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मंगलवार, जनवरी 26, 2016

जबलपुर में गणतंत्र पर्व 2016 में प्रथम रही महिला सशक्तिकरण की लाडो


आज दिनांक 26 जनवरी 2016 को माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  श्री गोपाल भार्गव के आतिथ्य में 67 वें गणतंत्र-दिवस समारोह का आयोजन हुआ.
             बेटियाँ मातृशक्ति का प्रतीक हैं  भारतीय संस्कृति का गौरवगान हैं । इसी भावभूमि पर आधारित प्रदर्शनों के साथ महिला-बाल विकास विभाग के  महिला सशक्तिकरण, एवं बाल विकास सेवा विंग  67वें गणतंत्र-दिवस समारोह में शामिल हुए.
    परेड में शामिल  22 सदस्यीय शौर्या दल  की कमान श्री योगेश नेमा के हाथ थी .   
    






   “बेटियाँ : नए क्षितिज की ओर” थीम पर आधारित महिला बाल विकास की झांकी पांच भागों में विभक्त थी । 
भाग एक :- घुड़सवार बेटियाँ झांकी की अगुवाई करते हुए महिला बाल विकास की इस झांकी में बेटियों द्वारा पिछले दशकों में प्राप्त सकारात्मक बदलाव एवं उपलब्धियों को चित्रित किया है । 


        प्रदेश सरकार न केवल पालने से पालकी तक बेटियों के बारे में संकल्पित है वरन बेटियों की क्षमताओं, योग्यताओं के संवर्धन में आगे बढ़कर सफल एवं कारगर कोशिश की है ।  
भाग दो :-  “ नए क्षितिज की ओर ...!” शीर्षक वाक्य बेटियों को सामर्थ्यवान  बनाने का सूचक है । देखिये बेटियाँ किस तरह स्वयं के सबला होने के   प्रमाण दे रहीं हैं । अब तक जिन क्षेत्रों में पुरुष ही कार्य करते थे अब उन क्षेत्रों में महिलाओं के कदम स्थापित हो चुके हैं । महिलाएं कुली, पेट्रोल पम्प पर काम, पिंक वेन ड्रायवर, एवं बाक्सिंग, क्रिकेटिंग  जैसे नए कार्यक्षेत्रों में भी नज़र आ रहीं हैं ।
भाग तीन :- झांकी के दूसरे भाग में आत्मरक्षा के गुर सिखाने बालभवन में विगत 2015 से जारी नि:शुल्क कराते कक्षा के बालक बालिकाओं नें  ... “गुंडा-फाईट” का प्रदर्शन कर सर्वाधिक वाहवाही लूटी .  आत्मरक्षा के लिए सक्षम होती बालिकाएँ जिस तरह गुंडों को परास्त कर धराशाई किया उसे देख सारा स्टेडियम तालियों से गूँज उठा. ।  निस्संदेह यह सजीव चित्रण प्रभावपूर्ण एवं बालिकाओं को आत्मबल देने वाला रहा है ।

भाग चार :-  “कुछ भी हो लाड़ो पलकें झुकाना” को चरितार्थ करती बालिका की “अर्ध-प्रतिमा”  अर्थात “बस्ट” अपने आप में व्यापक संदेश दे रही है साथ ही  विभिन्न क्षेत्रों के लायक खुद को बनाती  बालिकाएँ सजीव रूप से प्रदर्शित हैं ।
भाग पाँच :- झांकी के अंतिम भाग में बेटियों एवं महिलाओं की समग्र सुरक्षा एवं उनके मुद्दों का विस्तार देने वाले  “शौर्या-दल” विकास के  पथ पर अग्रसर है 






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1.    निर्माण एवं प्रस्तुति  :- महिला बाल विकास विभाग , जबलपुर
2.    मार्गदर्शन :- श्रीमती सीमा शर्मा, संयुक्त संचालक बाल विकास सेवाएं
3.    निर्देशन :- श्रीमती मनीषा लुम्बा संभागीय उपसंचालक, महिला सशक्तिकरण, श्री आर. सी. त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी , (बालविकास सेवाएं)
4.   कांसेप्ट एवं  कार्यकारी :-  श्री गिरीश बिल्लोरे, सहायक-संचालक, संभागीय बालभवन,जबलपुर,  श्री मनीष शर्मा, सहायक संचालक, श्री अखिलेश मिश्रा , जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी (सहायक संचालक)वरिष्ट परियोजना-अधिकारी  श्री संजय अब्राहम एवं परियोजना अधिकारी श्रीमती रीता हरदहा,
5.    झांकी के प्रारम्भ में :- सफ़ेद घोड़ों पर सवार बालिकाएं कुमारी साक्षी तिवारी एवं कुमारी अंजना काछी  
6.    क़राते शो :- श्री नरेन्द्र गुप्ता के निर्देशन में  कुमारी रिया साहू, कुमारी रिंकी राय , मास्टर व्योम गर्ग , मास्टर गजेन्द्र डेहरिया , मास्टर नीलेश अहिरवार, मास्टर अंकित,
7.    जीवंत झांकी निर्देशन एवं अभिनय टीम  :- निर्देशन- सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्री देवेद्र यादव,  एवं श्री इंद्र पाण्डेय, कलाकार - सुश्री प्रज्ञा नेमा (नर्तकी) , कुमारी मनीषा तिवारी (क्रिकेटर,) कुमारी अंशिका-सोनी, (चित्रकार), कुमारी खुशबू राय (मूर्तिकार), कुमारी साक्षी गुप्ता (कुली), कु. गीता जाटव (नेवी), ऋतू सोनी(बाक्सर), तान्या राज (पिंक-वेन ड्रायवर), निशा काछी, (पेट्रोल पम्प आपरेटर), तान्या पांडे (फोटोग्राफर),       
8.     कला निर्देशन एवं मूर्तिकार:- श्रीमती रेणु पांडे (निर्देशक), श्री सुनील परांजपे (मूर्तिकार),
9.    निर्माण प्रबंधन : श्री दीपक ग्राय एवं साथीगण

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