ख़ास मित्र के लिए ख़ास पोस्ट प्रस्तुत है.. आप लोग चाहें इसे अपने ऐसे ही किसी ख़ास मित्र को सुनवा सकते ....
ऐसे मित्रों का विछोह मुझे बर्दाश्त नहीं. आप को भी ऐसा ही लगता होगा.. चलिये तो देर किस बात की
ये रहा मेरा मित्र जो नाराज़ है मुझसे यह एक मात्र तस्वीर है इनके पास जिनका हार्दिक आभारी हूं.
ये रहा मेरा मित्र जो नाराज़ है मुझसे यह एक मात्र तस्वीर है इनके पास जिनका हार्दिक आभारी हूं.
4 टिप्पणियां:
मेरी तो पिक्चर मे देखने से ही जान निकल जाती है………बहुत डर लगता है।
अच्छा हुआ नेपथ्य में ही रही फोटो, ऐसी मित्रता हम तो नहीं कर पाएंगे।
aise mitron ki kami nahi aajkal........
डरा दिया दुष्ट! वैसे हमने इनसे फुन्फकारना सीखा है बचपन से ही हाँ डंसना नही सीख पाए.हा हा हा पाला पड़ा इनसे...पर ये आस्तीन में पलने लगे हा हा हा क्या करें?कमी भी तो नही इनकी बिरादरी के लोगों की.वैसे इसमें कोई शक नही ख़ूबसूरती और भयावहता का इतना प्यारा उदाहरण और कोई नही.
एक टिप्पणी भेजें