मुझे ये मालूम था की जी टाक पर एक बार में सिर्फ एक साथी से बात हो सकी शायद आप भी ये जानते ही हैं किन्तु आज रश्मि रविज़ा जी का इन्तजार था . किन्तु उन्हैं अपने ब्लॉग मन का पाखी जिसका लिंक ये http://mankapakhi.blogspot.com है पर आय एम् स्टील वेटिंग फॉर यु शचि लिंक http://mankapakhi.blogspot.com/2010/03/1.html शीर्षक से लघु उपन्यास डालनी थी सो सवाल ही नहीं उठाता. ..... इस बीच एक ग़ुमशुदा मित्र महफूज़ भाई हरे दिखाई दिए उनको काल किया दुनिया ज़हान की बातें चल ही रहीं थीं कि जीटाक से आने वाली काल अविनाश वाचस्पति जी की थी . और फिर हम तीनों बातों में जुट गए . उधर महफूज़ भाई की बात शिखा जी से चल रही थी इस बात का खुलासा रिकार्डिंग के बाद महफूज़ भाई ने किया वे बात चीत में महफूज़ भाई के ज़रिये शामिल थीं आइये उनकी भेजी कविता को देखें
लरजती सी टहनी पर
झूल रही है एक कली
सिमटी ,शरमाई सी
टिक जाती है
हर एक की नज़र
हाथ बढा देते हैं
सब उसको पाने को
पर वो नहीं खिलती
इंतज़ार करती है
बहार के आने का
कि जब बहार आए
तो कसमसा कर
खिल उठेगी वो
आती है बहार भी
खिलती है वो कली भी
पर इस हद्द तक कि
एक एक पंखुरी झड कर
गिर जाती है भू पर
जुदा हो कर
अपनी शाख से
मिल जाती है मिटटी में.
यही तो नसीब है
एक कली का
अब सुनिए पाड कास्ट भाग-01 भाग02
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शनिवार, मार्च 06, 2010
गुरुवार, मार्च 04, 2010
ब्लॉग की लेखिका शैफाली पांडे से बातचीत
कुमायूं का सौन्दर्य और जीवन की विवषताएं
मास्टरनी नामाऔर कुमायूनी चेली ब्लॉग की लेखिका शैफाली पांडे से हुई बातचीत के दौरान उन्हौने बताया कि ये मैं क्यों बताऊँ आप स्वयं सुन लीजिये कुमाऊं की बेटी के बारे में इतना ज़रूर कहूँगा कि वे पाजिटिव ऊर्जा से भरी हुईं हैं _______________________________________________
_______________________________________________
कुमाउनी गीत का इंतज़ार कुछ देर के लिए कीजिये
बुधवार, मार्च 03, 2010
''पाबला जी से खुली बातचीत !''
______________________________________________
साथियो आपका हार्दिक अभिवादन, होली के पूर्व श्री बी एस
पाबला से खुल कर चर्चा हुई . किन्तु नेट एवं अन्य विवषताओं
के चलते पाडकास्ट पोस्ट न कर सका. सादर प्रस्तुत है.
आपसे पाडकास्ट इंटरव्यू की कमियों की ओर इंगित कर
मुझे मार्गदर्शन दीजिये
भवदीय मुकुल
______________________________________________
बवाल मिथलेश और अनीता कुमार जी एक साथ
यह एपिसोड होली के दिन रिकॉर्ड किया है जिसे हू ब हू पेश कर रहा
याद आप यहाँ न सुन पाए तो ''इधर'' चटका लगाइए जी
_________________________________________________
प्रतीक्षा कीजिए शीघ्र ही होगी पाबला जी से धमाकेदार मुलाक़ात
हिन्दी ब्लागिंग में जारी झंझावातों पर खुल के बोले पाबला जी
________________________________________
मंगलवार, मार्च 02, 2010
सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता
सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता को कविता जी से हुई वार्ता के साथ लिंक्ड कर दिया था किन्तु शायद मित्र उनको नहीं सुन पाए आज इस वार्ता को पुन: प्रस्तुत कर रहा हूँ............
सोमवार, मार्च 01, 2010
कविता वाचक्नवी जी और सिद्धार्थ जोशी से बात चीत
कविता वाचक्नवी जी से बात चीत सादर प्रस्तुत है ..... ............सिद्धार्थ जोशी जी को सुनने के लिए ''यहाँ'' क्लिक कीजिये
रविवार, फ़रवरी 28, 2010
अविनाश जी से सुनिए आज के होली समाचार
आप भी इस कवि सम्मेलन का हिस्सा बनें
आप इस तकनीकी कवि सम्मेलन का हिस्सा होकर दुनिया भर के लाखों कविता प्रेमियों से सीधे जुड़ सकते हैं। प्रक्रिया बहुत सरल है। रश्मि प्रभा के साथ यदि आप भी अतिथि संचालक होना चाहते हैं तो भी हमें लिखें।
1॰ अपनी साफ आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके भेजें।
2॰ जिस कविता की रिकॉर्डिंग आप भेज रहे हैं, उसे लिखित रूप में भी भेजें।
3॰ अधिकतम 10 वाक्यों का अपना परिचय भेजें, जिसमें पेशा, स्थान, अभिरूचियाँ ज़रूर अंकित करें।
4॰ अपना फोन नं॰ भी भेजें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हम तुरंत संपर्क कर सकें।
5॰ कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे 128 kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
6॰ उपर्युक्त सामग्री भेजने के लिए ईमेल पता- podcast.hindyugm@gmail.com
7. मार्च 2010 अंक के लिए कविता की रिकॉर्डिंग भेजने की आखिरी तिथि- 21 मार्च 2010
8. मार्च 2010 अंक का पॉडकास्ट सम्मेलन रविवार, 28 मार्च 2010 को प्रसारित होगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी ''आवाज़'' पर पायें
अब सुनिए समाचार अविनाश जी से
आप इस तकनीकी कवि सम्मेलन का हिस्सा होकर दुनिया भर के लाखों कविता प्रेमियों से सीधे जुड़ सकते हैं। प्रक्रिया बहुत सरल है। रश्मि प्रभा के साथ यदि आप भी अतिथि संचालक होना चाहते हैं तो भी हमें लिखें।
1॰ अपनी साफ आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके भेजें।
2॰ जिस कविता की रिकॉर्डिंग आप भेज रहे हैं, उसे लिखित रूप में भी भेजें।
3॰ अधिकतम 10 वाक्यों का अपना परिचय भेजें, जिसमें पेशा, स्थान, अभिरूचियाँ ज़रूर अंकित करें।
4॰ अपना फोन नं॰ भी भेजें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हम तुरंत संपर्क कर सकें।
5॰ कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे 128 kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
6॰ उपर्युक्त सामग्री भेजने के लिए ईमेल पता- podcast.hindyugm@gmail.com
7. मार्च 2010 अंक के लिए कविता की रिकॉर्डिंग भेजने की आखिरी तिथि- 21 मार्च 2010
8. मार्च 2010 अंक का पॉडकास्ट सम्मेलन रविवार, 28 मार्च 2010 को प्रसारित होगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी ''आवाज़'' पर पायें
अब सुनिए समाचार अविनाश जी से
शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010
धोनी ने जिस कुएं का पानी पिया वो अदा जी के घर में ही
अदा जी से हुई बात चीत में हुए खुलासे
- रांची में अदा जी और धोनी ने जिस कुएं का पानी पीया है वो अदा जी के घर में ही
- अदा जी से विवाह के लिए उनके पिता जी को आवेदन पत्र पेश किया था संतोष जी ने
- अदा जी मिमिक्री आर्टिस्ट एंकर प्रोड्यूसर और पिछले छै महीने से हिन्दी-ब्लॉगर भी हैं
- अदा जी कविता,गज़ल,नृत्य,नाट्य,ध्वनि-आधारित कला साधिका हैं
अदा जी को कनाडा सरकार ने सम्मानित किया
गुरुवार, फ़रवरी 25, 2010
आज समीर भाई जम के पियेंगे
समीर जी का होली हंगामा
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
मित्रों, यह कोई कविता नहीं और न ही स्पष्टीकरण है.बस एक मजबूर का मजबूरियों का बखान है.
जिस मूड़ में लिखी गई है, उसी मूड में पढ़िये और आनन्द उठाईये.
इस मजबूरी में अन्तिम छंद चिट्ठाकारी को समर्पित है.
जब चाँद गगन में होता है
या तारे नभ में छाते हैं
जब मौसम की घुमड़ाई से
बादल भी पसरे जाते हैं
जब मौसम ठंडा होता है
या मुझको गर्मी लगती है
जब बारिश की ठंडी बूंदें
कुछ गीली गीली लगती हैं
तब ऐसे में बेबस होकर
मैं किसी तरह जी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
जब मिलन कोई अनोखा हो
या प्यार में मुझको धोखा हो
जब सन्नाटे का राज यहाँ
और कुत्ता कोई भौंका हो
जब साथ सखा कुछ मिल जायें
या एकाकी मन घबराये
जब उत्सव कोई मनता हो
या मातम कहीं भी छा जाये
तब ऐसे में मैं द्रवित हुआ
रो रो कर सिसिकी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
जब शोर गुल से सर फटता
या काटे समय नहीं कटता
जब मेरी कविता को सुनकर
खूब दाद उठाता हो श्रोता
जब भाव निकल कर आते हैं
और गीतों में ढल जाते हैं
जब उनकी धुन में बजने से
ये साज सभी घबराते हैं
तब ऐसे में मैं शरमा कर
बस होठों को सी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
जब पंछी सारे सोते हैं
या उल्लू बाग में रोते हैं
जब फूलों की खूशबू वाले
ये हवा के झोंके होते हैं
जब बिजली गुल हो जाती है
और नींद नहीं आ पाती है
जब दूर देश की कुछ यादें
इस दिल में घर कर जाती हैं
तब ऐसे में मैं क्या करता
रख लम्बी चुप्पी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
चिट्ठाकारी विशेष:
जब ढेरों टिप्पणी मिलती हैं
या मुश्किल उनकी गिनती है
जब कोई कहे अब मत लिखना
बस आपसे इतनी विनती है
जब माहौल कहीं गरमाता हो
या कोई मिलने आता हो
जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
ईमेल भेज बुलवाता हो.
तब ऐसे में मैं खुश होकर
बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
--समीर लाल 'समीर'
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
मित्रों, यह कोई कविता नहीं और न ही स्पष्टीकरण है.बस एक मजबूर का मजबूरियों का बखान है.
जिस मूड़ में लिखी गई है, उसी मूड में पढ़िये और आनन्द उठाईये.
इस मजबूरी में अन्तिम छंद चिट्ठाकारी को समर्पित है.
जब चाँद गगन में होता है
या तारे नभ में छाते हैं
जब मौसम की घुमड़ाई से
बादल भी पसरे जाते हैं
जब मौसम ठंडा होता है
या मुझको गर्मी लगती है
जब बारिश की ठंडी बूंदें
कुछ गीली गीली लगती हैं
तब ऐसे में बेबस होकर
मैं किसी तरह जी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
जब मिलन कोई अनोखा हो
या प्यार में मुझको धोखा हो
जब सन्नाटे का राज यहाँ
और कुत्ता कोई भौंका हो
जब साथ सखा कुछ मिल जायें
या एकाकी मन घबराये
जब उत्सव कोई मनता हो
या मातम कहीं भी छा जाये
तब ऐसे में मैं द्रवित हुआ
रो रो कर सिसिकी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
जब शोर गुल से सर फटता
या काटे समय नहीं कटता
जब मेरी कविता को सुनकर
खूब दाद उठाता हो श्रोता
जब भाव निकल कर आते हैं
और गीतों में ढल जाते हैं
जब उनकी धुन में बजने से
ये साज सभी घबराते हैं
तब ऐसे में मैं शरमा कर
बस होठों को सी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
जब पंछी सारे सोते हैं
या उल्लू बाग में रोते हैं
जब फूलों की खूशबू वाले
ये हवा के झोंके होते हैं
जब बिजली गुल हो जाती है
और नींद नहीं आ पाती है
जब दूर देश की कुछ यादें
इस दिल में घर कर जाती हैं
तब ऐसे में मैं क्या करता
रख लम्बी चुप्पी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
चिट्ठाकारी विशेष:
जब ढेरों टिप्पणी मिलती हैं
या मुश्किल उनकी गिनती है
जब कोई कहे अब मत लिखना
बस आपसे इतनी विनती है
जब माहौल कहीं गरमाता हो
या कोई मिलने आता हो
जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
ईमेल भेज बुलवाता हो.
तब ऐसे में मैं खुश होकर
बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
--समीर लाल 'समीर'
बुधवार, फ़रवरी 24, 2010
कुंवर मिथलेश दुबे ने तलाश ली है अपनी शरीके हयात ?पाडकास्ट
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ललित जी का नज़रिया देखिये हेड फोन लगाते नहीं बस डाँटते रहते है ललित भैया मुझे
भाई गिरीश बिल्लौरे जी ने जब से पोडकास्ट शुरू किया है...........वो की बोर्ड से लिखना ही भूल गये है.....अब बात भी पॉडकास्ट की भाषा में होती है...............बस दिन रात का एक ही काम रह गया है पॉडकास्ट......तो भैया समय हो तो कभी लिख भी लिए करो आज पॉडकास्ट में धमाल है विवेक रस्तोगी के साथ......सुनिए.......और गुनिये......... पदम् सिंग जी प्द्मावली पर एक बहुत विचारनीय स्मरण लेकर आये हैं......रेलवे स्टेशन पर घटी एक घटना ने इन्हें लिखने को मजबूर कर दिया.......छोटा सा बडप्पन......जब भी उधर से गुजरता हूँ , नज़रें ढूंढती रह जाती हैं उसे लेकिन फिर कभी नहीं दिखा मुझे वहां, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ शहर के रेलवे स्टेशन का जिक्र करता हूँ….. Friday, February 24, 2006 दोपहर के बाद का समय था…हलकी धूप थी. गुलाबी ठण्ड में थोड़ी धूप अच्छी भी लगती है और ज्यादा धूम गरम भी लगती है … स्टेशन पर बैठा इंतज़ार कर रहा था और ट्रेन लगभग एक घंटे बाद आने वाली थी ….. बेंच पर बैठे बैठे जाने क्या सोच रहा था …
सोमवार, फ़रवरी 22, 2010
रस्तोगी जी की कई प्रेमिकाओं का नाम 'भावना' है
रस्तोगी जी की कई प्रेमिकाओं का नाम 'भावना' है यकीन नहीं है तो सुन लीजिये खुद ही इस पाडकास्ट में
रविवार, फ़रवरी 21, 2010
होली हंगामा पॉडकास्ट भाग 01
पूज्य एवं प्रियवर होली हंगामा पॉडकास्ट भाग एक में हार्दिक स्वागत है
इस भाग में आप मिलिए शरद कोकस,संगीता पुरी,अविनाश वाचस्पति,अनिता कुमार, दीपक मशाल जी से
और कल रात्रि अजय झा , शहरोज़, और रानी विशाल जी से,
इस भाग में आप मिलिए शरद कोकस,संगीता पुरी,अविनाश वाचस्पति,अनिता कुमार, दीपक मशाल जी से
और कल रात्रि अजय झा , शहरोज़, और रानी विशाल जी से,
गुरुवार, फ़रवरी 18, 2010
महफूज़ भाई से बातचीत में ''नाईस'' का खुलासा हुआ
आदरणीय बंधुओ/भगनियो
सादर अभिवादन
महफूज़ भाई से हुई लम्बी बातचीत का अंतिम अंश पेश-ए-खिदमत है,
सादर अभिवादन
महफूज़ भाई से हुई लम्बी बातचीत का अंतिम अंश पेश-ए-खिदमत है,
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