27.7.23

मानवता के आइकॉन कलैक्टर टी अंबाजगेन : श्री महेन्द्र शुक्ला की फेसबुक पोस्ट

टी अंबाजगेन कलेक्टर साहब ,धन्य है वे माता-पिता  जिन्होंने इन्हे मानव सेवा के संस्कार दिए .!

80 साल की बूढ़ी माता घर में बिल्कुल अकेली। कई दिनों से भूखी। बीमार अवस्था में पड़ी हुई। खाना-पीना और ठीक से उठना-बैठना भी दूभर। हर पल भगवान से उठा लेने की फरियाद करती हुई .!

 खबर तमिलनाडु के करूर जिले के कलेक्टर टी अंबाजगेन के कानों में पहुंचती है। दरियादिल यह आइएएस अफसर पत्नि से खाना बनवाते है फिर टिफिन में लेकर निकल पड़ते है, वृद्धा के चिन्नमालनिकिकेन पट्टी स्थित झोपड़ी में .!

जिस बूढ़ी माता से पास-पड़ोस के लोग आंखें फेरे हुए थे, कुछ ही पल में उनकी झोपड़ी के सामने जिले के सबसे रसूखदार अफसर मेहमान के तौर पर खड़ा नजर आता है .!

 वृद्धा समझ नहीं पातीं क्या मामला है डीएम कहते हैं-माता जी आपके लिए घर से खाना लाया हूं, चलिए खाते हैं .!

वृद्धा के घर ठीक से बर्तन भी नहीं होते तो वह कहतीं हैं साहब हम तो केले के पत्ते पर ही खाते हैं। डीएम कहते हैं-अति उत्तम। आज मैं भी केले के पत्ते पर खाऊंगा .!

 किस्सा यही खत्म नहीं होता चलते-चलते डीएम वृद्धावस्था की पेंशन के कागजात सौंपते हैं। कहते हैं कि आपको बैंक तक आने की जरूरत नहीं होगी, घर पर ही पेंशन मिलेगी डीएम गाड़ी में बैठकर चले जाते हैं, आंखों में आंसू लिए वृद्धा आवाक रहकर देखती रह जातीं हैं .!

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