आज मिलिये चैतन्य से...सुनिए चैतन्य की शिकायत...निकालिए कोई हल....
ये रही डा० मोनिका शर्मा की पोस्ट
डा०मोनिका शर्मा |
आप बङों को क्या समझाऊं
बोलूं तो कहते चुप रहो
चुप हूं तो कहते कुछ कहो
कोई राह सुझाओ तो.... मैं क्या करूं, मैं क्या करूं.........?(पूरा पढ़िये)
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परवाज़.....शब्दो... के पंख
10 टिप्पणियां:
चैतन्य की भावनाओं को स्वर देकर आपने और भी सुन्दर बना दिया।
आभार
Waah(Chaitanya ke liye), waah(Monika ji ke liye), waah(ye ab aapke liye.. :)
थैंक यूं अर्चना आंटी .... ढेर सारा प्यार आपको...
सुन्दर..
बहुत सुन्दर
हार्दिक आभार अर्चना जी इन शब्दों को जीवंत बनाने के लिए...... बहुत बहुत धन्यवाद
कहाँ मैं खेलूं चहकूं गाऊं.....कोई राह सुझाओ तो...
चैतन्य जी आपका मेरे घर में स्वागत है...यहां मम्मी जी की डांट या रोक-टोक का डर नहीं रहेगा...ये शरद मौसी का प्रॉमिस है।
चैतन्य की भावनाएं और अर्चनाजी आपकी आवाज दोनों ही बहुत सुन्दर...आभार..
अले चैतन्य यार....
अर्चना आंटी के घर में भी वही पुरानी समस्या लिए बैठे हो :-) अच्छा सुनों ....
अपने घर में, चहको गाओ
आओ मिलकर धूम मचाओ
मस्त हंसी चेहरे पर पाकर
बड़े लोग, हँसना सीखेंगे !
चैतन्या की हंसी देखकर, इस घर से चिंताएं भागें !
एक खिलखिलाहट के बदले सारे घर में रौनक आये !
चैतन्य तुम तो छाये हुए हो ... इत उत ... जित देखो उधर . अर्चना आंटी ने तो गजब ही ढा दिया न चैतन्य ? इनकी आवाज़ है ही मीठी ... खेलो,पढो-मस्त रहो
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