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गुरुवार, जनवरी 26, 2012

मामाजी के दिलो दिमाग पे छा गई झांकी : मामीजी की चेहरे पर उत्साह के भाव थे गणतंत्र दिवस समारोह में : बेटी-बचाओ अभियान केंद्रित झांकी अव्वल


श्री युत के सी जैन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को सम्मानित करते हुए मामाजी 
जबलपुर मे महिला बाल विकास विभाग की झांकी प्रथम स्थान
पर रही. झांकी की  परिकल्पना:-गिरीश बिल्लोरे,मनीष शर्मा
मनीष सेठ, एवम जी.एस. लौवंशी ने की थी  निर्माण सहायक
श्री धीरज शाह  

जिले में शान-सम्मान और गरिमा से मनाया गया गणतंत्र दिवस
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर में फहराया राष्ट्र ध्वज
सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मुख्यमंत्री ने सराहा
मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं के साथ फोटो खिंचवाई
आकर्षण का केन्द्र रही झाँकियां
गौरवशाली 63वां गणतंत्र दिवस जबलपुर जिले में उत्साहउमंगशानसम्मान और गरिमा के साथसमारोहपूर्वक मनाया गया   जिला मुख्यालय पर यहां पंरविशंकर शुक्ल स्टेडियम मैदान में आयोजितमुख्य समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को शाल-श्रीफल भेंटकर मुख्यमंत्री नेसम्मानित किया   समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा मनोहारी एवं आकर्षक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमप्रस्तुत किये गये  मुख्यमंत्री ने शांति और अमन के प्रतीक रंगीन गुब्बारे आकाश की ओर छोड़े   पूरास्टेडियम थोड़े समय के लिए रंगीन गुब्बारेमय और आकर्षक हो गया 
गणतंत्र दिवस पर पंड़ित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह में प्रदेश के मुखियामुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रात: 9 बजे ध्वजारोहण किया   इसके उपरांत कलेक्टर गुलशन बामराऔर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के साथ जिप्सी में सवार होकर संयुक्त परेड का निरीक्षण किया   परेड मेंशामिल जवानों ने मधुर धुन के साथ हर्ष फायर किये और राष्ट्रपति के जयकारे लगाये 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 63वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेश वासियों का अभिवादन किया और बधाईदी   उन्होंने भारत माता की जाय के नारों के साथ संदेश वाचन प्रारंभ किया   उन्होंने कहा आज का दिनउन मूल्यों और प्रतिज्ञाओं के प्रति स्वयं को पुनसमर्पित करने का दिन है जिनके आधार पर स्वराज कीस्थापना हुई  मुख्यमंत्री ने कहा सरकार की कार्यशैली और विकास की हमारी अवधारणा समाज औरसरकार की सहभागिता पर आधारित है   इसीलिए प्रदेश का शासन-प्रशासन आम आदमी की खुशहालीऔर प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है   मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश की विकास यात्रा में समाज केसभी वर्गों को शामिल किया है                                               
गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा समाज के कमजोरऔर वंचित वर्गों के लोगों को उनके कल्याण और विकास की योजनाओं का बेहतर लाभ उपलब्ध कराने केलिए समग्र सुरक्षा कार्यक्रम
लागू किया जायेगा   उन्होंने कहा स्पर्श अभियान में प्रदेश में साढ़े आठ लाख नि:शक्त चिन्हित किये गये हैं  इनमें 7 लाख 15 हजार को प्रमाण पत्र देने के साथ एक लाख से ज्यादा कृत्रिम अंग भी उपलब्ध करायेगये 
मुख्यमंत्री ने कहा जबलपुर में चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापना के बाद अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कृषिअनुसंधान केन्द्र भी स्थापित होने जा रहा है  उन्होंने कहा राज्य सरकार खेती और किसानों की बेहतरी केलिए कार्य कर रही है 
मुख्य समारोह में आयोजित परेड का नेतृत्व रक्षित निरीक्षक मनोज वर्मा कर रहे थे   शानदार परेड कास्टेडियम में मौजूद लोगों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया   परेड में विशेष सशस्त्र बलयातायातजिलापुलिस बलमहिला पुलिस बलहोमगार्डएन.सी.सीजिसमें बालिका एवं बालक शामिल थे तथा स्काउटगाइड और बैंड दल 6वीं वाहिनी ने भाग लिया 
मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम:
            मुख्य समारोह में गुरूनानक विद्यालय मढ़ातालमॉडल स्कूल एवं हितकारिणी विद्यालयगोरखपुरमहारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालयशासकीय ब्यौहारबाग उच्चतरमाध्यमिक विद्यालय एवं एल.एनयादव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और चौधरी मदर केयर विद्यालय केछात्र-छात्राओं ने आकर्षक एवं मनोहारी क्रमशराईपंथीगरबाभांगड़ा और वंदेमातरम् पर आधारितनृत्य प्रस्तुत किये 

जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित झांकियां:

            मुख्य समारोह में महिला बाल विकासशहरी विकास अभिकरणकृषिनगर निगमजबलपुरविकास प्राधिकरणजिला पंचायतस्वास्थ्यलोक सेवा गारंटीशिक्षा केन्द्रश्रम, 108 एम्बुलेंस,पी.एच.., जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रवनउद्यानकेन्द्रीय जेलगन कैरिज फेक्टरी आदि अन्यविभागों ने मनोरम झांकियां प्रस्तुत की 
बेटी बचाओ को मिला प्रथम स्थान:
            जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित झांकियों में महिला बाल विकास विभाग की बेटीबचाओ पर आधारित झांकी को प्रथम स्थानजिला पंचायत की समग्र स्वच्छता को द्वितीय और कृषिविभाग की झांकी को तीसरा स्थन मिला 
                                  
            गतवर्ष टेंमर नदी में डूबने से 6 लोगों की प्राण रक्षा करने पर बरगी के बसीर खान और गोविंदसिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया  उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस के जवानों तथाअधिकारियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया   प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्र-छात्राओं कोबेहतर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शन के लिए शील्ड और प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये                                                                 परेड में प्रथम जिला पुलिस बल:
            मुख्य समारोह में परेड में ग्रुप  में प्रथम स्थान जिला पुलिस बल (पुरूषकोग्रुप बी में प्रथमस्थान होमगार्ड महिला और ग्रुप सी में प्रथम स्काउट गाइड गल्र्स को मिला 
संचालनकत्र्ता सम्मानित:
            मुख्य समारोह में विगत कई वर्षों से कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रदीप दुबे को प्रशस्ति पत्रदेकर मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया   कार्यक्रम में सह संचालन संदीपा स्थापक पचौरी ने किया 
मुख्यमंत्री ने सांस्कृति समूहों के बीच पहुंचकर ग्रुप फोटो करवाया:
            मुख्यमंत्री इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचे और उनकेसाथ फोटो खिचवाई   मुख्यमंत्री ने मंच से कार्यक्रम के अंत में कहा हो रही वर्षा को देखते हुए मैंनेसांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं करवाने के निर्देश कलेक्टर को दिये थे परन्तु मेरी बेटियों के आग्रह को मैंनेस्वीकार किया   आप सभी ने बहुत अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत किये गुरूजनों और छात्र-छात्राओं सभी कोबधाई   उन्होंने मंच से यह भी घोषणा की कल जबलपुर में स्कूल-कालेज में अवकाश रखा जायेगा 
ये रहे मौजूद:
            मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंहमहापौर प्रभात साहूविधायकसर्वश्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बूशरद जैनश्रीमती प्रतिभा सिंह एवं श्रीमती लॉरेन बीलोबोजिला पंचायतअध्यक्ष भारत सिंह यादवकुक्कुट पालन निगम के उपाध्यक्ष एस.केमुद्दीन,  जबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल शर्मानगर भाजपा अध्यक्ष डॉविनोद मिश्राभाजपा ग्रामीण अध्यक्ष आशीष दुबे,विनोद गोंटियासंभागायुक्त रवीन्द्र पस्तोरआई.जीव्हीमधुकुमारकलेक्टरपुलिस अधीक्षकस्वतंत्रतासेनानी स्थानीय जनप्रतिनिधिगणमान्य नागरिकअधिकारी-कर्मचारी आदि मौजूद थे 

सोमवार, जनवरी 23, 2012

मैं तुम्हारा आखिरी खत जाने किसके हाथ आऊं


मैं तुम्हारा
आखिरी खत जाने किसके हाथ आऊं
पढ़ो बस इक बार मुझको
नवल मैं संचार पाऊं !!
वेदनाएं हर किसी की कोई अब पढ़ता नहीं ..
 क्रोंच आहत देख कविता अब कवि गढ़ता नहीं..
सबको अपना अपना गाना है सुहाता ..
गीत अब समभाव के है कौन गाता..!!
चेतना प्रस्तर हुई .. वेदना नि:शब्द है
युग भयातुर वक़्त भी अभिशप्त है !!
चलो ऐसे में चिंतन करें चिंता छोड़ दें..
भयावह भावों के मुहाने मोड़ दें..!!
            * गिरीश मुकुल

शुक्रवार, जनवरी 20, 2012

मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा न मांडी जाए रंगोली जिस दर पे वो दर कैसा ?


मधुर सुर  सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा 
 मांडी जाए रंगोली जिस दर पे वो दर कैसा ?
********************
बिना बेटी के घर लगते अमावस की घुप रातें 
 रु झु पायलें बजतीं  होती हैं मृदुल बातें
 दीवारों पे  रौक और  देहरी से चमक गायब-
देखता जो भी सोचे ये घर तो है मगर कैसा ..?
                       मधुर सुर  सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा 
********************
वो बेटी ही तो होती है कुलों को जोड़ लेती है
अगर अवसर मिले तो वो मुहाने मोड़ देती है
युगों से  बेटियों को तुम परखते हो  जाने क्यूं..?
म लेने तो दो उसको जम-लेने से डर कैसा..?
                          मधुर सुर  सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा
******************** 
पालने से पालकी तक की  चिंता छोड़ के आना
वो बेटों से भी बेहतर है ये चिंत जोड़ ते लाना
उसे तुमने जो अब मारा धरा दरकेगी ये तय है-
उसे ताक़त बनाओगे जमाने से डर कैसा 
                         मधुर सुर  सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा 

गुरुवार, जनवरी 19, 2012

भट्ट साब को भट्टा सुलगाने के लिये जिस आग की ज़रूरत थी वो मिल ही गई.:गिरीश बिल्लोरे

एक पोर्न स्टार की आमद से तहलका मचाने वाली खबरों का आना माया नगरी के भट्ट साब को भट्टा सुलगाने के लिये जिस आग की ज़रूरत थी वो मिल ही गई. भट्ट कैम्प के  दर्शकों के लिये सुखद खबर थी उधर भट्टा जलाने  आस लगाए भट्ट जी की बाछैं खिल गईं. तब तक भट्ट कैम्प के पंजीकृत दर्शक ?.. भट्ट जी का भट्टा कब आग पकड़ेगा इस गुंताड़े में जिस्म-2 के पोस्टर को सामने रख मद्यपान कर उनके गुनगान कर रहे हैं. यानी भारत में इन महाशय के अलावा किसी की ताक़त नहीं कि वे "नैतिक-भ्रष्टाचार" कर सके . बिग बास के पांचवें सत्र में भी सन्नी को लाना बिग बास की "भीड़ जुटाओ : धन कमाओ" के अतिरिक्त और कुछ न था. यानी कुल मिलाकर किसी भी सूरत में नोट कमाएं. इस सब के चलते खबरची भाई लोग काहे पीछे रहते. करीना से लेकर पता नहीं कौन कौन सी खबरें छापते रहे.यानी कुल मिला कर देश में इस प्रकार नैतिक भ्रष्टाचार की मुखालफ़त करने के लिये एक और अन्ना जी की ज़रूरत है जो इस तरह की संस्कार हीन परिस्थितियों को रोकने की कोशिश करे.    वैसे सबको विश्वास  है कि अपना सेंसर बोर्ड पर जो जिस्म-2 कैंची नहीं चलाएगा महेश भाई के रसूख और तर्क के  आगे कौन नहीं झुक सकता.है. खैर जो भी हो हम-आप अगर सब मिल कर गंदगी को हटाने की मुहिम छेड़ दें तो शायद मायानगरी के  "नैतिक-भ्रष्टाचार" के खिलाफ़ जन मानस बनेगा ये तय है.  

क़रीब दिल के क़िताब रखना !

टेक्स्ट

                  क़रीब दिल के क़िताब रखना !
                  छिपा के उसमें गुलाब रखना !
                   नज़र में पहली ये प्यार कैसा -
                   नज़र-नज़र का हिसाब रखना !
                   लबों से बिखरे हंसी अचानक -
                   तो लब पे हाज़िर ज़वाब रखना !
                   हां कह दो जाके सितमग़रों से
                   है रब को आता हिसाब रखना !
                   हां इक कमीं है मुकुल में यारो-
                   नहीं सुहाता हिसाब रखना !!
                           * गिरीश बिल्लोरे "मुकुल”

बुधवार, जनवरी 18, 2012

फिलीस्तीनियों के "वापसी के अधिकार" को समाप्त करना


डैनियल
पाइप्स

1967 से 1993 के मध्य पश्चिमी तट या गाजा से कुछ सैकडों की संख्या में ही फिलीस्तीनियों ने इजरायली अरब लोगों से विवाह कर (जो कि इजरायल की कुल जनसंख्या का पाँचवा भाग हैं) और इजरायल की नागरिकता प्राप्त कर इजरायल में निवास करने के अधिकार को प्राप्त किया। इसके बाद ओस्लो समझौते ने कम चर्चित परिवार पुनर्मिलन प्रावधानों के द्वारा इस छोटी सी धारा को एक नदी में परिवर्तित कर दिया। 1994 से 2002 के मध्य फिलीस्तीन अथारिटी के 137,000 निवासी इजरायल में आ चुके हैं और उनमें से अनेक छल और बहुविवाह में संलिप्त हैं।
इजरायल के समक्ष दो कारण हैं जिसके चलते उसे इस अनियंत्रित आप्रवास से चिंतित होना चाहिये। पहला, यह सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न करता है। शिन बेट सुरक्षा सेवा के प्रमुख युवाल दिस्किन ने 2005 में ध्यान दिलाया था कि आतंक की गतिविधियों में लिप्त पाये गये 225 इजरायली अरब में से 25 जो कि 11 प्रतिशत है अवैध रूप से परिवार पुनर्मिलन प्रावधानों के तहत इजरायल में प्रविष्ट हुए थे। वे 19 इजरायलियों को मारने आये और 83 को घायल किया और उनमें से सबसे अधिक दुष्ट शादी तुबासी था जिसने कि 2002 में हमास की ओर से हाइफा के माज्जा रेस्टोरेंट पर आत्मघाती आक्रमण किया और 15 लोगों की ह्त्या की।
दूसरा, यह चोरी छुपे फिलीस्तीनियों के " वापसी के अधिकार" के रूप में कार्य करता है और इजरायल के यहूदी स्वरूप को कमतर बनाता है। जो 137,000 नये नागरिक इजरायल में आये हैं वे इजरायल की कुल जनसंख्या का 2 प्रतिशत हैं जो कि कम संख्या नहीं है। युवाल स्टीनिज जो कि अब वित्त मन्त्री हैं उन्होंने 2003 में ही फिलीस्तीन अथारिटी की परिवार पुनर्मिलन की नीति को इजरायल में फिलीस्तीनियों की संख्या बढाने और इसके यहूदी चरित्र को कमतर करने के प्रयास के रूप में आँक लिया था। बाद में एक फिलीस्तीनी मध्यस्थ अहमद क़ुरेयी ने इस आशंका को सही सिद्ध किया , " यदि इजरायल सीमा के सम्बंध में हमारी योजना को अस्वीकार करता है ( एक फिलीस्तीनी राज्य ) तो हमें इजरायल की नागरिकता की माँग करनी चाहिये"
इन दो खतरों की प्रतिक्रिया में इजरायल की संसद ने जुलाई 2003 में " इजरायली कानून में नागरिकता और प्रवेश" कानून पारित किया। इस कानून के अंतर्गत फिलीस्तीनी परिवारों को स्वतः ही इजरायल की नागरिकता या निवास को प्रतिबंधित कर दिया गया और इसके साथ कुछ तदर्थ और सीमित अपवाद लगा दिये गये जिसके द्वारा गृह मंत्रालय को यह प्रमाणित करना होता है कि वे स्वयं को इजरायल के साथ जुडा हुआ पाते हैं और अन्य प्रकार से सहायक हैं। काफी कटु आलोचना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने वर्ष 2005 में इस बात को दुहराया , " इजरायल राज्य को अपने यहूदी चरित्र को संरक्षित रखने और बनाये रखने का पूरा अधिकार है चाहे इसका अर्थ यह भी हो कि इससे नागरिकता की नीति पर भी प्रभाव पड्ता हो" ।
इस कानून को चुनौती देने वाले वकील सावसान जाहेर के अनुसार अपवाद के कुल 3,000 प्रार्थना पत्र में से केवल 33 को ही संस्तुति दी गयी। परिवार पुनर्मिलन के मामले में कठोर प्रावधान अपनाने वाला इजरायल अकेला देश नहीं है उदाहरण के लिये डेनमार्क में ऐसा कानून दशकों से प्रयोग में है यदि अन्य लोगों को छोड दें तो इस देश का इजरायल का पति भी नीदरलैंड और आस्ट्रिया की तरह ही एक मुकद्दमा लड रहा है।
पिछले सप्ताह इजरायल के सर्वोच्च न्यायालय ने 6-5 के बहुमत से इस मह्त्वपूर्ण कानून को स्थाई बना दिया। किसी व्यक्ति के विवाह के अधिकार को मान्यता देते हुए भी न्यायालय ने इस बात से इंकार कर दिया कि इसके साथ ही निवास का अधिकार भी प्राप्त होता है। न्यायालय के मनोनीत प्रधान अशर दन ग्रुनिस ने अपने बहुमत के निर्णय में अपने विचार व्यक्त किये , " मानवाधिकार राष्ट्रीय आत्मह्त्या का निर्देश नहीं है" ।
यहूदियों की ओर फिलीस्तीनी आप्रवास की यह परिपाटी 1882 से आरम्भ हुई जब यूरोप के यहूदियों ने अपना अलिया ( उत्थान का हिब्रू शब्द , जिसका अर्थ है इजरायल भूमि के लिये आप्रवास) । उदाहरण के लिये विन्स्टन चर्चिल ने इस बात को पाया था कि किस प्रकार फिलीस्तीन में यहूदी आप्रवास से उसी प्रकार अरब आप्रवास को उत्प्रेरणा मिली। , " उत्पीडन से कहीं दूर अरब लोग देश में बडी संख्या में भर गये और अपने को कई गुना बढाया जब तक कि उनकी जनसंख्या बढ नहीं गयी"।
संक्षेप में, आपको इजरायलवाद ( जायोनिस्ट) के उच्च स्तरीय जीवन और कानून पालक समाज का लाभ प्राप्त करने के लिये यहूदी होना आवश्यक नहीं है। इस विषय के एक छात्र जान पीटर्स का अनुमान है कि एक दोहरा यहूदी और अरब आप्रवासी " कम से कम बराबर सापेक्ष का" 1893 से 1948 के मध्य विकसित हुआ। इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है , अन्य आधुनिक यूरोपवासी जो कि कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बसे ( आस्ट्रेलिया और अफ्रीका) और ऐसे समाज का निर्माण किया जिन्होंने कि मूलवंशियों को भी आकर्षित किया।
फिलीस्तीनी अलिया की यह परिपाटी इजरायल के जन्म के समय से ही जारी है। वे इजरायलवाद विरोधी ( जायोनिस्ट विरोधी) हो सकते हैं लेकिन आर्थिक आप्रवासी, राजनीतिक विद्रोही , समलैंगिक , सूचनाकर्ता और सामान्य मतदाता जो आत्मनिर्भर हैं वे फिलीस्तीन अथारिटी या हमास के नर्क के गर्त की अपेक्षा मध्य पूर्व के विशिष्ट आधुनिक और उदार राज्य को पसंद करते हैं। और यह भी ध्यान देने योग्य है कि कुछ इजरायली अरब ही अपने विवाहित जोडे के साथ पश्चिमी तट और गाजा में रहना पसंद करते है जबकि कोई भी कानूनी बाधा उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकती।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का एक दीर्घकालिक मह्त्व है। जैसा किIsrael Hayom में एली हजान ने लिखा है, " न्यायालय ने अघोषित और घोषित दोनों ही प्रकार से निर्णय दे दिया है कि इजरायल एक यहूदी राज्य है, और इसके साथ ही वर्षों पुरानी बहस का समाधान कर दिया है" । पिछले दरवाजे से " वापसी के अधिकार" को बंद करने से इजरायल की इजरायलवादी ( जायोनिस्ट) पहचान और भविष्य सुरक्षित हो गया।


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