कवयत्रि अर्चना की पहली कविता प्रस्तुत है पाडकास्ट पर
कवयत्रि अर्चना की पहली कविता प्रस्तुत है पाडकास्ट पर . हिन्दी कविता और उसके लिए समर्पित अर्चना जी की एक बेहतरीन कविता ''टुकड़ों में बंटी मैं '' उत्कृष्ट बन पडी है . अच्छी कविता के लिएउनका ब्लॉग ''मेरे मन की '' अवश्य देखिये
वास्तव में मुझे लगा आपका पाड्कास्ट इन्टर्व्यू लिया जावे किंतु आई डी के अभाव में सम्भव नही हो सका आप कए ब्लाग के लिंक देने के उद्देश्य एवम पाडकास्ट ब्लाग पर पोस्ट हेतु उसे चुना है,,,,,? जान बूझकर शब्द के प्रयोग से प्रतीत हुआ कि शाय आप असहमत हैं कृपया स्पष्ट रूप से आदेशित कीजिये ताकि निर्णय लिया जा सके सादर आदेश हेतु आप कृपया मुझे girishbillore@gmail.com मेल भी कर सकतीं है
12 टिप्पणियां:
दादा-बहुत अच्छी कविता सुनवाई-आभार
BACHPAN ME MAIN BETI THI..
BAHUT HI SUNDER KAVITA PADHNE KO MILI
DHANYAWAAD GURU JI KAVITA PADHWANE KE LIYEE
बहुत सुंदर कविता जी.
धन्यवाद
नारी के हर किरदार से रूबरू कराती प्रस्तुति बेहतरीन है।धन्यवाद गिरीश जी।
बहुत सुंदर
bahut khub
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
मेरी कविता को इस योग्य समझने व मुझे इतना सम्मान देने के लिए आभार.........क्या आपने जानबूझकर गाने का प्लेयर लगाया है ???
वास्तव में मुझे लगा आपका पाड्कास्ट इन्टर्व्यू लिया जावे किंतु आई डी के अभाव में सम्भव नही हो सका आप कए ब्लाग के लिंक देने के उद्देश्य एवम पाडकास्ट ब्लाग पर पोस्ट हेतु उसे चुना है,,,,,?
जान बूझकर शब्द के प्रयोग से प्रतीत हुआ कि शाय आप असहमत हैं
कृपया स्पष्ट रूप से आदेशित कीजिये ताकि निर्णय लिया जा सके
सादर
आदेश हेतु आप कृपया मुझे girishbillore@gmail.com मेल भी कर सकतीं है
@ गिरीश जी मैने पहले भी मेल किया था .....अभी फ़िर किया है ...
...सुन्दर रचना,प्रसंशनीय !!!
Shukriya archana jee
बहुत बढिया प्रयोग है गिरीश जी.बधाई.
Vandanaa jee
uday jee aabhaar
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