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शनिवार, फ़रवरी 13, 2010

Talk Show With Sanjeev Verma Salil



पेशे से अभियंता ह्रदय से कवि लोक निर्माण विभाग मध्य-प्रदेश में पदस्थ प्रशासन में महत्वपूर्ण अस्तित्व निरंतर गति शील दिव्य नर्मदा के मालिक भाई संजीव वर्मा सलिल से बातचीत

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
नियति पर
अभिमान करता है...
कोहरे से
गले मिलते भाव.
निर्मला हैं
बिम्ब के
नव ताव..
शिल्प पर शैदा
हुई रजनी-
रवि विमल
सम्मान करता है...

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
नियति पर
अभिमान करता है...

फूल-पत्तों पर
जमी है ओस.
घास पाले को
रही है कोस.
हौसला सज्जन
झुकाए सिर-
मानसी का
मान करता है...

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
नियति पर
अभिमान करता है...

नमन पूनम को
करे गिरि-व्योम.
शारदा निर्मल,
निनादित ॐ.
नर्मदा का ओज
देख मनोज-
'सलिल' संग
गुणगान करता है...

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
खुदी पर
अभिमान करता है...

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