7.12.14

मेरा मानना है कि उच्च दर्जे की आय अर्जित कर सकेंगे हिन्दी ब्लागर : रवि रतलामी

हिन्दी के मशहूर ब्लागर श्री रविशंकर श्रीवास्तव   जिनको हम रविरतलामी के नाम से जानते  हैं  गूगल की विज्ञापन नीति से से उत्साहित हैं । उनका मानना है कि भविष्य में ब्लागिंग रोजगार का जरिया हो सकती है । इस सिलसिले में उनसे हुई बातचीत का पॉडकास्ट सुनिए .....

गूगल की हिन्दी ब्लागिंग के लिए विज्ञापन नीति पर अनूप शुक्ल फुरसतिया जी का वक्तव्य

 गूगल की हिन्दी ब्लागिंग के लिए विज्ञापन नीति पर अनूप शुक्ल फुरसतिया जी का वक्तव्य पॉडकास्ट के रूप में प्रस्तुत है -
SoundCloud Dot Com Cirish_Billore V/s Furasatiya

सुनो साक़ी ! अपनी पायलों में ताज़गी लाना ।

न मैखाने का पैमाना, न पैमाने का मैखाना
कोई नाता नहीं इनमें गर सूना हो मैखाना ।
यही समझाने आया हूँ कि हर रिश्ते में कारण है –
ये दुनियाँ इक तिजारत है इसे जब चाहो को अज़माना ।।
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मयकश आने वाला है सुराही सामने लाओ
सुनो साक़ी ! अपनी पायलों में ताज़गी लाना ।   
उसे जो हो  पसंदीदा - गज़ल वो साज पे गाओ -
उसी की हो यकीं ये  उसको हर कतरे से समझाना ।।
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बिना मयकश के मैखाना उजड़ी इक इबारत है
कौन साक़ी ? कैसा प्याला ? सुराही क्या ? क्या मैखाना ?
कवि कोई कैसे लिखता जीवन की मधुशाला ...?
मयकश है तो मधुशाला मयकश है तो पैमाना ।।   
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24.11.14

बाल गायिका जयालक्ष्मी में मौज़ूद सुरसाधना के दैवीय गुण


16. नवंबर 2014 को एक वीडियो अचानक मुझे फ़ेसबुक पर देखने को मिला. फ़ेसबुक पर अलाहाबाद के किसी सदस्य श्री महेश सेठ जी ने शेयर किया था.  वीडियो में एक बेटी ने पंडित नरेंद्र शर्मा  के गीत “सत्यं शिवम सुंदरम ”  गाया था.  अनोखी आवाज़ उम्र भी कोई खास नहीं. मुझे लगा नौ-दस बरस से अधिक क्या होगी. 
हम सभी हतप्रभ थे, आवाज़ अनोखी एवम रेशमी सी.. अटूट संभावनाओं से भरी इस आवाज़ को बहुतों ने सुना. उसी दिन से मेरी तलाश [ जो सिर्फ़ नेट तक सीमित थी ] शुरु हुई.  सरस्वती की कृपा पात्र बेटी के बारे में जानने की इच्छा बलवति हुई. वीडियो एंबेड कर तुरंत किलकारी ब्लाग  [ http://kilakari.blogspot.in ] चस्पा कर दिया. रोज़ उसे सुनने लगा. हज़ारों लोगों  को यह आवाज़ मोहित करती है . फ़िल्म सत्यं-शिवम-सुंदरम का यह गीत वास्तव में पंडित नरेंद्र शर्मा का कालजयी गीत है. लता दीदी के मानस भाई पंडित नरेंद्र शर्मा ने यह गीत तब लिखा जब स्वयं उनके अंतस का कवि सत्य की तलाश में शब्दों से अक्षरों से भाव प्रदेश में संवाद कर रहा होगा. तब शायद स्वयं शिव ने उनमें समा कर इस गीत की रचना की होगी. गीत विशुद्ध रूप से जीवन का दर्शन है, अध्यात्म है, उनकी पुत्री मेरी चिट्ठाकार मित्र श्रीमति लावण्या शाह ने इस गीत के रचना काल एवम रचना काल की परिस्थियों पर ज़िक्र किया था जिसका सार ये है कि गीत एक महान आध्यात्मिक-अभिव्यक्ति है.
सत्यम-शिवम- सुंदरम के टायटल गीत को लेकर मेरी मान्यता ये है कि - किसी भी गायक के लिये इतना शुभ होता है कि तुरंत उसे आशीर्वाद मिलता है.. फ़िल्म सत्यं-शिवम-सुंदरम के हिट होने में इस गीत का अविस्मरणीय अवदान किसी से छिपा नहीं है. 
 आभास जोशी जैसे  वर्स्टाइल सिंगर को इसी गीत ने ऊर्ज़ा दी थी . सिंगर्स चाहें तो आज़मा कर देख सकते हैं.  
केरल के अलप्पी जिले के पल्लीपुरम की 11 वर्ष की जयलक्ष्मी 03.03.2003 को जन्मी. मां प्रीता जयकुमार  से सुर साधना का पहला पाठ सीखा .  पिताश्री जयकुमार   [ एक्स सर्विसमैन भारतीय सेना ]  लेकिन जयलक्ष्मी के  गुरु ने ज्यों ही वाट्सअप पे अपलोड किया वीडियो तुरंत वायरल हो गया.  इसे डा. कुमार विश्वास ने हाथौं हाथ लिया और प्रमोट भी किया . 
प्रशांत ने भी किया कमाल – 
पल पल इंडिया  की मानें तो व्हाट्सएप्प से पहले किसी परिचित के माध्यम से मुंबई में रहनेवाले वाइस ओवर आर्टिस्ट और प्ले बेक सिंगर प्रशांत जी को यह वीडियो प्राप्त हुआ था.उन्होंने 17 नवंबर को इसे यू ट्यूब पर अपलोड कर दिया.प्रशांत ने ही उस आवाज़ में सुनहरे कल को जाना पहचाना और ठाना कि इस आवाज़ को जन जन तक पहुंचाएं . प्रशांत ने इसे यू ट्यूब के अलावा सोशल मीडिया फ़ेसबुक, व्हाट्सएप्प, और अपने मेल से निरंतर   कैम्पेनिंग की . बावज़ूद इसके कि वे तेज़ बुखार में थे.  प्रशांत जी ने  चार रात दिन और रातें जगते-जगते आज बुखार से होने की खबर की पुष्टि करते हुये मुझे फ़ोन पर आज बताया कि –“मैं बिटिया की योग्यता पर मोहित एवम भावुक इस हद तक था कि उसे किसी न किसी तरह एक मुक़ाम हासिल हो.. आज़ मैं बेहद खुश हूं.. ” सोशल-मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो 
  यू ट्यूब चैनल के यूज़र पवन आर चावला यह वीडियो   छै दिन पहले अपलोड कर चुके थे. किंतु प्रशांत ने उसे लोगों तक बांटने का ज़िम्मा लिया  . 
जया  लता जी को आदर्श मानती है. लता जी ने बेटी जया की तारीफ़ करते हुए रियाज़ पर ज़ोर देने सलाह के साथ आशीर्वाद दिया .
ज़ी टी.वी. ने सुर की संभावना जया को पब्लिक के सामने पेश किया बेशक अद्वितीय काम किया. टीम को बधाईयां . किंतु ज़ी टी.वी. पर मौज़ूद जस्पिंदर नरूला एवम लता दी की सलाह को पूरा परिवार एवं स्वयं जया को माननी होगी … कि यश सदा मानस से हटा देना चाहिये . ताकि साधना जारी रहे. महान कलाकार होने का भ्रम साधना को खंडित कर देती है.  ललित्या सी.ई.ओ. रेडरिबन म्यूज़िक  ने अपने  " रेडरिबन म्यूज़िक कंपनी " से एक एलबम निकालने की घोषणा भी की है. 
सपना अवस्थी ने आवाज़ में परिवर्तन की ओर आगाह करते हुए.. सलाह दी है कि साधना सदा जारी रहे .

मलयाली भाषी इस बिटिया जैसी प्रतिभाएं कम नहीं हैं. पर इनको पहचान दिलाने में ऐसी ही पहल होनी जाहिये . रीयलिटी शोज़ प्रतिभाएं सामने ला रहे हैं किंतु उनकी अपनी  व्यवसायिक मज़बूरियां हैं.  सीमा हैं… 

14.11.14

तुमको नेवलों से बचाना मेरा फ़र्ज़ है..

मैं अपनी प्राप्त सांसें गिन रहा हूं ..
तुम अपनी गिनो ..
रोज़िन्ना  सोचता हूं
तुम क्यों गिनते हो इस उसकी सांस
क्या सर्वशक्तिमान हो
मेरी नियति का नियंता तुम नहीं हो
जहां मैं हूं वहां तुम कहीं नहीं हो ..
भला क्या मालूम कि
तुम कितनी गिन पाते हो मेरी सांसें..
जानते हो आर्त हृदय से सदा ही तीर निकलते हैं
तुम हो कि सुई चुभते ही हो जाते हो बदहवास ..
तुम उन में शुमार  हो जो वमन करते हो विष
और मैं वो हूं जो तुमको आस्तीन में
सम्हाल के रखता हूं..
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मुझसे डरो मत
मुझमें विषदंत नहीं हैं
मां के स्तनों में  अमिय ही तो था
जो मैने छक के पिया है..
पिता का दिया विशाल फ़लक
हां मित्र मैने हक़ से लिया है..
तुम्हारे पास सायुध आया हूं
तुममें बसे विषधर को मिटाने
मेरे गीत मेरे आयुध हैं..
जो विषधर के खिलाफ़ हैं..
चलो निकाल दो विषग्रंथियां
जो अंतस के विषधर की संगत से तुममें ऊग आईं हैं
मित्र तुमको नेवलों से बचाना मेरा फ़र्ज़ है..
 तुम्हारी मित्रता मुझपे कर्ज़ है...

13.11.14

भारतवंशियों का अमेरिका में बढ़ता प्रभाव और पाकिस्तानी मीडिया की छटपटाहट

 श्री सत्य नडेला 
बाबी ज़िंदल 
पाकिस्तानी मीडिया पर प्रसारित एक विशेष प्रसारण में अमेरिकी प्रशासन में भारतीय मूल के लुसियाना के गवर्नर  बाबी ज़िंदल एवं साउथ कैरलिना की गवर्नर  निकी हैली के नाम का प्रभाव पूर्ण ढंग से ज़िक्र किया. बाबी ज़िंदल को   को भविष्य में (2016 के अमेरिकी चुनाव ) में अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना का उल्लेख करते हुए चिंता व्यक्त की  है कि यू.एस. की पालिसी में प्रो-भारतीय सिद्धांतों को वज़न मिलेगा. 
भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों की बढ़ती साख और पाकिस्तानीयों की वर्तमान परिस्थिति पर केंद्रित कार्यक्रम   की शुरुआत करते हुए सी ई ओ माइक्रोसाफ़्ट  का ज़िक्र करते हुए कहा कि बड़ी कम्पनियों में भारतीय मूल के लोगों की भागीदारी बढ़ी है. स्मरण हो कि श्री सत्य नडेला, सी ई ओ माइक्रोसाफ़्ट हैं.  
 निक्की हैली मान. प्रधानमंत्री जी के साथ 
 यू.एस. प्रशासन में नीतिगत फ़ैसले लेने वाले ओहदेदारों  पुनीत तलवारी, निशा विश्वाल, राजीव शाह, सुश्री अजिता  राज़ी , (स्वीडन में अमेरिकी राज़दूत ) विक्रम सिंह, फ़रीद परेरा, जसमीत आहूजा, का ज़िक्र किया. यहां तक कि अमेरिकी मीडिया में फ़रीद ज़कारिया, विकास बज़ाज, ज़ेन मीर, संजय गुप्ता की उपस्थिति का भी ज़िक्र किया गया.  इस स्थिति के सापेक्ष पाकिस्तानी मूल के नागरिकों के घटते अस्तित्व यहां तक कि संवेदनशील जगहों में पाकिस्तानी लोगों के संघर्ष पर पीढा भी कहीं इशारों इशारों तो कभी खुल के सामने आई. उन्हैं दर्द है कि पाकिस्तान को आतंक का प्रश्रयदाता देश मान कर पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ़ विश्व के लोगों के  व्यव्हार में परिवर्तन आया है इसे आप पाकिस्तानी यूथ के दर्द समझ पाएंगे https://www.youtube.com/watch?v=JCewOLDd5Dc   . विकसित देशों में पाकिस्तान पर विश्वास की कमी इस का मूल कारण है. पाकिस्तानी प्रसारण में बेहद हताशा थी कि  पाकिस्तानी मूल के अमेरिकन      अपनी सार्थक उपस्थिति साबित नहीं कर पा रहे हैं ....? हालांकि वे मान  रहे थे कि पाकिस्तान की सियासत इसकी ज़िम्मेदार है.      जबकि एक लाइन में कहा जाए तो यह कहना ग़लत न होगा कि- " पाकिस्तान की विश्वश्नीयता में आई कमीं का खामियाज़ा है " ये मानना है पाक़िस्तानी युवाओं का जो पाकिस्तानी आंतरिक एवम वैश्विक नगैटिव परिस्थियों के चलते बाहरी देशों में अपमानित हो रहे हैं. 



जहां तक भारतीय मूल के लोगों की बात की जाए तो स्पष्ट रूप से भारतीय सामाजिक औदार्यपूर्ण संरचना, कर्मशीलता, एवं सहिष्णुता  आज़ादी के बाद भी  भारतवंशीयों के काम आई है.  अपनी कर्मशीलता एवम बुद्धि-ज्ञान के बलबूते पर जहां भी जाते हैं यक़ीन मानिये छा जाते हैं. और जहां अपनी मौज़ूदगी दर्ज़ कराते हैं तो थरथराहट अवश्य हो ही जाती है. 
भारत में अमेरिका के राज़दूत के रूप में रिचर्ड  राहुल वर्मा भी बराक ओबामा की रिपब्लिकन एवम विपक्षी दल  डेमोक्रेट्स के बीच समान रूप से पसंदीदा हैं. 
 विकी पीडिया पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार 2010 के अमेरिकी सेंसस में भारतीय मूल  के मात्र .9%  यानि मात्र एक प्रतिशत के आसपास  अमेरिका में मौज़ूद हैं.  सोचिये अगर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों की जनसंख्या में 9% का इज़ाफ़ा और हो जाए तो पाकिस्तान में कितनी हाय तौबा मच जाएगी 
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   पाकिस्तानी टी वी हिन्दुस्तान के नागरिकों के ज़ज़्बे को सराहते हैं 


इस चर्चा में देखिये 

           Indians in US are smarter than Pakistanis

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चर्चा देखने के लिये इस लिन्क का उपयोग भी किया जा सकता है 
लिन्क :- https://www.youtube.com/watch?v=gNEcZ83nzfw
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विश्व का सबसे खतरनाक बुजुर्ग : जॉर्ज सोरोस

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