CAVS संचार पर प्रकाशित इस आलेख को ध्यान से देखिये
अक्षय को मदद चाहिए....
अथवा मोहल्ला लाईव पर प्रकाशित इस आलेख को
जिसमें अक्षय कात्यानी की बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. मित्रों इस आलेख को पोस्ट करने के कुछ क्षण पूर्व श्री सुधीर कात्यानी जी से इस पोस्ट की तस्दीक हुई है. आपसे विनम्र आग्रह है कि आप अक्षय कात्यानी की मदद हेतु ओरिएंटल बैंक आफ़ कामर्स भोपाल,अरेरा कालोनी ब्रांच एकाउंट नम्बर 09322011002264 में सहयोग राशि जमा कीजिये
बात अक्षय की जो एक बीमारी से पीडित है। बीमारी ने उसे ऐसा जकड़ा कि इलाज में पिता की जीवन भर की पूंजी खर्च हो गई इसके बाद भी वो ठीक नही हुआ क्योंकि तब तब इस बीमारी की सही थेरेपी नही आई थी। अब जबकि बीमारी के इलाज की कारगर पद्धति आ गई है पिता के पास बेटे के इलाज के लिए पैसे नही है। यदि समय पर इलाज नही मिला तो युवक का जीवन बचाना मुश्किल होगा।
नाम अक्षय कत्यानी हटटा कटटा गबरू जवान 70 किलो वजन दिखने में स्मार्ट, लेकिन एक बीमारी ने उसे 40 किलो का हाडमांस का पुतला बना दिया । पढाई पूरी की तो टीवी जर्नलिस्ट बन गया लेकिन इस बीमारी के कारण नौकरी छोडनी पड गई और बिस्तर पकड लिया। प्रायवेट बिजनेस करने वाले पिता सुधीर कात्यानी ने बेटे के इलाज के लिए अपने जीवन भर की कमाई खपा दी। गाड़ी बंगला बेच दिया। लेकिन वो ठीक नही हुआ। अब अचानक डाक्टरों ने बताया कि इस बीमारी का कारगर इलाज आ गया है। सिर्फ दो लाख खर्च होंगे। लेकिन अब जबकि वो दाने - दाने को मोहताज हो गए हैं। बेटे के इलाज के लिए दो लाख कहां से लाएं तो क्या इकलौते जवान बेटे को यूँ ही हाथ से चले जाने दे।
मजबूर पिता क्या करे? मदद के लिए सबने हाथ खडे कर दिए हैं। बेटे को अल्सरेटिव्ह कोलाईटिस है। खून की उल्टी दस्त होते हैं। खाना खाते नही बनता। कैंसे माँ - बाप अपने जिगर के टुकडे को तिल - तिल मरते देखें। एक तो बीमारी दूसरा मां - बाप की बेबसी बेटे से देखी नही जाती वो भी ऐंसी जिंदगी से निराश होता जा रहा है। आखिर क्या करे वो कहां जाए। उसकी भी इच्छा है कि मां-बाप के सपनो को पूरा करे। अभी तो पूरी जिंदगी पडी है उसके सामने। सिर्फ दो लाख के पीछे क्या जान जली जाऐगी उसकी। फिलहाल पैसे के अभाव में इलाज रूका है। क्या इस नौजवान को हम दुनिया से विदा हो जाने दें। ऐसे समय में समाज को सामने आना होगा। इस नौजवान की मदद के लिए आईए और इसकी मदद कीजिए। रोशन कीजिए अक्षय की दुनिया को जी लेने दीजिए एक जवान को अपनी पूरी जिंदगी ।
(अतुल पाठक , संपर्क : atul21ap@gmail.com_)
यदि आप अक्षय की कोई मदद करना चाहते हैं तो इन नम्बरों पर संपर्क कर सकते हैं :
योगेश पाण्डेय - 09826591082,
सुधीर कत्यानी (अक्षय के पिता) - 09329632420,
अंकित जोशी (अक्षय के मित्र) - 09827743380,०९६६९५२७८६६
नाम अक्षय कत्यानी हटटा कटटा गबरू जवान 70 किलो वजन दिखने में स्मार्ट, लेकिन एक बीमारी ने उसे 40 किलो का हाडमांस का पुतला बना दिया । पढाई पूरी की तो टीवी जर्नलिस्ट बन गया लेकिन इस बीमारी के कारण नौकरी छोडनी पड गई और बिस्तर पकड लिया। प्रायवेट बिजनेस करने वाले पिता सुधीर कात्यानी ने बेटे के इलाज के लिए अपने जीवन भर की कमाई खपा दी। गाड़ी बंगला बेच दिया। लेकिन वो ठीक नही हुआ। अब अचानक डाक्टरों ने बताया कि इस बीमारी का कारगर इलाज आ गया है। सिर्फ दो लाख खर्च होंगे। लेकिन अब जबकि वो दाने - दाने को मोहताज हो गए हैं। बेटे के इलाज के लिए दो लाख कहां से लाएं तो क्या इकलौते जवान बेटे को यूँ ही हाथ से चले जाने दे।
मजबूर पिता क्या करे? मदद के लिए सबने हाथ खडे कर दिए हैं। बेटे को अल्सरेटिव्ह कोलाईटिस है। खून की उल्टी दस्त होते हैं। खाना खाते नही बनता। कैंसे माँ - बाप अपने जिगर के टुकडे को तिल - तिल मरते देखें। एक तो बीमारी दूसरा मां - बाप की बेबसी बेटे से देखी नही जाती वो भी ऐंसी जिंदगी से निराश होता जा रहा है। आखिर क्या करे वो कहां जाए। उसकी भी इच्छा है कि मां-बाप के सपनो को पूरा करे। अभी तो पूरी जिंदगी पडी है उसके सामने। सिर्फ दो लाख के पीछे क्या जान जली जाऐगी उसकी। फिलहाल पैसे के अभाव में इलाज रूका है। क्या इस नौजवान को हम दुनिया से विदा हो जाने दें। ऐसे समय में समाज को सामने आना होगा। इस नौजवान की मदद के लिए आईए और इसकी मदद कीजिए। रोशन कीजिए अक्षय की दुनिया को जी लेने दीजिए एक जवान को अपनी पूरी जिंदगी ।
(अतुल पाठक , संपर्क : atul21ap@gmail.com_)
यदि आप अक्षय की कोई मदद करना चाहते हैं तो इन नम्बरों पर संपर्क कर सकते हैं :
योगेश पाण्डेय - 09826591082,
सुधीर कत्यानी (अक्षय के पिता) - 09329632420,
अंकित जोशी (अक्षय के मित्र) - 09827743380,०९६६९५२७८६६
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आलेख :लेखक : अतुल पाठक,CAVS संचार से साभार
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विनम्र अपील :-
9 टिप्पणियां:
Shukria Gireesh ji..
आभार जानकारी का. जरुरी कदम उठा लिए हैं.
समीर जी दीपक भाई एवम अविनाश वाचस्पति जी ने शुरुआत कर दी
आज़ हम भी
और बस १९६ साथी मिल जाएं
बहुत ही अच्छा कार्य किया है दादा आपने
आभार
गिरीश जी !
ऑनलाइन मदद उनके खाते में ट्रान्सफर कर दी गयी है ! आप लोग एक अच्छा कार्य कर रहे हैं, इस पहल के लिए बधाई !
हाँ ..इस बीमारी का इलाज़ किसी भी अच्छे होमिओपैथ के लिए बेहद आसान कार्य है ! इस लड़के का कोंस्टीटयूशनल इलाज़ ही करना पड़ेगा ! और शत प्रतिशत बिना पैसे के ठीक होगा
आपकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है गिरीश जी| मुझे इस महँ काम का हिस्सा बनने में बेहद ख़ुशी होगी... मैं अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करूंगा! आपका बहुत बहुत आभार!!
आपका छोटा भाई
"रामकृष्ण"
(महँ = महान)
"रामकृष्ण"
आपकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है गिरीश जी
पता चला, यथा संभव प्रयास करेंगे.
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