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7.12.14

मेरा मानना है कि उच्च दर्जे की आय अर्जित कर सकेंगे हिन्दी ब्लागर : रवि रतलामी

हिन्दी के मशहूर ब्लागर श्री रविशंकर श्रीवास्तव   जिनको हम रविरतलामी के नाम से जानते  हैं  गूगल की विज्ञापन नीति से से उत्साहित हैं । उनका मानना है कि भविष्य में ब्लागिंग रोजगार का जरिया हो सकती है । इस सिलसिले में उनसे हुई बातचीत का पॉडकास्ट सुनिए .....

गूगल की हिन्दी ब्लागिंग के लिए विज्ञापन नीति पर अनूप शुक्ल फुरसतिया जी का वक्तव्य

 गूगल की हिन्दी ब्लागिंग के लिए विज्ञापन नीति पर अनूप शुक्ल फुरसतिया जी का वक्तव्य पॉडकास्ट के रूप में प्रस्तुत है -
SoundCloud Dot Com Cirish_Billore V/s Furasatiya

2.4.11

चैतन्य की शिकायत--- है कोई हल किसी के पास???



 आज मिलिये चैतन्य से...सुनिए चैतन्य की शिकायत...निकालिए कोई हल....



ये रही डा० मोनिका शर्मा की पोस्ट
डा०मोनिका शर्मा
कहाँ मैं खेलूं चहकूं गाऊं
आप बङों को क्या समझाऊं
बोलूं तो कहते चुप रहो
चुप हूं तो कहते कुछ कहो
कोई राह सुझाओ तो.... मैं क्या करूं, मैं क्या करूं.........?(पूरा पढ़िये)

___________________
परवाज़.....शब्दो... के पंख

30.3.11

अपनाने में हर्ज क्या है ???











एक पोस्ट केवल राम जी के ब्लॉग "चलते-चलते" से---
 

 केवलराम की यह पोस्ट अर्चना जी ने उम्दा ब्लागपोस्ट की पाडकास्टिंग की गरज़ से पेश की है. केवलराम जी एक उम्दा और भीड़ में अलग दिखाई देने वाले व्यक्तित्व के धनी हैं. उनके दो ब्लाग हैं
चलते -चलते ....! और  "धर्म और दर्शन".. वे हिंदी ब्लागिंग के लिये इतने समर्पित है कि उनने शोध के लिये हिंदी ब्लागिंग को चुना है.... हिंदी संस्कृत अंग्रेजी पर समान अधिकार रखने वाले केवल राम जी को दुलारिये एक मेल कीजिये उत्साह वर्धन कीजिये...ये रहा  उनका मेल-पता  
kewalanjali84@gmail.com
-गिरीश बिल्लोरे
_______________________जन्म दिन (आभार-पाबला जी का )________________

25.3.11

रंग पंचमी तक होली होली ही होती है

आज़ क्रिकेट के रंग में  विश्व यहां तक की गूगल बज़ तक सराबोर था.
आस्ट्रेलिया को हराना विश्व कप का रास्ता साफ़ करने के बराबर है.
इसी हंगामा खेज मौके पर ब्लागवुड के समाचार सुनिये

                             मिडियम वेब चार दो शुन्य मेगाहार्टज पर ये ब्लॉगवुड का रेडियो केन्द्र है , सभी श्रोताओं को रंग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।अब आप ललित शर्मन: से ब्लॉग वुड के बचे-खुचे मुख्य समाचार सुनिए।
टेक्स्ट में बांचिये इधर 




23.3.11

भगतसिंह का अन्तिम खत ......

शहीद भगतसिंह का अन्तिम खत ...दीपक "मशाल" की आवाज में





और ये रहा तीनों वीरों का लिखा संयुक्त पत्र 
महोदय,
उचित सम्मान के साथ हम नीचे लिखी बाते .आपकी सेवा में रख रहे हैं -
भारत की ब्रीटिश सरकार के सर्वोच्च अधिकारी वाइसराय ने एक विशेष अध्यादेश जारी करके लाहौर षड़यंत्र अभियोग की सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायधिकर्ण (ट्रिबुनल ) स्थापित किया था ,जिसने 7 अक्टुबर ,1930 को हमें फांसी का दंड सुनाया | ह
मारे विरुद्ध सबसे बड़ा आरोप यह लगाया गया हैं कि हमने सम्राट जार्ज पंचम के विरुद्ध युद्ध किया हैं |
न्यायालय के इस निर्णय से दो बाते स्पष्ट हो ज़ाती हैं -पहली यह कि अंग्रेजी जाति और भारतीय जनता के मध्य एक युद्ध चल रहा हैं |दूसरी यह हैं कि हमने निशचित रूप में इस युद्ध में भाग लिया है |अत: हम युद्ध बंदी हैं | यद्यपि इनकी व्याख्या में बहुत सीमा तक अतिशयोक्ति से काम लिया गया हैं , तथापि हम यह कहे बिना नहीं रह सकते कि ऐसा करके हमें सम्मानित किया गया हैं |पहली बात के सम्बन्ध में हमें तनिक विस्तार से प्रकाश डालना चाहते हैं |
हम नही समझते कि प्रत्यक्ष रूप से ऐसी कोई लड़ाई छिड़ी हुई हैं | हम नहीं जानते कि युद्ध छिड़ने से न्यायालय का आशय क्या हैं ? परन्तु हम इस व्याख्या को स्वीकार करते हैं और साथ ही इसे इसके ठीक सन्दर्भ को समझाना चाहते हैं | ………………….
पूरा पत्र "दखल की दुनियां" पर देखिये  

5.8.10

आओ-----------------जल्दी सुनो--------------------और बताओ-----------------------मालूम हो तो--------------

आज सिर्फ़ सुनिये -----------ये कविता --------------------और सुनकर बताइये--------------किसने लिखी है --------और अगर ये भी बता पाये कि किसने गाई है ---------------------तो मुझे खुशी होगी......................................



28.7.10

तलाश है---------------------- इस कविता के कवि की ..............................

आज सुनिए देवेन्द्र पाठक जी(मेरा भाई ) की आवाज में एक कविता ---जो बरसों से उनके जेहन में बसी है ---
अगर आप इसके रचयिता के बारे में जानते हो तो जरूर बताएं..........................(उनसे बिना अनुमति लिए यहाँ सुनवा रही हूँ मै -----माफ़ी चाहती हूँ.............)

27.7.10

आहत मन का छलकता गर्व--------------------आप भी महसूस कीजिए-------------------

आज सुनिए------------सतीश जी का ये गीत जो उन्होंने बीस साल पहले लिखा था...............आज भी ताजा- सा लगता है ...........
 १---



 इसे फ़िर सुने ----------------कुछ इस तरह से ........................
२---

 सतीश जी      के बारे में----

12.6.10

एक गीत.....................पॉड्कास्ट.......

मेरे प्रयास को सराहने केलिए मै आप सभी श्रोताओं  की आभारी हूँ.....आगे भी सहयोग मिलता रहेगा इसी कामना के साथ .............आपके सुझावों का स्वागत है.........
आज प्रस्तुत है................

 
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी की इस रचना को आप यहाँ पढ सकते हैं.................
http://uchcharan.blogspot.com/

10.6.10

एक लघुकथा....................पॉड्कास्ट.........

नमस्कार..............‘‘मिसफ़िट:सीधीबात‘‘ पाडकास्टर के रूप में मेरी पहली कोशिश  .............................आज इस ब्लॉग पर ये मेरा पहला प्रयास है ...................सुझाव सादर अपेक्षित है.........
आज सुनिए....... दीपक"मशाल" की लिखी एक लघुकथा................शीर्षक है ------"दाग अच्छे हैं"............. आप इसे यहाँ पढ सकते हैं

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6.3.10

जबलपुर से लन्दन व्हाया दिल्ली एंड लखनउ !!''भाग-01 /भाग-02

मुझे ये मालूम था की जी टाक पर एक बार में सिर्फ एक साथी से बात हो सकी शायद आप भी ये जानते ही हैं किन्तु आज रश्मि रविज़ा जी का इन्तजार था . किन्तु उन्हैं अपने ब्लॉग मन का पाखी जिसका लिंक ये http://mankapakhi.blogspot.com है पर आय एम् स्टील वेटिंग फॉर यु शचि लिंक http://mankapakhi.blogspot.com/2010/03/1.html शीर्षक से लघु उपन्यास डालनी थी सो सवाल ही नहीं उठाता. ..... इस बीच एक ग़ुमशुदा मित्र महफूज़ भाई हरे दिखाई दिए उनको काल किया दुनिया ज़हान की बातें चल ही रहीं थीं कि जीटाक से आने वाली काल अविनाश वाचस्पति जी की थी . और फिर हम तीनों बातों में जुट गए . उधर महफूज़ भाई की बात शिखा जी से चल रही थी इस बात का खुलासा रिकार्डिंग के बाद महफूज़ भाई ने किया वे बात चीत में महफूज़ भाई के ज़रिये शामिल थीं आइये उनकी भेजी कविता को देखें
लरजती सी टहनी पर
झूल रही है एक कली
सिमटी ,शरमाई सी
टिक जाती है
हर एक की नज़र
हाथ बढा देते हैं
सब उसको पाने को
पर वो नहीं खिलती
इंतज़ार करती है
बहार के आने का
कि जब बहार आए
तो कसमसा कर
खिल उठेगी वो
आती है बहार भी
खिलती है वो कली भी
पर इस हद्द तक कि
एक एक पंखुरी झड कर
गिर जाती है भू पर
जुदा हो कर
अपनी शाख से
मिल जाती है मिटटी में.
यही तो नसीब है
एक कली का
 अब सुनिए पाड कास्ट   भाग-01               भाग02

21.2.10

होली हंगामा पॉडकास्ट भाग 01

पूज्य एवं प्रियवर होली हंगामा पॉडकास्ट  भाग एक में हार्दिक स्वागत है
इस भाग में आप मिलिए  शरद कोकस,संगीता पुरी,अविनाश वाचस्पति,अनिता कुमार, दीपक मशाल जी से
और कल रात्रि अजय झा , शहरोज़, और रानी विशाल जी से,

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...