ब्लॉग के सशक्त हस्ताक्षर अनूप शुक्ला संयुक्त महाप्रबंधक लघु शस्त्र निर्माणी ,कानपुर हैं . आज ब्लॉग जगत के लिए उनसे हुए संवाद को पेश करते हुए मुझे ख़ुशी है
उनके ब्लॉग फुरसतिया चिट्ठा चर्चा
मैं ही प्रथम नहीं हूँ जो पाडकास्ट इंटरव्यू ले रहा हूँ मुझसे बेहतरीन अंदाज़ में इस चर्चा के पहले भी पॉडभारती पर अनूप जी से चर्चा हुई उसे मत भूलिए उसे भी सुन ही लीजिये यहाँ
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Wow.....New
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30 टिप्पणियां:
कहां 30 व कहां आज 12,371 बहुत लंबी यात्रा रही.
Sach kaha dada
क्या बात है, भाई मुकुल जी। यह साक्षात्कार भी वाक़ई बहुत बहुत और बहुत ही उम्दा रहा। इसमें कोई शक नहीं कि आज आपने हमको भी मौज करा दी। अनूप जी के प्रति हमारे दिल में बहुत आदर है और इतने महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए और इतने व्यस्त रहते हुए भी वह हिन्दी ब्लॉग के लिए इतना समय निकाल रहे हैं। हम चाहेंगे के फ़ुरसतिया जी की मौज का आनंद हमें सदा मिलता रहे। उन्होंने यह बिल्कुल बजा फ़रमाया कि ख़राब बातों का रोना अच्छी बातों की तौहीन है। महिला ब्लॉगर्स के विषय में पठनीयता की बात भी उन्होंने सही कही। साहित्यकारों के लिए जो बात कही वह भी वाजिब है। और निश्चित रूप से मृणाल जी के बारे यह बात सही है कि आगे चलकर उन्हें ब्लॉगिंग के बारे में अपनी राय बदलनी पड़े और उनके बारे में भी ब्लॉगर्स को अपनी ग़लत राय बदलनी पड़े। अज्ञानी का अंधविश्वास बहुत तगड़ा होता है हा हा क्या बात कही अनूपजी ने। चिट्ठाचर्चा.कॉम पर बहस बेमानी थी और इसे रजिस्टर्ड नहीं किया जाना था। अनूपजी बजा फ़रमाते हैं इस विषय पर। सच कहा के कंटेंट बढ़ाने के लिए मैच्योरिटी की ज़रूरत नहीं। बचपने की जगह बचकानापन कह देते मुकुलजी तो सही रहता। हा हा। आपका बहुत बहुत आभार इस बेहतरीन वार्तालाप के लिए।
कमाल का साक्षात्कार-सम्वाद. अनूप जी जितनी कुशलता से अपनी कलम चलाते हैं उतनी ही कुशलता से उन्होंने आपकी जिज्ञासाओं को शान्त किया है. इतना बेबाक साक्षात्कार अभिभूत कर गया. उनका कहना कि-
" ब्लॉगिंग में ऐसी कोई बात नहीं जिसका रोना रोया जाये
दो चार खराब लोगों के चलते पूरे परिदृश्य को खराब बताना अच्छी बात नहीं" और-
" आप बचपने पर रोक लगाओगे तो ९०% ब्लॉग तो कल ही बन्द हो जायेंगे" और-
"कुछ खराब बातों का जिक्र करके और उनका हल्ला मचाकर
आप हम तमाम अच्छी चीजों की अवहेलना करते हैं"
काश मृणाल जी इस सम्वाद को सुन सकें.
बधाई हो गिरीश जी.
धन्यवाद बंधुवर !
बहुत कुछ जानने - समझने को मिला ब्लोगिंग के बारे में ..
आशावाद की क्या पुरहर अभिव्यक्ति है ! सच बात है कि निराशावादी
आंकलन से यत्किंच सकारात्मकता के साथ अन्याय होगा ..
संतुलन की अच्छी अभिव्यक्ति है फुरसतिया में , यह मृणाल पाण्डेय
के जिक्र के दौरान देखी जा सकती है ..
अनूप-संकल्प प्रेरक है .. सच है कुछ सार्थक करना ज्यादा महत्वपूर्ण है ..
'' चिट्ठाचर्चा '' से राजनीति के सम्बन्ध पर अपन का कोई वास्ता नहीं , इस
प्रसंग में बोर भी होने लगा था ..
अंत में कहना चाह रहा हूँ कि जिस चीज ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया
वह है - ' फुरसतिया जी की सकारात्मकता ' ..
.......................... आभार !
अच्छा रहा अनूप भाई के विचार जानना. सारगर्भित साक्षात्कार.
फुरसतिया जी से हुई आपकी बात चीत बहुत ही अच्छी लगी .. सभी ब्लॉगरों को एक दूसरे से मिलवाने का यह काफी अच्छा काम आप कर रहे हैं .. ब्लॉग जगत से सारे संशय और विवाद को समाप्त करने में भी शायद आपका यह कदम अच्छा रहेगा !!
वे दो चार लोग कौन हैं यह भी बात देते अनूप जी तो बात साफ हो जाती -नही तो दो दो चार लोगों के चक्कर में कई लोगों की आशंकाएं हैं -मैं भी घोषित हो गया हूँ .और शुरू में नमस्ते धीरे से कहना था उस तरह से नहीं जैसे की रास्ते चलते यूं ही कोई मिल जाय ...एडिट किया जाय ....यह तो योजित इंटरव्यू ही है न -रास्ते चलते तो नहीं .कहीं यह टेलीफोन पर तो नहीं है यह संवाद ?
बाकी सब ठीक है -पोडकास्टिंग के लिए मुकुल जी को बधाई
शुकुल -मुकुल की जोड़ी जोरदार
बहुत बहुत अच्छा इण्टरव्यू। "ऑन द रिकार्ड" इससे बेहतर हो ही नहीं सकता था!
आपने बहुत सटीक प्रश्न/चर्चा की। और अनूप जी ने डक नहीं किया प्रश्नों को!
मैं तो फुर्सत से आऊंगा..... शाम में.... पूरा इंटरविउ ...मोबाइल पे ट्रान्सफर कर लिया है....
अत्यंत शुद्ध बुद्ध साक्षात्कार. आनंद आया. फ़ुर्सतिया की पोस्ट जैसे ही इसको संपुर्ण रुप से सुनकर ही कोई कमेंट किया जा सकता है. युं ही कोई कमेंट ठोंक देना अन्याय होगा जो हम करना नही चाहते.अभी सिर्फ़ टिप्पणीकारों को पढा है. बाद मे आते हैं.
रामराम.
Kya bat hai tau
साक्षात्कार पूरा नही सुन पा रहा हूं,पता नही क्यों रूक-रूक कर चल रहा है,बाद मे फ़िर से ट्राई करूंगा।वैसे अनूप जी से अक्सर बातें होती है वे निश्चित ही जितने अच्छे ब्लागर हैं उतने ही अच्छे इंसान भी।उन्होने ब्लाग जगत की तरक्की और समृद्धी के लिये बहुत काम किया है और कर भी रहे हैं।
बढ़िया लगा साक्षात्कार.
बढ़िया रही बातचीत।
ब्लागरों से बतियाने का यह तरीका नया नहीं, पर सतत भी नहीं रहा।
आपने शुरू किया है ये अच्छी बात है।
बधाई
सतत रहे इसके लिए सभी का सहयोग वांछित है अजित जी खूब छीछालेदर हो तारीफ़ हो मुझे फटकारा जाए या दुलारा जाए एक सी गति से बात चीत करूंगा सिवाय व्यक्तिगत रूप से कोई अगर मुझे अपमानित करेगा तब अथवा तब जब कि कोई टेक्नीकल मुश्किल हो ! इस प्रयोग से सबका भला है .
दिनेशराय जी के निवास संबंधी उल्लेख में भोपाल कहा गया माफी कहता हूँ
तीसरा खंबा के लेखक द्विवेदी जी कोटा से हैं उनका मेल आई डी है drdwivedi1@gmail.com
अनुप शुक्लजी का खुशी बेंगाणी द्वारा लिये गए एक अन्य साक्षात्कार की कड़ी:
http://www.tarakash.com/2/blog/134-anupshukla-interview.html
आपके प्रयास ने कृतज्ञ कर दिया.
मजा आया. विवादित मुद्दों पर बोलना आसान नहीं होता :)
पोष्टिक खाने वाली बात लम्बी सी मुस्कान दे गई. यही मजे एक दुसरे की खिंचाई के... होली नजदीक दिख रही है.
वन्दे मातरम
अनूप जी की बाते सुन कर अच्छा लगा।
मेरे विचार से पॉडकास्टिंग बढ़ेगी। मैं स्वयं तीन साल से अधिक समय से नियमित रूप से प४ढकास्ट के रहा हूं और यह बेहतरीन अनुभव है।
ji
apako suna hai
is kam ko ham log age badayen kaisa hoga
बहुत शानदार साक्षात्कार है यह। अनूप जी हिन्दी ब्लॉग जगत के प्रेरणा पुंज हैं। मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। हमेशा खुश रहने की कला कोई उनसे सीखे।
Ji
main hee hoon
सच कहा...
"कुछ खराब बातों का जिक्र करके और उनका हल्ला मचाकर
आप हम तमाम अच्छी चीजों की अवहेलना करते हैं"
ध्यान से सुना...सबसे मजेदार बात ये रही कि इसे रेडियो इन्टरव्यू बनाने की चेष्टा नहीं की गई...अनूपजी ने सुनिश्चित किया कि साक्षात्कार की ब्लॉग प्रकृति बनी रही...यानि भागो नहीं टकराओ..जबाव दो। ब्लागिंग अंदाज में।
बेहतरीन साक्षात्कार । अनुभव-पगे इस ब्लॉगर की बहुत सी बातें महत्वपूर्ण हैं नवेलों के लिये ।
आगे भी ऐसे ही अन्य पॉडकॉस्ट सुनने की इच्छा है । आभार ।
बढ़िया साक्षात्कार.
पोड भारती का लिंक आप के पॉडकास्ट के बाद देना चाहिए गिरीश भाई , मेरी तरह कई लोग आपको सुन ही नहीं पाएंगे, आपकी विनम्रता को आदर दे रहा हूँ मगर ...
मन प्रसन्न हो गया आपके विचारो से अनूप जी ,ख़ुशी जाहिर करने के लिए शब्द नहीं ढून्ढ पा रही , हृदय की विशालता आपके विचारो में स्पष्ट झलक रही है ,कितनी सरलता से तथा अनुपात में रखते हुए सारी बाते ब्लोगरो के हित एवं हक में कह दी ,आपकी बाते हमारे लिए टॉनिक से कम नहीं ,जितना अच्छा लिखते है उतने ही अच्छे इंसान भी है ,हौसला कई गुना बढ़ गया और जिनसे अन्जान रहे वो जानकारिया भी मिली ,लोगो को समझने के लिए कई मुलाकात कम पड़ जाती है मगर आपकी इस एक मुलाकात ने सम्पूर्ण परिचय दे डाला ,ऐसा लगा कान लगाकर कई बार सुनती रहूँ ,इतनी स्थिरता रही बातों में कि कानो की उत्सुकता बराबर बरकरार रही ,वंदना जी की बातों से भी सहमत हूँ .मैं ब्लोगर बंधुओ के नाम एक रचना पोस्ट की थी जिसमे में लिखी रही ,एक ही जाल को बुन रहा सुन्दर ,सुखद ,समाज और आज यहाँ यह अहसास पुख्ता फिर हुआ ,जब इस कमाल के साक्षात्कार-संवाद को सुना .सारगर्भित बाते रही आपकी अनूप जी .
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