लगातार होती
बारिश
भिगो देती है
उन घरों को जमीन के भीतर
बने होते हैं.
निकल आते है
उन से
बिना रीढ़ वाले
जन्तु
सरे राह
डस लेते हैं
तभी उनको
पूजने का त्यौहार आता है
अब तो
जी हां
रोज़ पूजता हूं
शायद बारिश
बंद नही होती
रात-दिन आज़कल ..!!
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इस स्टैम्प के रचयिता हैं ब्ला० गिरीश के अभिन्न मित्र राजीव तनेजा |
वो दिन आ ही गया जब मैं हवा में उड़ते हुए अपना जीवन-वृत देख रहा था.. |