2.7.17

जी एस टी : मध्यवर्ग के लिए शुभ हो सकता है

( कल यानी 1 जुलाई 2017 मिसफिट पर पर प्रकाशित आलेख के बाद आज आलेख देखिये )    
भारतीय अर्थ व्यवस्था के बनते बिगड़ते स्वरुप में कराधान का महत्वपूर्ण योगदान था. कल से भारत जी एस टी की व्यवस्था में शामिल हुआ है . परिणाम कैसे  आने हैं इसका अंदाजा तुरंत लगाना अनुचित है. भारतीय अर्थव्यवस्था को अपलिफ्ट करने में मध्यवर्ग का अभूतपूर्व स्थान है . एक जून 2015 को मैंने इसी ब्लॉग पर फिर अन्य स्थानों पर मध्यवर्ग की समस्या को खुल के सामने रखा था और उन कारणों को स्पष्ट किया था जिसमें व्यक्तिगत क्षेत्र के पास पूंजी निर्माण की अपनी अलग तरह की बाधाएं हैं 
    इन बाधाओं में सर्वाधिक समस्या कराधान एवं अचानक मूल्यों में बढ़ोत्तरी की वज़ह से होना पाया गया. शिक्षा स्वास्थ्य मध्यवर्ग के लिए सबसे खर्चीले मद हैं जो व्यक्तिगत-सैक्टर के मध्य आय वर्गीय  बड़े साझीदार को पूंजी निर्माण में सदैव बाधा उत्पन्न करते रहे हैं .

     सुधि पाठको, यही मध्यम जिसे वाम विचारक सबसे अधिक कलंकित करते हैं के युवा सर्वाधिक उत्पादता तथा विदेशी मुद्रा भण्डार के लिए कारगर एवं परिणाममूलक कार्य कर रहे हैं . लेकिन इसके लिए परिवारों को जो तकलीफें उठानी पड़तीं हैं उसे समझना बेहद ज़रूरी है. वर्तमान एवं तत्कालीन  सरकारों ने जिस तरीके से अपनी इच्छा शक्ति से एक देश एक कर की व्यवस्था लागू कराई है वो  अन्य बातों के अनुकूल होने पर मध्यमवर्ग को  पूंजी निर्माण में सहायता प्रदान करेगी . ऐसा मेरा मत है. ये अलग बात है कि 14 वर्ष लगे . तो जानिये सम्पूर्ण व्यवस्था के बदलाव में राम को भी 14 वर्ष ही लगे थे. अत्यधिक नहीं परन्तु आशावादी होना बुरा और गलत भी तो नहीं अत: मैं आशान्वित हूँ कि बदलाव अवश्य आएगा. इस बीच ये कठिनाइयां अवश्य आ सकतीं हैं कि पडौसी देश भारत की इस व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं. अगर सीमा पर अस्थिरता रही और सरकार को सीमा की रक्षा के लिए कुछ अतिरिक्त व्यवस्था करनी पडी तो कठनाई अवश्य आ सकती है परन्तु भारतीय जन इस संकट में सरकार के साथ ही होंगें ऐसा सभी मानतें हैं. मध्यवर्ग जिसे वाम-सोशियो-इकानामिक्स के ज्ञाता अछूत मानते हैं उसका सबसे महान योगदान होगा. 
          अगर समूची स्थितियां अनुकूल रहीं तो जी एस टी के सुचारू क्रियान्वयन के बाद मध्यमवर्ग सबसे शक्तिशाली बनके उभरेगा. अर्थात उसके द्वारा संचित की गई  पूंजी राष्ट्रीय पूंजी के रूप में चिन्हित होगी . और विकास के सन्दर्भ में इसका उपयोग राष्ट्र के लिए सर्वाधिक लाभप्रद भी होगा.     
          
#हिंदी_ब्लागिंग के पुनरागमन पर सभी को शुभकामनाओं सहित
 http://sanskaardhani.blogspot.in/2017/06/blog-post_30.html
              


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