला  *मूर्तिकला* के लिए राष्ट्रीय बालश्री एवार्ड 2015 हासिल  हुआ  
बाल अभिनेत्री  श्रेया खंडेलवाल
  
अभय सौंधिया
इस बीच शानदार नवम्बर को न भूलते हुए इन चार सितारों को न भूलूंगा जिनने
दिल्ली में प्रथम स्थान पाया शानदार समूह गीत गाकर ....
 याद हैं न मास्टर अब्दुल रहमान अंसारी, मास्टर प्रगीत शर्मा, मास्टर चन्दन सेन, एवं आदर्श अग्रवाल... जी हाँ ये ही थे दिल्ली के विजेता 





































































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विश्व का सबसे खतरनाक बुजुर्ग : जॉर्ज सोरोस

                जॉर्ज सोरोस (जॉर्ज सोरस पर आरोप है कि वह भारत में धार्मिक वैमनस्यता फैलाने में सबसे आगे है इसके लिए उसने कुछ फंड...