लगातार होती
बारिश
भिगो देती है
उन घरों को जमीन के भीतर
बने होते हैं.
निकल आते है
उन से
बिना रीढ़ वाले
जन्तु
सरे राह
डस लेते हैं
तभी उनको
पूजने का त्यौहार आता है
अब तो
जी हां
रोज़ पूजता हूं
शायद बारिश
बंद नही होती
रात-दिन आज़कल ..!!
भाग्यवान लोग फ़ारेन जाते थे तब, हवाई जहाज़ में उड़कर विदेश जाना एक बड़ी बात होती थी. उससे भी बड़ी बात भारत में ही नौकरी लगना रात दिन एक करके हम भी नौकरी शुदा हो गये.शहर से बाहर हुए हम सच भूल चुके थे कई लोगों को .भुलावे वाली उस सूची में ये गोल मटोल टाइप के महाशय भी शुमार हैं.न तो नाम याद रहा न पता बस इतना याद रहा कि एक अफ़सर का लड़का जो गोल मटोल शांत टाईप का आता था मित्र मंडलीयों में वो बाहर है.
भारत में आतंकवादियों को सज़ा के लिये लम्बी प्रकिया से एक ओर समूचा हिंदुस्तान हताश है तो दूसरी ओर आतंकवाद को शह मिल रही है, तो इस मसले को गर्माए रखने के लिये काफ़ी है.यह सवाल भी भारतीय व्यवस्था के सामने है कि क्या आतंकवादीयों के लिये ऐसे क़ानून नहीं बनाए जा सकते जिससे उनका तुरंत सफ़ाया हो सके.![]() |
| इस स्टैम्प के रचयिता हैं ब्ला० गिरीश के अभिन्न मित्र राजीव तनेजा |
| वो दिन आ ही गया जब मैं हवा में उड़ते हुए अपना जीवन-वृत देख रहा था.. |