ओह निप्पन
हम हतप्रभ,स्तब्ध चकित
तुमको देख रहें
कितने दर्द तुम्हारे भाग में लिक्खे गये
तरक्की किसे कहते हैं
हर हार के बाद सिखाते हो
हर हार के बाद सिखाते हो
शोक गीत से शायद ही
धीरज मिले….तुमको
जो
66 बरस बाद एक बार फ़िर
शोक में डूबा देख
मेरे मन में सुनामी सा उठ रहा है बार बार
सैलाब
सैलाब
ओ द्वीपों वाले देश
सुनामी को तुम ही जानते हो
तुम्ही ने उसे नाम भी दिया
तुम कितना भोगते हो
पैगोडाओं में रखे उन अवशेषों को भी
सुनामी ने निगला तो होगा
उन अवशेषों की वापस
तथागत से
उन अवशेषों की वापस
तथागत से
मांगते हम
तुम्हारा साहस
तुम्हारा साहस
"साहस"
जिस के तुम
जिस के तुम
पर्याय हो
सहित ६८०० द्वीपों की पीढा के सहने की
शक्ति मिले तुमको
उफ़ निप्पन तुम
रेडियेशन के दुष्प्रभाव की प्रयोगशाला
बनते हो
सदा
रेडियेशन के दुष्प्रभाव की प्रयोगशाला
बनते हो
सदा
हम हैं तुम्हारे साथ
मन में है भाव आर्त
क्या कहा..?
राज़नैतिक विश्व ?
नहीं
अब ज़रुरत है
मानवीय-विश्व की
जहां न सीमाएं हैं
न शख्सियतें
जो
न जाने क्यों
विकास के नाम पर
गाल-बजातीं हैं
खतरों की फसलें उगातीं हैं
बस इंसानियत के क़ानून हों
यह हमने तुम्हारी पीडा से जाना है
- विकास के पीछे के
सोये हुए विनाश को पहचाना है
शायद समझेंगी
विश्व भर की सत्ताएं
मानवी देहों की कीमत !!
____________
क्या कहा..?
राज़नैतिक विश्व ?
नहीं
अब ज़रुरत है
मानवीय-विश्व की
जहां न सीमाएं हैं
न शख्सियतें
जो
न जाने क्यों
विकास के नाम पर
गाल-बजातीं हैं
खतरों की फसलें उगातीं हैं
बस इंसानियत के क़ानून हों
यह हमने तुम्हारी पीडा से जाना है
- विकास के पीछे के
सोये हुए विनाश को पहचाना है
शायद समझेंगी
विश्व भर की सत्ताएं
मानवी देहों की कीमत !!
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निप्पन =सूर्योदय वाला देश
6 टिप्पणियां:
excellent poem! :-)
हम हैं तुम्हारे साथ
मन में है भाव आर्त
-बिल्कुल!!
जबरदस्त रचना.
मर्मस्पर्शी एवं भावपूर्ण काव्यपंक्तियों के लिए कोटिश: बधाई !
निःसंदेह,इस आपदा के समय में हम उनके साथ हैं.
आप सभी का
आभार
नम आंखों से
यह देश फिर खड़ा होगा, कहीं कई गुने उत्साह के साथ. शोक में हम सब साथ हैं.
japani himmat nahi harte,madad bhi nahi lete itihaas gavah hai.inke hosala aur jajbato ko salaam.
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