पिछले दिनों बेटे ने ये करवाया मुझसे .....कहता है कभी खुद का भी पढ़ो....तो ये पॉडकस्ट उसी का नतीजा है...अब सुनिये.....
मेरी कविता -- मेरी आवाज में
मेरी कविता -- मेरी आवाज में
आध्यात्मिक जगत के बड़े से बड़े प्रश्नों में एक है - क्या सब कुछ पूर्व निर्धारित है ? (Is everything predestined ? ) यदि हां , तॊ...
7 टिप्पणियां:
वाह!
घुघूतीबासूती
bahut sundar kavita aur utni hi sundar aapki aawaz...
यह है असली सृजन जबस्दस्त बधाई
वाह अर्चना जी वाह
बहुत अच्छी लगी. बार बार सुनने लायक...
आप सभी का शुक्रिया !!!आभार समय देकर सुनने के लिए...
दुखद सत्य, सार्थक कविता, मधुर पाठ!
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