कविता पद ओहदे डिग्री किसी भी चीज़ से प्रतिबंधित नहीं कविता कविता है... उसमें बनने और फिर बने रहने की क्षमता होती है. कविता क्या है शब्दों का संयोजन ही है न..? न भाव बिना कविता संभव कहाँ ..? भाव शब्दों के साथ इतने बहुत करीब होते हैं की दिखाई नहीं देते कभी शब्द कभी भाव ... तभी तो कविता का एहसास करते हैं हम आइये जस्टिस कुमार शिव की शब्द संयोजना ''तुमने छोड़ा शहर '' को सुने अर्चना चावजी के स्वरों में जिसे हमने लिया है उनके ब्लॉग ''अमलतास'' से ......गिरीश बिल्लोरे मुकुल
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Wow.....New
Is everything predestined ? Dr. Salil Samadhia
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4 टिप्पणियां:
सुंदर प्रस्तुतिकरण। अर्चना जी का बहुत बहुत आभार।
सुन्दर गीत और मधुर आवाज़ ने चार चाँद लगा दिए...
मस्त गाया है,
आभार
बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है.
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