3.2.16

लाडो की पलकें झुकीं नहीं : प्रथम पुरस्कार मिला


26 जनवरी 2016 को माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री 
श्री गोपाल भार्गव के आतिथ्य में 67 वें गणतंत्र-दिवस समारोह का आयोजन हुआ.
             बेटियाँ मातृशक्ति का प्रतीक
हैं  भारतीय संस्कृति का गौरवगान हैं । इसी
भावभूमि पर आधारित प्रदर्शनों के साथ महिला-बाल विकास विभाग के  महिला सशक्तिकरण, एवं बाल विकास सेवा विंग  67वें गणतंत्र-दिवस समारोह में शामिल हुए.
    परेड में शामिल  22 सदस्यीय शौर्या दल  की कमान श्री योगेश नेमा के हाथ थी .
  
       “बेटियाँ : नए क्षितिज की ओर” थीम पर आधारित
महिला बाल विकास की झांकी पांच भागों में विभक्त थी । 
भाग
एक :-
घुड़सवार बेटियाँ झांकी
की अगुवाई करते हुए महिला बाल विकास की इस झांकी में बेटियों द्वारा पिछले दशकों
में प्राप्त सकारात्मक बदलाव एवं उपलब्धियों को चित्रित किया है । 
        प्रदेश सरकार न केवल पालने से पालकी तक
बेटियों के बारे में संकल्पित है वरन बेटियों की क्षमताओं
,
योग्यताओं के संवर्धन में आगे बढ़कर सफल एवं कारगर कोशिश की है । 

भाग
दो :-

“ नए क्षितिज की ओर ...!”
शीर्षक
वाक्य बेटियों को सामर्थ्यवान  बनाने का
सूचक है । देखिये बेटियाँ किस तरह स्वयं के सबला होने के   प्रमाण दे रहीं हैं । अब तक जिन क्षेत्रों में
पुरुष ही कार्य करते थे अब उन क्षेत्रों में महिलाओं के कदम स्थापित हो चुके हैं ।
महिलाएं कुली
,
पेट्रोल पम्प पर काम
,
पिंक वेन ड्रायवर
,
एवं बाक्सिंग, क्रिकेटिंग  जैसे नए
कार्यक्षेत्रों में भी नज़र आ रहीं हैं ।

भाग
तीन :-
झांकी
के दूसरे भाग में आत्मरक्षा के गुर सिखाने बालभवन में विगत 2015 से जारी नि:शुल्क
कराते कक्षा के बालक बालिकाओं नें  ...
“गुंडा-फाईट” का प्रदर्शन कर सर्वाधिक वाहवाही लूटी .  आत्मरक्षा के लिए सक्षम होती बालिकाएँ जिस तरह
गुंडों को परास्त कर धराशाई किया उसे देख सारा स्टेडियम तालियों से गूँज उठा. ।  निस्संदेह यह सजीव चित्रण प्रभावपूर्ण एवं
बालिकाओं को आत्मबल देने वाला रहा है ।


भाग चार :-  “कुछ भी हो
लाड़ो पलकें झुकाना” को चरितार्थ करती बालिका की “अर्ध-प्रतिमा”  अर्थात “बस्ट” अपने आप में व्यापक संदेश दे रही
है साथ ही  विभिन्न क्षेत्रों के लायक खुद
को बनाती  बालिकाएँ सजीव रूप से प्रदर्शित
हैं ।




भाग
पाँच :- झांकी के अंतिम भाग में बेटियों एवं महिलाओं की समग्र सुरक्षा एवं उनके
मुद्दों का विस्तार देने वाले  “शौर्या-दल”
विकास के  पथ पर अग्रसर है 

::::::::::::::::::::::::::: 
विशेष विवरण
          झांकी में शामिल समस्त कलाकारों,
अधीनस्त कर्मचारियों को बालभवन के सौजन्य से उपलब्ध कराए गए मैडेल्स का वितरण श्री
आर . सी. त्रिपाठी एवं निर्माण कार्यकारियों द्वारा किया गया . साथ ही सभी को
मिष्ठान वितरण भी कराया .  

1.    निर्माण एवं प्रस्तुति  :- महिला बाल विकास विभाग , जबलपुर
2.    मार्गदर्शन :- श्रीमती सीमा शर्मा,
संयुक्त संचालक बाल विकास सेवाएं
3.    निर्देशन :- श्रीमती मनीषा लुम्बा
संभागीय उपसंचालक, महिला सशक्तिकरण, श्री आर. सी. त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम
अधिकारी , (बालविकास सेवाएं)
4.    निर्माण कार्यकारी :-  श्री गिरीश बिल्लोरे, सहायक-संचालक, संभागीय
बालभवन,जबलपुर,  श्री मनीष शर्मा, सहायक
संचालक, श्री अखिलेश मिश्रा , जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी (सहायक संचालक),  वरिष्ट परियोजना-अधिकारी  श्री संजय अब्राहम एवं परियोजना अधिकारी
श्रीमती रीता हरदहा,
5.    झांकी के प्रारम्भ में :- सफ़ेद घोड़ों
पर सवार बालिकाएं कुमारी साक्षी तिवारी एवं कुमारी अंजना काछी  
6.    क़राते शो :- श्री नरेन्द्र गुप्ता के
निर्देशन में  कुमारी रिया साहू, कुमारी
रिंकी राय , मास्टर व्योम गर्ग , मास्टर गजेन्द्र डेहरिया , मास्टर नीलेश अहिरवार,
मास्टर अंकित,
7.    जीवंत झांकी निर्देशन एवं अभिनय टीम  :- निर्देशन- सुश्री शिप्रा सुल्लेरे,
श्री देवेद्र यादव,  एवं श्री इंद्र
पाण्डेय, कलाकार - सुश्री प्रज्ञा नेमा (नर्तकी) , कुमारी मनीषा तिवारी
(क्रिकेटर,) कुमारी अंशिका-सोनी, (चित्रकार), कुमारी खुशबू राय (मूर्तिकार),
कुमारी साक्षी गुप्ता (कुली), कु. गीता जाटव (नेवी), ऋतू सोनी(बाक्सर), तान्या राज
(पिंक-वैन ड्रायवर), निशा काछी, (पेट्रोल पम्प आपरेटर), तान्या पांडे (फोटोग्राफर),
      
8.     कला निर्देशन एवं मूर्तिकार:- श्रीमती रेणु
पांडे (निर्देशक), श्री सुनील परांजपे (मूर्तिकार),
9.    निर्माण प्रबंधन : श्री दीपक ग्राय एवं
साथीगण 


                       

                           उत्साहित विजेता टीम का समागम 

बालभवन में झांकी से जुड़े प्रत्येक सदस्य ने प्रसन्नता पूर्वक विजय  को उत्सव की तरह मनाया . जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आर सी त्रिपाठी , संचालक बाल-भवन गिरीश बिल्लोरे , श्री मनीष शर्मा श्रीमती संजना चौकसे, श्री संजय अब्राहम ने सभी सहयोगियों को पदक दिए एवं इस अवसर पर मिष्ठान वितरण भी हुआ .........   




26.1.16

जबलपुर में गणतंत्र पर्व 2016 में प्रथम रही महिला सशक्तिकरण की लाडो


आज दिनांक 26 जनवरी 2016 को माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  श्री गोपाल भार्गव के आतिथ्य में 67 वें गणतंत्र-दिवस समारोह का आयोजन हुआ.
             बेटियाँ मातृशक्ति का प्रतीक हैं  भारतीय संस्कृति का गौरवगान हैं । इसी भावभूमि पर आधारित प्रदर्शनों के साथ महिला-बाल विकास विभाग के  महिला सशक्तिकरण, एवं बाल विकास सेवा विंग  67वें गणतंत्र-दिवस समारोह में शामिल हुए.
    परेड में शामिल  22 सदस्यीय शौर्या दल  की कमान श्री योगेश नेमा के हाथ थी .   
    






   “बेटियाँ : नए क्षितिज की ओर” थीम पर आधारित महिला बाल विकास की झांकी पांच भागों में विभक्त थी । 
भाग एक :- घुड़सवार बेटियाँ झांकी की अगुवाई करते हुए महिला बाल विकास की इस झांकी में बेटियों द्वारा पिछले दशकों में प्राप्त सकारात्मक बदलाव एवं उपलब्धियों को चित्रित किया है । 


        प्रदेश सरकार न केवल पालने से पालकी तक बेटियों के बारे में संकल्पित है वरन बेटियों की क्षमताओं, योग्यताओं के संवर्धन में आगे बढ़कर सफल एवं कारगर कोशिश की है ।  
भाग दो :-  “ नए क्षितिज की ओर ...!” शीर्षक वाक्य बेटियों को सामर्थ्यवान  बनाने का सूचक है । देखिये बेटियाँ किस तरह स्वयं के सबला होने के   प्रमाण दे रहीं हैं । अब तक जिन क्षेत्रों में पुरुष ही कार्य करते थे अब उन क्षेत्रों में महिलाओं के कदम स्थापित हो चुके हैं । महिलाएं कुली, पेट्रोल पम्प पर काम, पिंक वेन ड्रायवर, एवं बाक्सिंग, क्रिकेटिंग  जैसे नए कार्यक्षेत्रों में भी नज़र आ रहीं हैं ।
भाग तीन :- झांकी के दूसरे भाग में आत्मरक्षा के गुर सिखाने बालभवन में विगत 2015 से जारी नि:शुल्क कराते कक्षा के बालक बालिकाओं नें  ... “गुंडा-फाईट” का प्रदर्शन कर सर्वाधिक वाहवाही लूटी .  आत्मरक्षा के लिए सक्षम होती बालिकाएँ जिस तरह गुंडों को परास्त कर धराशाई किया उसे देख सारा स्टेडियम तालियों से गूँज उठा. ।  निस्संदेह यह सजीव चित्रण प्रभावपूर्ण एवं बालिकाओं को आत्मबल देने वाला रहा है ।

भाग चार :-  “कुछ भी हो लाड़ो पलकें झुकाना” को चरितार्थ करती बालिका की “अर्ध-प्रतिमा”  अर्थात “बस्ट” अपने आप में व्यापक संदेश दे रही है साथ ही  विभिन्न क्षेत्रों के लायक खुद को बनाती  बालिकाएँ सजीव रूप से प्रदर्शित हैं ।
भाग पाँच :- झांकी के अंतिम भाग में बेटियों एवं महिलाओं की समग्र सुरक्षा एवं उनके मुद्दों का विस्तार देने वाले  “शौर्या-दल” विकास के  पथ पर अग्रसर है 






                                       :::::::::::::::::::::::::::


1.    निर्माण एवं प्रस्तुति  :- महिला बाल विकास विभाग , जबलपुर
2.    मार्गदर्शन :- श्रीमती सीमा शर्मा, संयुक्त संचालक बाल विकास सेवाएं
3.    निर्देशन :- श्रीमती मनीषा लुम्बा संभागीय उपसंचालक, महिला सशक्तिकरण, श्री आर. सी. त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी , (बालविकास सेवाएं)
4.   कांसेप्ट एवं  कार्यकारी :-  श्री गिरीश बिल्लोरे, सहायक-संचालक, संभागीय बालभवन,जबलपुर,  श्री मनीष शर्मा, सहायक संचालक, श्री अखिलेश मिश्रा , जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी (सहायक संचालक)वरिष्ट परियोजना-अधिकारी  श्री संजय अब्राहम एवं परियोजना अधिकारी श्रीमती रीता हरदहा,
5.    झांकी के प्रारम्भ में :- सफ़ेद घोड़ों पर सवार बालिकाएं कुमारी साक्षी तिवारी एवं कुमारी अंजना काछी  
6.    क़राते शो :- श्री नरेन्द्र गुप्ता के निर्देशन में  कुमारी रिया साहू, कुमारी रिंकी राय , मास्टर व्योम गर्ग , मास्टर गजेन्द्र डेहरिया , मास्टर नीलेश अहिरवार, मास्टर अंकित,
7.    जीवंत झांकी निर्देशन एवं अभिनय टीम  :- निर्देशन- सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्री देवेद्र यादव,  एवं श्री इंद्र पाण्डेय, कलाकार - सुश्री प्रज्ञा नेमा (नर्तकी) , कुमारी मनीषा तिवारी (क्रिकेटर,) कुमारी अंशिका-सोनी, (चित्रकार), कुमारी खुशबू राय (मूर्तिकार), कुमारी साक्षी गुप्ता (कुली), कु. गीता जाटव (नेवी), ऋतू सोनी(बाक्सर), तान्या राज (पिंक-वेन ड्रायवर), निशा काछी, (पेट्रोल पम्प आपरेटर), तान्या पांडे (फोटोग्राफर),       
8.     कला निर्देशन एवं मूर्तिकार:- श्रीमती रेणु पांडे (निर्देशक), श्री सुनील परांजपे (मूर्तिकार),
9.    निर्माण प्रबंधन : श्री दीपक ग्राय एवं साथीगण

समाचार लिंक :- 

23.1.16

महिला सशक्तिकरण गीत

संचालनालय, महिला सशक्तिकरण ,मध्य प्रदेश
स्वर- सत्शुभ्र मिश्र, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास मध्य प्रदेश एवं पूर्वी फडनिस
गीत कार -गिरीश बिल्लोरे,सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास, मध्य प्रदेश
संगीत एवं संगीत सयोजन-हरप्रीत खुराना
मिक्सिंग - रोहित ठाकुर  friskysound studio
वीडियो निर्देशन - के जी त्रिवेदी ,जवाहर बाल भवन,भोपाल
अभिनय  : मौसमी शुक्ला, प्राची खरे, आश्रुति, आकांक्षा ओझा एवं प्रज्ञा चतुर्वेदी
विडियो संपादन -न्यूज़ एंड व्यूज ,भोपाल
प्रस्तुति :- आयुक्त , महिला सशक्तिकरण संचालनालय (म.बा.वि.) मध्य-प्रदेश भोपाल.
निर्माता :- संचालक, (सहायक-संचालक स्तर) संभागीय बालभवन, जबलपुर ,
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दूरदर्शन मध्य-प्रदेश, पर वीडियों की कहानी का प्रसारण 
दिनांक 21 जनवरी 2015 को हुआ 
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18.1.16

स्वामी विवेकानंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ


विकी पर मौजूद  स्वामी विवेकानंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ 
12 जनवरी 1863 -- कलकत्ता में जन्म
1879 -- प्रेसीडेंसी कॉलेज कलकत्ता में प्रवेश
1880 -- जनरल असेम्बली इंस्टीट्यूशन में प्रवेश
नवंबर 1881 -- रामकृष्ण परमहंस से प्रथम भेंट
1882-86 -- रामकृष्ण परमहंस से सम्बद्ध
1884 -- स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण; पिता का स्वर्गवास
1885 -- रामकृष्ण परमहंस की अन्तिम बीमारी
16 अगस्त 1886 -- रामकृष्ण परमहंस का निधन
1886 -- वराहनगर मठ की स्थापना
जनवरी 1887 -- वराह नगर मठ में संन्यास की औपचारिक प्रतिज्ञा
1890-93 -- परिव्राजक के रूप में भारत-भ्रमण
25 दिसम्बर 1892 -- कन्याकुमारी में
13 फ़रवरी 1893 -- प्रथम सार्वजनिक व्याख्यान सिकन्दराबाद में
31 मई 1893 -- मुम्बई से अमरीका रवाना
25 जुलाई 1893 -- वैंकूवर, कनाडा पहुँचे
30 जुलाई 1893 -- शिकागो आगमन
अगस्त 1893 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रो॰ जॉन राइट से भेंट
11 सितम्बर 1893 -- विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में प्रथम व्याख्यान
27 सितम्बर 1893 -- विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में अन्तिम व्याख्यान
16 मई 1894 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय में संभाषण
नवंबर 1894 -- न्यूयॉर्क में वेदान्त समिति की स्थापना
जनवरी 1895 -- न्यूयॉर्क में धार्मिक कक्षाओं का संचालन आरम्भ
अगस्त 1895 -- पेरिस में
अक्टूबर 1895 -- लन्दन में व्याख्यान
6 दिसम्बर 1895 -- वापस न्यूयॉर्क
22-25 मार्च 1896 -- फिर लन्दन
मई-जुलाई 1896 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान
15 अप्रैल 1896 -- वापस लन्दन
मई-जुलाई 1896 -- लंदन में धार्मिक कक्षाएँ
28 मई 1896 -- ऑक्सफोर्ड में मैक्समूलर से भेंट
30 दिसम्बर 1896 -- नेपल्स से भारत की ओर रवाना
15 जनवरी 1897 -- कोलम्बो, श्रीलंका आगमन
जनवरी, 1897 -- रामनाथपुरम् (रामेश्वरम) में जोरदार स्वागत एवं भाषण
6-15 फ़रवरी 1897 -- मद्रास में
19 फ़रवरी 1897 -- कलकत्ता आगमन
1 मई 1897 -- रामकृष्ण मिशन की स्थापना
मई-दिसम्बर 1897 -- उत्तर भारत की यात्रा
जनवरी 1898 -- कलकत्ता वापसी
19 मार्च 1899 -- मायावती में अद्वैत आश्रम की स्थापना
20 जून 1899 -- पश्चिमी देशों की दूसरी यात्रा
31 जुलाई 1899 -- न्यूयॉर्क आगमन
22 फ़रवरी 1900 -- सैन फ्रांसिस्को में वेदान्त समिति की स्थापना
जून 1900 -- न्यूयॉर्क में अन्तिम कक्षा
26 जुलाई 1900 -- योरोप रवाना
24 अक्टूबर 1900 -- विएना, हंगरी, कुस्तुनतुनिया, ग्रीस, मिस्र आदि देशों की यात्रा
26 नवम्बर 1900 -- भारत रवाना
9 दिसम्बर 1900 -- बेलूर मठ आगमन
10 जनवरी 1901 -- मायावती की यात्रा
मार्च-मई 1901 -- पूर्वी बंगाल और असम की तीर्थयात्रा
जनवरी-फरवरी 1902 -- बोध गया और वाराणसी की यात्रा
मार्च 1902 -- बेलूर मठ में वापसी
4 जुलाई 1902 -- महासमाधि


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