अनूप जी ने कहा :-
अनूप शुक्ल said... बाकी तो सुनकर पता चलेगा लेकिन भारत के ब्लॉगर्स की एक लिस्ट यहां भी है। इनमें से एक अमित अग्रवाल की पोस्ट्स अप्रैल 2001 की हैं। जानकारी के लिये बता दें कि इंडीब्लॉगीस के 2003 के नामीनेशन में लाइफ़टाइम अचीवमेंट के लिये जिन दो ब्लॉग नामित हुये थे उनमें से एक जुलाई 1999 से ब्लॉग लिख रहे हैं। महफ़ूज अली में खूबियां ही खूबियां हैं लेकिन पहला ब्लॉगर सबसे पहला ब्लॉगर (जिस सबसे पहले ब्लॉग का आज पता ही नहीं है) लिखने के पहले तथ्य जांच लेते तो शायद अच्छा होता!
विवेक जी ने भी बताया
Vivek Rastogi said...जहाँ तक हम जानते हैं सबसे पुराने हिन्दी ब्लॉगर जीतू भाई को हम जानते हैं जो कि सितंबर २००४ से हिन्दी ब्लॉग संचालन कर रहे हैं।http://www.jitu.info/merapanna/?page_id=300
मेरा पन्ना देखिये
आप यहाँ देख सकते हैं, पोडकॉस्ट सुना नहीं है शाम को सुन पायेंगे। ______________________________________________________________________________
मेरा पन्ना देखिये
आप यहाँ देख सकते हैं, पोडकॉस्ट सुना नहीं है शाम को सुन पायेंगे। ______________________________________________________________________________
- आप सभी ने देखा होगा पाडकास्ट सुनने के पहले यदि आप ने कुछ पढ़ा हो तो ये ज़रूर पढ़ा होगा
{पोस्ट हैडर को देख आप हैरान होंगे मैं लिख कर खुद हैरान हूँ. यदि आप जानते है. किसी ऐसे ब्लॉग लेखक या लेखिका को जो महफूज़ भाई से भी पहले के भारतीय ब्लॉगर हैं तो अवश्य सूचित कीजिये. उनसे खुद महफूज़ भाई और मुझे मिलकर ख़ुशी होगी. आपको भी.... }
इस बहाने ये तो तय हुआ कि सभी महानुभाव इस बात की पता साजी कर रहें हैं कि पहला कौन भाई कहीं कोई दावा नहीं किया किन्तु निवेदन किया कि कोई महानुभाव/महानुभावा इस बात को जानतीं हैं कि पहला ब्लॉगर कौन है अवश्य बताएं अनूप जी ने बताया सटीक रहा मामला किन्तु रचना जी शायद मैं आपकी बात समझ नहीं पा रहा हूँ यहाँ किसी इतिहास का खात्मा करने का इरादा नहीं है. मामला साफ़ है कि हम यानि मैं और महफूज़ भाई इस तथ्य की तह में पहुँचना चाहते थे हमारी मंशा को अनुभवीयों ने ही परखा...
- मैंने ब्लॉग पर सबसे पहले सन 2002 में लिखना शुरू किया था. उस वक़्त इंडिया में कोई ब्लॉग की साईट नहीं थी तो blog.co.uk पर लिखता था. उस वक़्त जो मैंने URL बनाया वो mahfooz.blog.co.uk था.... जिसका पास वर्ड मैं कुछ दिनों तक यूज़ ना करने की वजह से भूल गया था.... फिर मैंने उसी साईट पर ... mahfoozali.blog.co.uk के नाम से ब्लॉग बनाया.... पहले वाला ब्लॉग काफी सालों तक यूज़ ना करने की वजह से .... उस साईट ने archives में डाल कर उस ब्लॉग को ख़त्म कर दिया... मेरे पास अपने पहले ब्लॉग के कुछ प्रिंट आउटस भी रखे ....हैं....उसको मैं ओपेरैट करता लेकिन पास वर्ड भूल चुका था.... फिर समय की कमी से दूसरे ब्लॉग पर भी लिखना छोड़ दिया...यह भी ब्लॉग इस साल मार्च में ख़त्म होने जा रहा था...लेकिन समय रहते पता चल गया.... इसके लिए आदरणीय गिरीश जी को धन्यवाद देता हूँ..... पिछला ब्लॉग archives में से मुझे दोबारा लौटा दिया जायेगा.... बस कुछ डिटेल्स फर्निश करनी है... दो दिन में वो ब्लॉग वापिस मिल जायेगा.... ऐसा ब्लॉग.सीओ.यूके ने कहा है.... और हिंदी ब्लॉग में मेरा पहला ब्लॉग no fart zone था ...जिसे मैंने सन २००६ में बनाया था....जो कि यूज़ ना करने की वजह से गूगल ने सन २००८ में बंद कर दिया.... उसके बाद मैंने 'मेरी रचनाएँ" ब्लॉग बनाया..... जो अब सुचारू रूप से चल रहा है.... और आगे भी चलता रहेगा.... मैं यह नहीं कहता कि मैं पहला ब्लोग्गर हूँ..... मेरा ऐसा मानना है.... (कृपया पॉडकास्ट पूरा सुनें..)... अब सुनिए भाग 02
और भाग तीन के लिए इंतज़ार कीजिये
21 टिप्पणियां:
mahfooz ji aur girish ji ki baatein bahut hi acchi lagin..mahfooz ji ke vichaar bahut pasand aaye..
dono player same hain ..koi galati hui hai shayad..
aap dono ko bahut badhaii..
अरे भैया हम भी समझ रहें है कि यह सिर्फ़ पोस्ट की हैडिंग है। सच्चाई इसके इतर भी हो सकती है। अनूपजी के इंटरव्यू की उस बात को क्यूं न याद किया जावे कि ब्लॉग में अदना-आला, बड़ा-छोटा, पहला-अंतिम, नीचा-ऊँचा, आगे-पीछे, दाऎं-बाऎं, यह सब कुछ नहीं होता। ब्लॉगर सिर्फ़ और सिर्फ़ ब्लॉगर होता है और होता रहेगा। अदा जी, महफ़ूज़ जी के मामले में हमेशा बजा फ़रमाती हैं सो हम भी उनसे सहमत हैं। मुकुल भाई इस साक्षात्कार की नज़र उतरवा लीजिएगा। हा हा। आपको बहुत बहुत बधाई।
महफूज भाई आपको एक बार फिर सुनकर बहुत बढिया लगा , वैसे भी इतना सूनाते हैं कि हमे खूद ही कहना पड़ता है कि भईया अब बस , आप कह रहे है कि मुझे प्यार बहुत चाहिए अरे भईया अब कितना प्यार लेंगे , कुछ औरो के लिए भी छोड़ दीजिए , देख नहीं रहें है ये देख कई लोग बिमार हो गये हैं ।
अरे वाह क्या बात है, हम ने तो शायद २००८ मै शुरु कि है उस से पहले तो पता ही नही था, महफ़ुज भाई सलाम
bahut badhiya varta...maja aaya sunkar.
ji abhi ek episode shesh hai ji
miyan mahfooz hain hee kabile tareef
बवाल जिस पर तुम्हारी नज़रें हों उसे भाई कौन नज़र लगाएगा
किसी ने खूब कहा है
हम इज़हार-इ-तमन्ना नहीं करते
इज़हार-इ-तमन्ना का इक अंदाज़ ये भी है
हम ने किसी को मापा नहीं बवाल लोग खुद-ब-खुद
ha ha ha hee he .ab bas .......
मह्फ़ुज़ सहाब,
एक बार फिर आपको सुन कर बहुत हि अच्छा लगा, आपके विचारो से मै बहुत प्रभावित हुई ! किन्तु यह तो मै भी कहूगी ....कितना प्यार चाहिये :) सब आप ही लेन्गे तो बाकी का क्या होगा!!बहुत हि उम्दा साक्षात्कार!
बधाई
फिर कहूँगा महफूज़ भाई दा जवाब नहीं !
RaniVishal जी ने सही कहा है - सब आप ही लेन्गे तो बाकी का क्या होगा!! :-)
बहुत ही दिलचस्प रही ये बातचीत भी.. लगभग रोज ही बात हो जाती है मेरी तो बड़े भाई से.. लेकिन कई अनछुए पहलू इस मुलाकात के बहाने जानने को मिले.. गिरीश जी जो पुण्य कार्य कर रहे हैं उसकी जितनी भी तारीफ की जाये कम है.. मैं सिर्फ पॉडकास्ट की बात नहीं कर रहा बल्कि कई ऐसी उनकी खुदकी कार्य योजनायें हैं जो कभी वो उजागर नहीं करते.. शायद हम सब बातें या कविता करते रह जाते हैं और वो असल जिंदगी में समाज को कुछ दे रहे हैं...
कभी उनका खुद का पॉडकास्ट इंटरव्यू सुनना चाहता हूँ.. आशा है जल्द ही ये ख्वाहिश पूरी होगी... :)
पोस्ट बहुत पसंद आई.. :)
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...
कब शुरु हुआ और कब खत्म, पता ही नहीं चला. बहुत रोचक वाक्यात...बहुत रोचक बातचीत..पूर्णतः सहमत कि जब दो हिन्दी जानने वाले भारतीय आपस में मिलते है तो अंग्रेजी में बात कर क्या साबित करना चाहते हैं, यह समझ के परे है.
लोग तुझे चाहे ...है ना...घिरा रहे लोगो से ...है ना ....
बहुत अच्छा लग रहा है महफूज से यूँ मिलना भी ....
nice
achchha hai kya, kya bura hai ALLAH janta hai...
यूं तो महफ़ूज़ भाई से बातचीत के दौरान बहुत कुछ पता चल जाता है , मगर इन स्वर मुलाकातों ने उनके बारे में और भी बहुत कुछ बताया , अगली कडी की प्रतीक्षा है और गिरीश जी आपका ये प्रयास क्रांतिकारी साबित होगा भविष्य में
अजय कुमार झा
बहुत ही अच्छा चल रहा है,ये साक्षात्कार आगे की कड़ियों का इंतज़ार रहेगा
बहुत अच्छी लगी .. महफूज भाई के साथ आपकी बातचीत !!
Saleem shayad tum wo gazal gana chahte ho-
'kiske dil me kya hai Allah janta hai..
kya bura kya bhala hai Allah janta hai...'
jo bhi bura bhala hai allah jaanta hai
bande ke dil mein hai allah jaanta hai
@ deepak..ye panktiyaan aisi hain..
jo bhi bura bhala hai allah jaanta hai
bande ke dil mein kya hai allah jaanta hai
@ deepak..ye panktiyaan aisi hain..
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