5.1.09

शतरंज के खिलाड़ी हैं हम !!

लड़का क्या करता है....?जी ब्लॉगर हैंतो ठीक है उसकी शादी फीमेल से नहीं -मेल से कर दीजिए शतरंज के खिलाडी हिन्दी के ब्लॉगर एक आभासी हार जीत का मज़ा लेना हो तो इन ब्लॉगर (जिनमें मैं भीशामिल हूँ) की भाव-भंगिमा से बांचा जा सकता हैहर बाजी "पोस्ट" को विजेता के भाव सेलिखते हम सच अदद टिप्पणियों / आगंतुकों की प्रतीक्षा में लग जातें हैंकम टिप्पणियों केबाबजूद हार मानना हमारी विशेषता हैंनाते चिट्ठों पे टिपिया के मांग लेतें हैं टिप्पणी मिल भीजातीं हैंकुछ आपसी पीठ खुजाई में बदस्तूर लगे रहतें हैंकिंतु यहाँ क्रिया की प्रतिक्रया कासिद्धांत लागू होता है , यदि दो बार के बाद टिप्पणी रिटर्न गिफ्ट से आए तो अपन उस ब्लॉग पेटिपियाना तो दूर उधर निगाह भी नहीं करतेगिव एंड टेक का मसला है भई !! कुछ विस्तार से बागर-चर्चा हो इस हेतु मैं अपनी तुच्छ बुद्धि से ब्लॉगर वर्गीकरण करने की सोची समझी गलती कर रहाँ हूँ .......

"A" सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर के लिए सब कुछ जायज होता हैये लोग एक समूह में काम करतें हैंतू मेरी खुजा मैं तेरी पीठ खुजाऊं की तर्ज़ पे हिन्दी ब्लागिंग जारी है
"B" इस सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर जहाँ बम वहाँ हम भी का पूरी निष्ठा से पालन करें हैं
"C" सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर बेचारे किस्म के होते हैंजो समझ ही नहीं पाते कि "किस राह पे रुकना है किस छत को भिगोना है "
इन प्रमाण पत्रों के रंग से भी आप समझ लीजिये रेड ज़ोन से जुड़ना है -यलो या ग्रीन ज़ोन से । मेरी राय तो यात्री -या-माल गाड़ी से बन जाइए . ब्लॉग परिचालन प्रणाली का अनुपालन कीजिए मज़े से ब्लागिंग कीजिए । बिंदास होके

1 टिप्पणी:

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

पहली टिप्पणी मैं ही दाल देता हूँ कहीं मेरी पोस्ट कुंवारी ही दम न तोड़ दे ?
भई...! निकाल ली न भडास अरे इतनी .....खैर छोडो भी !!

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