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मंगलवार, मार्च 02, 2010

सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता

सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता को कविता जी से हुई वार्ता के साथ लिंक्ड कर दिया था किन्तु शायद मित्र उनको नहीं सुन पाए आज इस वार्ता को पुन: प्रस्तुत कर रहा हूँ............

सोमवार, मार्च 01, 2010

कविता वाचक्नवी जी और सिद्धार्थ जोशी से बात चीत

कविता वाचक्नवी जी से बात चीत सादर प्रस्तुत है ..... ............सिद्धार्थ जोशी जी को सुनने के लिए ''यहाँ'' क्लिक कीजिये

       

                                  
  
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रविवार, फ़रवरी 28, 2010

अविनाश जी से सुनिए आज के होली समाचार

आप भी इस कवि सम्मेलन का हिस्सा बनें

आप इस तकनीकी कवि सम्मेलन का हिस्सा होकर दुनिया भर के लाखों कविता प्रेमियों से सीधे जुड़ सकते हैं। प्रक्रिया बहुत सरल है। रश्मि प्रभा के साथ यदि आप भी अतिथि संचालक होना चाहते हैं तो भी हमें लिखें।


1॰ अपनी साफ आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके भेजें।
2॰ जिस कविता की रिकॉर्डिंग आप भेज रहे हैं, उसे लिखित रूप में भी भेजें।
3॰ अधिकतम 10 वाक्यों का अपना परिचय भेजें, जिसमें पेशा, स्थान, अभिरूचियाँ ज़रूर अंकित करें।
4॰ अपना फोन नं॰ भी भेजें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हम तुरंत संपर्क कर सकें।
5॰ कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे 128 kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
6॰ उपर्युक्त सामग्री भेजने के लिए ईमेल पता- podcast.hindyugm@gmail.com
7. मार्च 2010 अंक के लिए कविता की रिकॉर्डिंग भेजने की आखिरी तिथि- 21 मार्च 2010
8. मार्च 2010 अंक का पॉडकास्ट सम्मेलन रविवार, 28 मार्च 2010 को प्रसारित होगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी ''आवाज़''  पर पायें 
अब सुनिए समाचार अविनाश जी से

शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010

धोनी ने जिस कुएं का पानी पिया वो अदा जी के घर में ही

स्वप्न मंजूषा 'शैल' 
छवि साभार :  क्वचिदन्यतोअपि..........!
https://mail.google.com/mail/?ui=2&ik=f28b6629c4&view=att&th=1270adc2653ef6e0&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_g63pkyqp0&zw अदा जी के प्रोनाउन [सर्वनाम] 



अदा जी से हुई बात चीत में हुए खुलासे 
  • रांची में अदा जी और धोनी ने जिस कुएं का पानी पीया है वो अदा जी के घर में ही 
  • अदा जी से  विवाह के लिए उनके पिता जी को आवेदन पत्र पेश किया था संतोष जी ने 
  • अदा जी  मिमिक्री आर्टिस्ट एंकर प्रोड्यूसर और पिछले छै महीने से हिन्दी-ब्लॉगर भी हैं 
  • अदा जी कविता,गज़ल,नृत्य,नाट्य,ध्वनि-आधारित कला साधिका हैं 
अदा  जी  को कनाडा सरकार ने सम्मानित किया
    यकींन न  हो तो खुद ही सुनिए 

    गुरुवार, फ़रवरी 25, 2010

    आज समीर भाई जम के पियेंगे

    समीर जी का होली हंगामा
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    मित्रों, यह कोई कविता नहीं और न ही स्पष्टीकरण है.बस एक मजबूर का मजबूरियों का बखान है.
    जिस मूड़ में लिखी गई है, उसी मूड में पढ़िये और आनन्द उठाईये.
    इस मजबूरी में अन्तिम छंद चिट्ठाकारी को समर्पित है.
    जब चाँद गगन में होता है
    या तारे नभ में छाते हैं
    जब मौसम की घुमड़ाई से
    बादल भी पसरे जाते हैं
    जब मौसम ठंडा होता है
    या मुझको गर्मी लगती है
    जब बारिश की ठंडी बूंदें
    कुछ गीली गीली लगती हैं
    तब ऐसे में बेबस होकर
    मैं किसी तरह जी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब मिलन कोई अनोखा हो
    या प्यार में मुझको धोखा हो
    जब सन्नाटे का राज यहाँ
    और कुत्ता कोई भौंका हो
    जब साथ सखा कुछ मिल जायें
    या एकाकी मन घबराये
    जब उत्सव कोई मनता हो
    या मातम कहीं भी छा जाये
    तब ऐसे में मैं द्रवित हुआ
    रो रो कर सिसिकी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब शोर गुल से सर फटता
    या काटे समय नहीं कटता
    जब मेरी कविता को सुनकर
    खूब दाद उठाता हो श्रोता
    जब भाव निकल कर आते हैं
    और गीतों में ढल जाते हैं
    जब उनकी धुन में बजने से
    ये साज सभी घबराते हैं
    तब ऐसे में मैं शरमा कर
    बस होठों को सी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब पंछी सारे सोते हैं
    या उल्लू बाग में रोते हैं
    जब फूलों की खूशबू वाले
    ये हवा के झोंके होते हैं
    जब बिजली गुल हो जाती है
    और नींद नहीं आ पाती है
    जब दूर देश की कुछ यादें
    इस दिल में घर कर जाती हैं
    तब ऐसे में मैं क्या करता
    रख लम्बी चुप्पी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    चिट्ठाकारी विशेष:
    जब ढेरों टिप्पणी मिलती हैं
    या मुश्किल उनकी गिनती है
    जब कोई कहे अब मत लिखना
    बस आपसे इतनी विनती है
    जब माहौल कहीं गरमाता हो
    या कोई मिलने आता हो
    जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
    ईमेल भेज बुलवाता हो.
    तब ऐसे में मैं खुश होकर
    बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.

    --समीर लाल 'समीर'

    बुधवार, फ़रवरी 24, 2010

    कुंवर मिथलेश दुबे ने तलाश ली है अपनी शरीके हयात ?पाडकास्ट

    पाडकास्ट 



    ________________________________________________
    ललित जी का नज़रिया देखिये हेड फोन लगाते नहीं बस  डाँटते  रहते है ललित भैया मुझे 
    भाई गिरीश बिल्लौरे जी ने जब से पोडकास्ट शुरू किया है...........वो की बोर्ड से लिखना ही भूल गये है.....अब बात भी पॉडकास्ट की भाषा में होती है...............बस दिन रात का एक ही काम रह गया है पॉडकास्ट......तो भैया समय हो तो कभी लिख भी लिए करो आज पॉडकास्ट में धमाल है विवेक रस्तोगी के साथ......सुनिए.......और गुनिये......... पदम् सिंग  जी प्द्मावली पर एक बहुत विचारनीय स्मरण लेकर आये हैं......रेलवे स्टेशन पर घटी एक घटना ने इन्हें लिखने को मजबूर कर दिया.......छोटा सा बडप्पन......जब भी उधर से गुजरता हूँ , नज़रें ढूंढती रह जाती हैं उसे लेकिन फिर कभी नहीं दिखा मुझे वहां, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़  शहर के रेलवे स्टेशन का जिक्र करता हूँ….. Friday, ‎February ‎24, ‎2006 दोपहर के बाद का समय था…हलकी धूप थी. गुलाबी ठण्ड में थोड़ी धूप अच्छी भी लगती है और ज्यादा धूम गरम भी लगती है … स्टेशन पर बैठा इंतज़ार कर रहा था और ट्रेन लगभग एक घंटे बाद आने वाली थी ….. बेंच पर बैठे बैठे जाने क्या सोच रहा था …

    सोमवार, फ़रवरी 22, 2010

    रविवार, फ़रवरी 21, 2010

    होली हंगामा पॉडकास्ट भाग 01

    पूज्य एवं प्रियवर होली हंगामा पॉडकास्ट  भाग एक में हार्दिक स्वागत है
    इस भाग में आप मिलिए  शरद कोकस,संगीता पुरी,अविनाश वाचस्पति,अनिता कुमार, दीपक मशाल जी से
    और कल रात्रि अजय झा , शहरोज़, और रानी विशाल जी से,

    गुरुवार, फ़रवरी 18, 2010

    महफूज़ भाई से बातचीत में ''नाईस'' का खुलासा हुआ

    आदरणीय बंधुओ/भगनियो
    सादर अभिवादन
    महफूज़ भाई से हुई लम्बी बातचीत का अंतिम अंश पेश-ए-खिदमत है,

    मंगलवार, फ़रवरी 16, 2010

    महफूज़ अली : Part-02

    अनूप जी ने कहा :-
    अनूप शुक्ल said... बाकी तो सुनकर पता चलेगा लेकिन भारत के ब्लॉगर्स की एक लिस्ट यहां भी है। इनमें से एक अमित अग्रवाल की पोस्ट्स अप्रैल 2001 की हैं। जानकारी के लिये बता दें कि इंडीब्लॉगीस के 2003 के नामीनेशन में लाइफ़टाइम अचीवमेंट के लिये जिन दो ब्लॉग नामित हुये थे उनमें से एक जुलाई 1999 से ब्लॉग लिख रहे हैं। महफ़ूज अली में खूबियां ही खूबियां हैं लेकिन पहला ब्लॉगर सबसे पहला ब्लॉगर (जिस सबसे पहले ब्लॉग का आज पता ही नहीं है) लिखने के पहले तथ्य जांच लेते तो शायद अच्छा होता! 
    विवेक जी ने भी बताया  
    Vivek Rastogi said...जहाँ तक हम जानते हैं सबसे पुराने हिन्दी ब्लॉगर जीतू भाई को हम जानते हैं जो कि सितंबर २००४ से हिन्दी ब्लॉग संचालन कर रहे हैं।http://www.jitu.info/merapanna/?page_id=300
    मेरा पन्ना देखिये
    आप यहाँ देख सकते हैं, पोडकॉस्ट सुना नहीं है शाम को सुन पायेंगे। ______________________________________________________________________________
    • आप सभी ने देखा होगा पाडकास्ट  सुनने के पहले यदि आप ने कुछ पढ़ा हो तो ये ज़रूर पढ़ा होगा 

    {पोस्ट हैडर को देख आप हैरान होंगे मैं लिख कर खुद हैरान हूँ. यदि आप जानते है. किसी ऐसे ब्लॉग लेखक या लेखिका को जो महफूज़ भाई से भी पहले के भारतीय ब्लॉगर हैं तो अवश्य सूचित कीजिये. उनसे  खुद महफूज़ भाई और मुझे मिलकर ख़ुशी होगी. आपको भी.... }
     इस बहाने ये तो तय हुआ कि सभी महानुभाव इस बात की पता साजी कर रहें हैं कि पहला कौन भाई कहीं कोई दावा नहीं किया किन्तु निवेदन किया कि कोई महानुभाव/महानुभावा इस बात को जानतीं हैं कि पहला ब्लॉगर कौन है अवश्य बताएं अनूप जी ने बताया सटीक रहा मामला किन्तु रचना जी शायद मैं आपकी बात समझ नहीं पा रहा हूँ यहाँ किसी इतिहास का खात्मा करने का इरादा नहीं है. मामला साफ़ है कि हम यानि मैं और महफूज़ भाई इस तथ्य की तह में पहुँचना चाहते थे हमारी मंशा को अनुभवीयों  ने ही परखा...
    महफूज़ अली said...
    मैंने ब्लॉग पर सबसे पहले सन 2002 में लिखना शुरू किया था. उस वक़्त इंडिया में कोई ब्लॉग की साईट नहीं थी तो blog.co.uk पर लिखता था. उस वक़्त जो मैंने URL बनाया वो mahfooz.blog.co.uk था.... जिसका पास वर्ड मैं कुछ दिनों तक यूज़ ना करने की वजह से भूल गया था.... फिर मैंने उसी साईट पर ... mahfoozali.blog.co.uk के नाम से ब्लॉग बनाया.... पहले वाला ब्लॉग काफी सालों तक यूज़ ना करने की वजह से .... उस साईट ने archives में डाल कर उस ब्लॉग को ख़त्म कर दिया... मेरे पास अपने पहले ब्लॉग के कुछ प्रिंट आउटस भी रखे ....हैं....उसको मैं ओपेरैट करता लेकिन पास वर्ड भूल चुका था.... फिर समय की कमी से दूसरे ब्लॉग पर भी लिखना छोड़ दिया...यह भी ब्लॉग इस साल मार्च में ख़त्म होने जा रहा था...लेकिन समय रहते पता चल गया.... इसके लिए आदरणीय गिरीश जी को धन्यवाद देता हूँ..... पिछला ब्लॉग archives में से मुझे दोबारा लौटा दिया जायेगा.... बस कुछ डिटेल्स फर्निश करनी है... दो दिन में वो ब्लॉग वापिस मिल जायेगा.... ऐसा ब्लॉग.सीओ.यूके ने कहा है.... और हिंदी ब्लॉग में मेरा पहला ब्लॉग no fart zone था ...जिसे मैंने सन २००६ में बनाया था....जो कि यूज़ ना करने की वजह से गूगल ने सन २००८ में बंद कर दिया.... उसके बाद मैंने 'मेरी रचनाएँ" ब्लॉग बनाया..... जो अब सुचारू रूप से चल रहा है.... और आगे भी चलता रहेगा.... मैं यह नहीं कहता कि मैं पहला ब्लोग्गर हूँ..... मेरा ऐसा मानना है.... (कृपया पॉडकास्ट पूरा सुनें..)...                                        अब सुनिए भाग 02 
    और भाग तीन  के लिए    इंतज़ार  कीजिये  
     






    महफूज़ अली : भारत के सबसे पहले ब्लॉगर............?

                                    आज हमारे अग्रज भाई महेंद्र मिश्र ने चेट के दौरान कहा धाँसू पॉड कास्ट जा रहे हैं महेंद्र जी आज एक धाँसू व्यक्तित्व   महफूज़ अली से बात हुई है. सीधी बात के दौरान पता चला की वे भारत के  सबसे पुराने  ब्लॉगर . महफूज़   अली लेखक कवि एवं अब हिंदी ब्लागिंग के मैदान के सफल एवं चहेते खिलाडी हैं उनका ब्लॉग है 'मेरी रचनाएँ ' बरबस मन मोह लेता है. अपनी  तरह   के अनोखे  महफूज़  भाई खुश मिजाज़, ज़िंदा दिल और हरदिल अज़ीज़ इंसान हैं. इनसे बात करते वक्त मैं खुद बह चला इनकी रेशमी आवाज़ के पीछे. - आपके समक्ष पेश है उनसे हुई सीधी बात का पहला एपिसोड.अगले एपीसोड्स का इंतज़ार कीजिये 

    {पोस्ट हैडर को देख आप हैरान होंगे मैं लिख कर खुद हैरान हूँ. यदि आप जानते है. किसी ऐसे ब्लॉग लेखक या लेखिका को जो महफूज़ भाई से भी पहले के भारतीय ब्लॉगर हैं तो अवश्य सूचित कीजिये. उनसे  खुद महफूज़ भाई और मुझे मिलकर ख़ुशी होगी. आपको भी.... }



    सोमवार, फ़रवरी 15, 2010

    किसलय जी का समझदार कुत्ता बोनी

    एक  मकबूल डॉग बोनी  ने किसलय जी के अथक परिश्रम से काफी कुछ सीख गया एक हम हैं कि उनकी मेहनत से सिखाई जा रही बातों पे ध्यान नहीं दे रहे .... अब हम ठहरे 'जो गुरु मिलहिं विरंची सम:' के अनुगायक चलिए मैं तो समय आने पे ही सीख पाउँगा बोनी के कारनामे देखिये 

    शनिवार, फ़रवरी 13, 2010

    Talk Show With Sanjeev Verma Salil



    पेशे से अभियंता ह्रदय से कवि लोक निर्माण विभाग मध्य-प्रदेश में पदस्थ प्रशासन में महत्वपूर्ण अस्तित्व निरंतर गति शील दिव्य नर्मदा के मालिक भाई संजीव वर्मा सलिल से बातचीत

    गीत का बनकर
    विषय जाड़ा
    नियति पर
    अभिमान करता है...
    कोहरे से
    गले मिलते भाव.
    निर्मला हैं
    बिम्ब के
    नव ताव..
    शिल्प पर शैदा
    हुई रजनी-
    रवि विमल
    सम्मान करता है...

    गीत का बनकर
    विषय जाड़ा
    नियति पर
    अभिमान करता है...

    फूल-पत्तों पर
    जमी है ओस.
    घास पाले को
    रही है कोस.
    हौसला सज्जन
    झुकाए सिर-
    मानसी का
    मान करता है...

    गीत का बनकर
    विषय जाड़ा
    नियति पर
    अभिमान करता है...

    नमन पूनम को
    करे गिरि-व्योम.
    शारदा निर्मल,
    निनादित ॐ.
    नर्मदा का ओज
    देख मनोज-
    'सलिल' संग
    गुणगान करता है...

    गीत का बनकर
    विषय जाड़ा
    खुदी पर
    अभिमान करता है...

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