आज सोच रहा हूँ चर्चा करुँ चिट्ठों पर कुछ ग़लत लिख जाए तो टिपिया देना भाइयो और बहनों वास्तव में चिट्ठों को चर्चित करना उद्देश्य है न की किसी को दु:खी करना
केवल ब्लाग्स के शीर्षकों को बांच के यूँ ही कुछ कहने से कैसा लगेगा
- चिरकुट चर्चा:- अमर सिंह की एक और चिरकुटाई
- यह शाम फिर नहीं आयेगी:-अच्छा ....?तो शाम बंद करने का आदेश इनको पृष्ठांकित हुआ है.......!
- रावण तो हर दौर में रुलाएगा ही...:-यदि आप इनको चुन के भेजते रहे तो.....इनको चुनो मत चिनो..भाई
- इंतजार भी कितनी खूबसूरत होती है.. है ना?:- इंतज़ार करोगी तो खूबसूरत होगा और इंतज़ार करोगे तो खूबसूरत होगी आप कर रहें हैं या कर रहीं हैं ?
- मनोरोगी और हम लोग.:-veerubhai बीच में "और" लिख के कर दिया न लफडा ?
- मोमबत्ती की रोशनी में कवितापाठ :- पावर कट के दौर में इससे ज़्यादा आप भी क्या करते ?
- वीर में योद्धा बनेंगे सलमान:- फ़िर से शिकार करने जा रहे हैं चिंकारा का.....?
- जल्द शादी करना चाहता हूं: राहुल भैया क्या इस मसले को भी सरकारी मंजूरी दिलाएंगी मम्मी ?
- गुरु दत्त , एक अशांत अधूरा कलाकार !.............हमारी भी भावुक श्रद्धांजली "ये दुनियाँ अगर मिल भी जाए "
- जो शास्वत है वह सत्य और परिवर्तनशील असत्य जैसे जनता और सियासत
- जोग ही जोग : मन करे तो पढ़कर जरा मुस्कुरा ले. आज कल पंडित जी का कम्प्युटर "क" नही लिख रिया है चलो भाइयो हंसो अब
- क्या आप जानते है लोक नायक जय प्रकाश नारायण को ? और भैया आप ...?
- समझौते को सार्वजनिक करें मोदी :- ममता जी से या टाटा .........?
- चुनावी मौसम में तांत्रिकों की पौ बारह:-एक दूकान दूसरी दूकान की पूरक है...?
- अब हिन्दी commenting और भी सरल :इतनी की "commenting ", .........?
- मेरा काव्य - " आहिस्ता- आहिस्ता":- और जल्दी-जल्दी कब आएगा
- नारी मन.........अंतर्मन में क्या है ?सभी समझ गए
- जब भी देखता हूं आईना:-अपनी तस्वीर देख के डर लगता है...........?
- माँ, केवल माँ भर नही होती:-साधू.....साधू...........बधाई
- शिक्षकों की शिक्षक स्वरूप सम्पत:-ये तो सच है भैया
- अमीर खुसरो की पहेलियां - :अमर सिंह की वाणी को विराम कब मिलेगा........?
- मुम्बई उनके बाप की:- जी हाँ ,हमको तो ऐसैच्च लगता चलो उनके बाप से ही पूछ लेते हैं
- दादा का सन्यास : तो अब ये रामदेव जी के साथ ........?
- इस शहर की एक लड़की जो किसी से प्रेम नहीं करती;-ट्राई करो शायद आपसे........?
- अँधेरी रात का सूरज - राकेश खंडेलवाल जी ने बिजली संकट से निजात दिलाने की कोशिश की
- आखिरी मुलाकात से अच्छी सबसे पहली वाली होती है..........मालूम तो होगा....
- रात और दिन पाँव पड़ूँ:-की भैया "chalatee रहे" गपशप लिव इन रिलेशनशिप , को लेकर अब नया मुद्दा मिल गया
- दुर्गा पूजा की वो सुनहरी शाम, जब मैंने पहली बार साड़ी पहनी थी...... अच्छी बात है मैंने भी बंगाली कुर्ता उसी दिन.....? बेहतरीन पोस्ट के लिए शुभ काम नाएं
- आइये बनाये भाषाओ के पुल और उस पर ....... हाँ तो भैया क्या करेंगे ?
- साहब तनि ई फरमवा भरवा दिजीए:- दादा भिजवा देवें भर दूंगा ?
- अब हम जा रहे हैं विमोचन में...पढ़ेंगे अपनी कविता -काहे से जाएंगे अरी भागवान अपनी जबलपुरिया उडन तश्तरी .... और काहे से ...? जल्दी आना तुम दोनों एलियंस
सभी चिट्ठाकारों को हार्दिक बधाई जिनके चिट्ठे शामिल न हो सके वे बेनाम टिपियाएँ या बांचें “एक ख़त अज्ञातानंद जी नाम !”
चिट्ठा जगत से साभार