लगातार होती
बारिश
भिगो देती है
उन घरों को जमीन के भीतर
बने होते हैं.
निकल आते है
उन से
बिना रीढ़ वाले
जन्तु
सरे राह
डस लेते हैं
तभी उनको
पूजने का त्यौहार आता है
अब तो
जी हां
रोज़ पूजता हूं
शायद बारिश
बंद नही होती
रात-दिन आज़कल ..!!
औसत नवबौद्धों की तरह ब्राह्मणों को गरियाने वाले शांति स्वरूप बौद्ध ने अलबरूनी की भारत यात्रा पर संतराम बी ए लिखित कृति के ...