2.7.10

याद-------------पुरानी यादों की गठरी से ............................

आज जो गीत आप सुनने जा रहे हैं ,उसके गीतकार हैं--------- ये................ इस गीत की जानकारी मुझे इस ब्लॉग से हुई ..............आभार -----------इनका

आभार अपने उस मित्र का जो इस गीतकार के बारे मे लिखते हैं--"------
"धन्य है राकेश खंडेलवाल , जो बिना किसी सम्मान की इच्छा लिए माँ शारदा की आराधना में लगे हैं .."


     Get this widget |     Track details  |         eSnips Social DNA   

8 टिप्‍पणियां:

Satish Saxena ने कहा…

बहुत अच्छा प्रयत्न अर्चना जी ! आपने और गिरीश जी नए आयाम कायम कर रहे हैं ! शुभकामनायें !

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

हार्दिक बधाईयां उत्तम पोस्ट के लिये

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

geetkaar aur gayak dono ne hi
bahut sundar prastuti di hai

निर्मला कपिला ने कहा…

ार्चना जी धन्यवाद इतनी अच्छी पोस्ट के लिये।

सागर नाहर ने कहा…

सुन्दर रचना है और उतनी ही बढ़िया प्रस्तुति।

समयचक्र ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति सुन्दर रचना है...

दीपक 'मशाल' ने कहा…

अर्चना मासी जी का निःस्वार्थ भाव से ब्लॉग पर प्रकाशित गीतों, ग़ज़लों, कविताओं, कहानियों को स्वर देना सराहनीय, सम्मानीय और प्रशंसनीय कदम है..

राजीव तनेजा ने कहा…

दीपक जी की बात से पूर्णतया सहमत कि... निःस्वार्थ भाव से ब्लॉग पर प्रकाशित गीतों, ग़ज़लों, कविताओं, कहानियों को स्वर देना सराहनीय, सम्मानीय और प्रशंसनीय कदम है..

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...