आभार अपने उस मित्र का जो इस गीतकार के बारे मे लिखते हैं--"------
"धन्य है राकेश खंडेलवाल , जो बिना किसी सम्मान की इच्छा लिए माँ शारदा की आराधना में लगे हैं .."
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"आखिरी काफ़िर : हिंदूकुश के कलश" The last infidel. : Kalash of Hindukush"" ऐतिहासिक सत्य है कि हिंदूकुश प...
8 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा प्रयत्न अर्चना जी ! आपने और गिरीश जी नए आयाम कायम कर रहे हैं ! शुभकामनायें !
हार्दिक बधाईयां उत्तम पोस्ट के लिये
geetkaar aur gayak dono ne hi
bahut sundar prastuti di hai
ार्चना जी धन्यवाद इतनी अच्छी पोस्ट के लिये।
सुन्दर रचना है और उतनी ही बढ़िया प्रस्तुति।
बढ़िया प्रस्तुति सुन्दर रचना है...
अर्चना मासी जी का निःस्वार्थ भाव से ब्लॉग पर प्रकाशित गीतों, ग़ज़लों, कविताओं, कहानियों को स्वर देना सराहनीय, सम्मानीय और प्रशंसनीय कदम है..
दीपक जी की बात से पूर्णतया सहमत कि... निःस्वार्थ भाव से ब्लॉग पर प्रकाशित गीतों, ग़ज़लों, कविताओं, कहानियों को स्वर देना सराहनीय, सम्मानीय और प्रशंसनीय कदम है..
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