बेटियाँ मातृशक्ति का प्रतीक
हैं भारतीय संस्कृति का गौरवगान हैं । इसी
भावभूमि पर आधारित प्रदर्शनों के साथ महिला-बाल विकास विभाग के महिला सशक्तिकरण, एवं बाल विकास सेवा विंग 67वें गणतंत्र-दिवस समारोह में शामिल हुए.
परेड में शामिल 22 सदस्यीय शौर्या दल की कमान श्री योगेश नेमा के हाथ थी .
“बेटियाँ : नए क्षितिज की ओर” थीम पर आधारित
महिला बाल विकास की झांकी पांच भागों में विभक्त थी ।
भाग
एक :- घुड़सवार बेटियाँ झांकी
की अगुवाई करते हुए महिला बाल विकास की इस झांकी में बेटियों द्वारा पिछले दशकों
में प्राप्त सकारात्मक बदलाव एवं उपलब्धियों को चित्रित किया है ।
प्रदेश सरकार न केवल पालने से पालकी तक
बेटियों के बारे में संकल्पित है वरन बेटियों की क्षमताओं,
योग्यताओं के संवर्धन में आगे बढ़कर सफल एवं कारगर कोशिश की है ।
भाग
दो :-
“ नए क्षितिज की ओर ...!” शीर्षक
वाक्य बेटियों को सामर्थ्यवान बनाने का
सूचक है । देखिये बेटियाँ किस तरह स्वयं के सबला होने के प्रमाण दे रहीं हैं । अब तक जिन क्षेत्रों में
पुरुष ही कार्य करते थे अब उन क्षेत्रों में महिलाओं के कदम स्थापित हो चुके हैं ।
महिलाएं कुली,
पेट्रोल पम्प पर काम,
पिंक वेन ड्रायवर,
एवं बाक्सिंग, क्रिकेटिंग जैसे नए
कार्यक्षेत्रों में भी नज़र आ रहीं हैं ।
भाग
तीन :- झांकी
के दूसरे भाग में आत्मरक्षा के गुर सिखाने बालभवन में विगत 2015 से जारी नि:शुल्क
कराते कक्षा के बालक बालिकाओं नें ...
“गुंडा-फाईट” का प्रदर्शन कर सर्वाधिक वाहवाही लूटी . आत्मरक्षा के लिए सक्षम होती बालिकाएँ जिस तरह
गुंडों को परास्त कर धराशाई किया उसे देख सारा स्टेडियम तालियों से गूँज उठा. । निस्संदेह यह सजीव चित्रण प्रभावपूर्ण एवं
बालिकाओं को आत्मबल देने वाला रहा है ।
भाग चार :- “कुछ भी हो
लाड़ो पलकें झुकाना” को चरितार्थ करती बालिका की “अर्ध-प्रतिमा” अर्थात “बस्ट” अपने आप में व्यापक संदेश दे रही
है साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के लायक खुद
को बनाती बालिकाएँ सजीव रूप से प्रदर्शित
हैं ।
भाग
पाँच :- झांकी के अंतिम भाग में बेटियों एवं महिलाओं की समग्र सुरक्षा एवं उनके
मुद्दों का विस्तार देने वाले “शौर्या-दल”
विकास के पथ पर अग्रसर है
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1. निर्माण एवं प्रस्तुति :- महिला बाल विकास विभाग , जबलपुर
2. मार्गदर्शन :- श्रीमती सीमा शर्मा,
संयुक्त संचालक बाल विकास सेवाएं
3. निर्देशन :- श्रीमती मनीषा लुम्बा
संभागीय उपसंचालक, महिला सशक्तिकरण, श्री आर. सी. त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम
अधिकारी , (बालविकास सेवाएं)
4. कांसेप्ट एवं कार्यकारी :-
श्री गिरीश बिल्लोरे, सहायक-संचालक, संभागीय बालभवन,जबलपुर, श्री
मनीष शर्मा, सहायक संचालक, श्री अखिलेश
मिश्रा , जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी (सहायक संचालक),
वरिष्ट परियोजना-अधिकारी श्री संजय
अब्राहम एवं परियोजना अधिकारी श्रीमती रीता हरदहा,
5. झांकी के प्रारम्भ में :- सफ़ेद घोड़ों
पर सवार बालिकाएं कुमारी साक्षी तिवारी एवं कुमारी अंजना काछी
6. क़राते शो :- श्री नरेन्द्र गुप्ता के
निर्देशन में कुमारी रिया साहू, कुमारी
रिंकी राय , मास्टर व्योम गर्ग , मास्टर गजेन्द्र डेहरिया , मास्टर नीलेश अहिरवार,
मास्टर अंकित,
7. जीवंत झांकी निर्देशन एवं अभिनय टीम :- निर्देशन- सुश्री शिप्रा सुल्लेरे,
श्री देवेद्र यादव, एवं श्री इंद्र
पाण्डेय, कलाकार - सुश्री प्रज्ञा नेमा (नर्तकी) , कुमारी मनीषा तिवारी
(क्रिकेटर,) कुमारी अंशिका-सोनी, (चित्रकार), कुमारी खुशबू राय (मूर्तिकार),
कुमारी साक्षी गुप्ता (कुली), कु. गीता जाटव (नेवी), ऋतू सोनी(बाक्सर), तान्या राज
(पिंक-वेन ड्रायवर), निशा काछी, (पेट्रोल पम्प आपरेटर), तान्या पांडे (फोटोग्राफर),
8. कला निर्देशन एवं मूर्तिकार:- श्रीमती रेणु
पांडे (निर्देशक), श्री सुनील परांजपे (मूर्तिकार),
9. निर्माण प्रबंधन : श्री दीपक ग्राय एवं
साथीगण
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