29.9.10

"एक मुलाकात, एक फ़ैसला"

नमस्कार र्मै अर्चना चावजी मिसफ़िट-सीधीबात पर आप सभी का स्वागत करती हूँ, आइये आज आपकी मुलाकात जिस ब्लॉगर से करवा रही हूँ सुनिए उन्हीं की एक रचना उन्हीं की आवाज में ---



मै आभारी हूँ रचना बजाज जी की जिन्होंने मिसफ़िट-सीधीबात के लिए अपना अमूल्य समय दिया। रचना जी का ब्लाग "मुझे भी कुछ कहना है "की ब्लागर रचना बजाज…मूलत: मध्यप्रदेश की हैं. अभी नासिक (महा.) मे रहती हैं. जीवन के उतार चड़ाव के बीच दुनिया भर के दर्द को समझने और शब्दों में उतारने वाली रचना जी की लेखनी की बानगी पेश है...

रोटी -२

रोटी -२ इसलिये कि एक बार पहले भी मै रोटी की बात कर चुकी हूं…. आज फ़िर करना पड़ रही है……
बात वही पुरानी है,
गरीबों की कहानी है,
मुझे तो बस दोहरानी है..
इन दिनो दुनिया भर मे भारत के विकास की तूती बोलती है,
लेकिन देश के गरीबों की हालत हमारी पोल खोलती है….
विकास के लिये हमारे देश का मजदूर वर्ग अपना पसीना बहाता है,
लेकिन देश का विकास उसे छुए बगैर, दूर से निकल जाता है…
भारत आजादी के बाद हर क्षेत्र मे आगे बढ़ा है,
लेकिन उसका गरीब आदमी अब भी जहां का तहां खडा है….ं
हमारे देश मे अमीरी और गरीबी के हमेशा ही दो धड़ रहे हैं,
अमीर सरकार के गोदामों मे अनाज के कई सौ बोरे सड़ रहे हैं……
सरकारी नीतियां बहुत ही अनसुलझी हैं,
गरीब की रोटी उसकी नीतियों मे ही उलझी है…..
गांव के किसान गरीब नत्था को आमिर खान की ’पीपली लाइव” मे
सिर्फ़ एक्टिंग भर नही करना है,
बल्कि अपनी जान देकर उसे सचमुच मे मरना है…

8 टिप्‍पणियां:

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

bhut umdaa badhaaIyaaM sweekaariye

दीपक 'मशाल' ने कहा…

कई यथार्थ प्रकट किये आपने कविता में.. पढ़ कर मज़ा आया और आपकी व्यंग्य रचना सुनी भी.. पहले भी सुन चुका था लेकिन फिर से सुनना अच्छा लगा...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

सही कहा दीपक भाई

Udan Tashtari ने कहा…

आज पुनः सुनना रचना जी की आवाज में अच्छा लगा. एक बार रु ब रु सुना था. :)

अनूप शुक्ल ने कहा…

रचनाजी की रचना उनकी ही आवाज में सुनना बहुत अच्छा लगा!

Satish Saxena ने कहा…

वाह वाह ! धन्यवाद अर्चना जी !

ZEAL ने कहा…

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गांव के किसान गरीब नत्था को आमिर खान की ’पीपली लाइव” मे
सिर्फ़ एक्टिंग भर नही करना है,
बल्कि अपनी जान देकर उसे सचमुच मे मरना है…

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रचना. ने कहा…

@ गिरीश जी, बहुत धन्यवाद बधाईयों के लिये और मुझे मिसफ़िट पर फ़िट करने के लिये.. :)

@ दीपक, शुक्रिया पसंद करने के लिये.. पहले तुमने जो सुना था उसमे से कुछ महत्वपूर्ण पन्क्तियां हटा दी गयी थी... :)

@ समीर जी, अनूप जी और सतीश जी बहुत धन्यवाद!

@ Zeal, ये पन्क्तियां आपको सच्चाई के करीब लगी यह मानकर धन्यवाद कह्ती हूं..

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