पोस्ट का पोस्ट मार्टम मिश्रा जी की टिप्पणी के बाद
- समयचक्र - महेद्र मिश्रा said...
नागफनी की चर्चा आप अपने आँगन तक सीमित रखे बेहतर होगा . खेमबजी गुटबाजी जैसे शब्दों से परहेज करता हूँ और बरदास्त भी नही करता हूँ . नागफनी शब्द के साथ मुझे बधाई देना शायद मेरी भावनाओं को ठेस पहुँचा सकता है . आप बहुत बड़े ब्लॉगर है कृपया भविष्य में संतुलित शब्दों का प्रयोग करे . यही अपेक्षा करता हूँ .
- समयचक्र - महेद्र मिश्रा said...
जिस तरह से बिना किसी की अनुमति के वगैर कोई कार्य करना उचित नही है पहले कोई भी कार्य करे तो सहमति सभी की ली जानी चाहिए और सभी का विश्वास अर्जित करना चाहिए यह सभी कहते है .पर एकला चलो की नीति अच्छी नही होती है ... जबलपुर के ब्लागरो से आज से राम राम कृपया नोट करे ..
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"नागफनी" के बारे में आप से कभी मैंने अपनी अवधारणा स्पष्ट कर दी थी अब तो बस उस जो सजावट का कार्य करती-नागफनी का आभार ही मानता हूँ ! यहाँ मैं आज उस घटना का ज़िक्र करना चाहता हूँ कि २६ जनवरी की एक अधिकारी अपने मित्र की उसके सामने तारीफ़ की जैसे ही पीठ फेरी तुंरत उसकी निंदा करते नज़र आए॥ ऐसा हर स्तर पर है अत: उन "नागफनी"आभार मानना ही होगा जो सजावट के लिए प्रयुक्त हैं । सच ईश्वर ने विष को कंठ में रख के दुनिया को बचाने की कोशिश की ।
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जबलपुर हिन्दी ब्लॉगर्स मीट की रिपोर्ट संजय तिवारी ’संजू’ जी ने अपने ब्लॉग संदेशा में छाप दी जो किसी भी स्थिति में कमतर और अधूरी नहीं थी . संजू भाई एक उर्जावान पोजिटिव सोच व्यक्ति हैं उनका आभार !जिनने इस मीट के साझा-आयोजन की जबाब देही को स्वीकारते हुए पोस्ट प्रकाशित की . उनके प्रति पुन: हार्दिक आभार कि उन्हौने समीर भाई के कैमरे से ली गयीं तस्वीरों को प्राप्त कर बेहतरीन पोस्ट प्रकाशित की . जो मीट में आ गए उनका आभार.......जो न आ सके उन भी आभार ..........!!
अंत में
आइना आईने के रू बरू हो जाए ज़रा
बात दौनों की चली जाए बहुत गहरे में !!
स्पष्ट है न कि दो दर्पण आमने सामने हों तो अन्नंत प्रतिबिम्बों का दर्शन किया जा सकता है मिश्र जी
“ध्यानाकर्षण के लिए आभार” विगत दिवस जबलपुरिया ब्लॉगर मीट भोजन के साथ संम्पन्न हुई ..............................................जो ब्लॉगर भाई किन्ही कारणों से मीट में नही पहुँचपाये उनके नही पहुँचने के कारणों की खोजबीन(पोस्टमार्टम)की जा रही है .... पर आयोजक बन्धु ने अनुपस्थित शहरी और बाहरी अन्य ब्लॉगर बंधुओं को ब्लॉगर मीट केसम्बन्ध में जानकारी देना भी उचित नही समझा ........भाई अपनी अपनी मर्जी .....जानकारी दे देते ....कम से कम नेट पे दे देते । अब समीर जी कुछ जानकारी अवश्य देंगे इस उम्मीद के साथ"
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4 टिप्पणियां:
नागफनी की चर्चा आप अपने आँगन तक सीमित रखे बेहतर होगा . खेमबजी गुटबाजी जैसे शब्दों से परहेज करता हूँ और बरदास्त भी नही करता हूँ . नागफनी शब्द के साथ मुझे बधाई देना शायद मेरी भावनाओं को ठेस पहुँचा सकता है . आप बहुत बड़े ब्लॉगर है कृपया भविष्य में संतुलित शब्दों का प्रयोग करे . यही अपेक्षा करता हूँ .
जिस तरह से बिना किसी की अनुमति के वगैर कोई कार्य करना उचित नही है पहले कोई भी कार्य करे तो सहमति सभी की ली जानी चाहिए और सभी का विश्वास अर्जित करना चाहिए यह सभी कहते है .पर एकला चलो की नीति अच्छी नही होती है ... जबलपुर के ब्लागरो से आज से राम राम कृपया नोट करे ..
छोटे छोटॆ मतभेद बड़े लक्क्ष के सामने बहुत मायने नहीं रखते. आप दोनों से निवेदन है कि मात्र हिन्दी के प्रसार और जबलपुर को संस्कारधानी सुनिश्चित करने में पूर्ण मनोयोग से संलग्न रहे बाकि सब नगण्य है. आशा है आप मेरे मनोभाव समझेंगे.
क्यो झूट बोल रहे है अपने फोन पर क्या खेमाबजी गुटबाजी जैसे शब्दों का प्रयोग मुझसे नही की है .
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