भ्रष्टाचार किस स्तर से समाप्त हो आज़ य सबसे बड़ा सवाल है ..? इसे कैसे समाप्त किया जावे यह दूसरा अहम सवाल है जबकि तीसरा सवाल न कह कर मैं कहूंगा कि :- भारत में-व्याप्त, भ्रष्टाचार न तो नीचे स्तर चपरासी या बाबू करता है न ही शीर्ष पर बैठा कॊई भी व्यक्ति, बल्कि हम जो आम आदमी हैं वो उससे भ्रष्टाचार कराते हैं या हम वो जो व्यवसाई हैं. जो कम्पनीं हैं, जो अपराधी है, जो आरोपी हैं वही तो करवातें है इन बिना रीढ़ वालों से भ्रष्टाचार. यानी हमारी सोच येन केन प्रकारेण काम निकालने की सोच है. मेरे एक परिचित बहुत दिनों से एक संकट से जूझ रहे हैं वे असफ़ल हैं वे आजकल के हुनर से नावाकिफ़ हैं दुनिया के लिये भले वे मिसफ़िट हों मेरी नज़र से वे सच्चे हिंदुस्तानी हैं. ऐसे लोग ही शेषनाग की तरह "सदाचार" को सर पर बैठा कर रखे हुए हैं,वरना दुनियां से यह सदाचार भी रसातल में चला जाता. ऐसे ही लोगों को मदद कर सकते हैं. ब्लागर के रूप में सचाई को सामने लाएं. एक बार जब सब कुछ सामने आने लगेगा तो साथियो पक्का है पांचवां-स्तम्भ सबसे आगे होगा. पर पवित्रता होना इसकी प्राथमिक शर्त है.सही बात तथ्य आधारित कही जावे, झूठ मन रचित , केवल क्षवि हनन करने के भाव से प्रेरित न हो छद्म नाम से कुछ भी स्वीकार्य न हो . सब साफ़ साफ़ स्पष्ट और देश के हित के लिये न कि ... स्वयम के हित के लिये.भ्रष्टाचार के प्रेरक और प्रेरित दौनो को ही बेनक़ाब किया जा सकता है. हिन्दी ब्लागिंग की ताक़त को समझने के लिये सबसे बेहतर अवसर है अगर भारत से भ्रष्टाचार को ख़त्म करना है ब्लागिंग एक बेहतरीन और नायाब प्लेटफ़ार्म साबित हो सकता है. किंतु इस आह्वान के भीतर से भयानक आहट निकल के आ रही है वो "यलो-सिटीज़न-जर्नलिज़्म". किंतु यदि एक संगठनात्मक संस्थागत तरीके से पूरी पवित्रता के साथ यह मुहिम छेड़ी जाए तो फ़िर किसी भी स्थिति में सफ़लता ही हाथ लगेगी यह तय है.चलिये आगे कदम बढ़ाएं सच्ची बात सबके सामने लाएं.
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