22.5.10

“कुपोषण एक अहम् मुद्दा होना ही चाहिये !“

कुपोषण एक अहम् मुद्दा होना ही चाहिये एन डी टी वी की इस एक्सक्लूजिव रिपोर्ट अवश्य  देखिये :-'' कमी की कीमत '' भारत के संदर्भ  में यह अब तक की सबसे प्रभावशाली जन चेतना फैलाने वाली इस रिपोर्ट में. कुपोषण को लेकर जो बात कही गई है उसका वास्ता हम से है और हो भी क्यों न एक अरब हो रहे होने जा रहे हम लोगों के कल की तस्वीर साफ़ सुन्दर और ताज़ी हो...... मित्रो शब्दों नारों से नहीं भारत की तस्वीर बदलेगी हमारी सोच को आकार देने से.....! साथियो हाथ बढ़ाने की ज़रूरत है....आपको क्या करना है..............
  1. कच्ची उम्र में सामाजिक सम्मान रीतियों  के नाम पर बालिकाओं के  विवाह  रोकें
  2. हर मां को  चिकित्सक की देखरेख में सुरक्षित प्रसव के लिये प्रेरित करें सहयोग करें
  3. बेटियों में होने वाली खून की कमी को रोकें
  4. गर्भवति महिला को आयरन के उपयोग की प्रेरणा दें 
  5. शिशु को कम से कम चार माह तक सिर्फ़ माता के दूध की सलाह दी जाये 
  6. बच्चे  को कम से कम पांच बार भोजन
  7. स्वच्छता 
  8. जन्म में अन्तर 
  9. सूक्ष्म-पोषक तत्व के प्रयोग पर बल 

5 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

सार्थक और सामयिक पोस्ट

वाणी गीत ने कहा…

कुपोषण रोकने के सार्थक सुझाव ....!!

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सार्थक आलेख...जागरुकता की जरुरत है.

राज भाटिय़ा ने कहा…

३ बेटियों में होने वाली खून की कमी को रोकें??
क्या बेटो की तरफ़ध्यान नही देना चाहिये?? बेटियो की जगह बच्चे लिखते तो अच्छा लगता. धन्यवाद, इस सुंदर पोस्ट केलिये

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

दादाजी
सही है
किन्तु सफ़ल जननी बनने के लिये उसके लिये ज़रूरी है

Wow.....New

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